Wednesday, 18 June 2025

कविता. ५५४२. अंदाजों की पुकार संग।

                           अंदाजों की पुकार संग।

अंदाजों की पुकार संग अरमानों की तलाश एहसास दिलाती है कदमों की सौगात अक्सर पहचान संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग आवाजों की धून अल्फाज दिलाती है उजालों की मुस्कान अक्सर बदलाव संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग आशाओं की रोशनी नजारा दिलाती है जज्बातों की आहट अक्सर खयाल संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग तरानों की कोशिश इशारा दिलाती है किनारों की परख अक्सर दास्तान संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग उम्मीदों की समझ आवाज दिलाती है अल्फाजों की सोच अक्सर जज्बात संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग नजारों की सौगात तलाश दिलाती है तरानों की सरगम अक्सर अहमियत संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग अफसानों की लहर आहट दिलाती है दास्तानों की पहचान अक्सर परख संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग उजालों की सुबह आस दिलाती है आशाओं की रोशनी अक्सर सोच संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग दिशाओं की कोशिश इशारा दिलाती है किनारों की दास्तान अक्सर राह संग उमंग देकर जाती है।

अंदाजों की पुकार संग लम्हों की सौगात दास्तान दिलाती है एहसासों की आस अक्सर अफसाना संग उमंग देकर जाती है।

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