Tuesday, 3 June 2025

कविता. ५५२७. एक उम्मीद संग।

                                एक उम्मीद संग।

एक उम्मीद संग आवाजों की धून पहचान दिलाती है अंदाजों को सपनों की आहट बदलाव दिलाती है लम्हों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग जज्बातों की पुकार सोच दिलाती है अरमानों को कदमों की आस रोशनी दिलाती है किनारों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग इशारों की तलाश एहसास दिलाती है अल्फाजों को नजारों की उमंग लहर दिलाती है इरादों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग उजालों की राह आवाज दिलाती है दास्तानों को लहरों की कहानी उम्मीद दिलाती है तरानों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग दिशाओं की परख खयाल दिलाती है अरमानों को किनारों की मुस्कान अफसाना दिलाती है अदाओं की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग दास्तानों की कोशिश एहसास दिलाती है तरानों को जज्बातों की आस पुकार दिलाती है कदमों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग अरमानों की सौगात तराना दिलाती है बदलावों को धाराओं की समझ पहचान दिलाती है लहरों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग अल्फाजों की तलाश रोशनी दिलाती है एहसासों को अफसानों की समझ आवाज दिलाती है जज्बातों की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग एहसासों की सरगम खयाल दिलाती है किनारों को उजालों की अहमियत पुकार दिलाती है कोशिश की सुबह दिलाती है।

एक उम्मीद संग कदमों की आहट पहचान दिलाती है सपनों को इरादों की तलाश एहसास दिलाती है राहों की सुबह दिलाती है।


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