Wednesday, 25 June 2025

कविता. ५५४९. दिशाओं की महफिल अक्सर।

                        दिशाओं की महफिल अक्सर।

दिशाओं की महफिल अक्सर आशाओं संग एहसास सुनाती है सपनों को अंदाजों की मुस्कान अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर जज्बातों संग कोशिश सुनाती है नजारों को लम्हों की अहमियत अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर दास्तानों संग सरगम सुनाती है जज्बातों को बदलावों की रोशनी अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर अरमानों संग आवाज सुनाती है तरानों को इशारों की‌ पहचान अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर लहरों संग सौगात सुनाती है उजालों को उम्मीदों की कोशिश अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर तरानों संग अरमान सुनाती है अफसानों को कदमों की राह अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर अल्फाजों संग सोच सुनाती है खयालों को आशाओं की सरगम अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर नजारों संग पहचान सुनाती है इशारों को एहसासों की आहट अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर धाराओं संग दास्तान सुनाती है लहरों को किनारों की परख अक्सर तलाश दिलाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर राहों संग मुस्कान सुनाती है बदलावों को अरमानों की सोच अक्सर तलाश दिलाती है।

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