Saturday, 7 June 2025

कविता. ५५३१. तरानों को बदलावों की।

                            तरानों को बदलावों की।

तरानों को बदलावों की पुकार उमंग दिलाती है लहरों को खयालों की समझ दास्तान दिलाती है जज्बातों को आशाओं की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की सोच एहसास दिलाती है राहों को अरमानों की रोशनी अंदाज दिलाती है उजालों को सपनों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की पहचान उम्मीद दिलाती है धाराओं को इशारों की आहट अफसाना दिलाती है कदमों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की आस कोशिश दिलाती है अंदाजों को सपनों की कहानी सरगम दिलाती है उम्मीदों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की लहर अल्फाज दिलाती है आशाओं को अफसानों की सोच तलाश दिलाती है दिशाओं की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की रोशनी इरादा दिलाती है दास्तानों को अदाओं की धून आवाज दिलाती है एहसासों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की परख सहारा दिलाती है उजालों को आशाओं की सरगम तराना दिलाती है कदमों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की समझ तलाश दिलाती है अंदाजों को उम्मीदों की सौगात किनारा दिलाती है इशारों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की आहट उजाला दिलाती है नजारों को खयालों की सरगम पहचान दिलाती है लहरों की मुस्कान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की सुबह अफसाना दिलाती है किनारों को आवाजों की धून सहारा दिलाती है अफसानों की मुस्कान दिलाती है।

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