Friday, 27 June 2025

कविता. ५५५१. आशाओं को अंदाजों की।

                         आशाओं को अंदाजों की।

आशाओं को अंदाजों की पुकार अफसाना सुनाती है नजारों की सोच अक्सर एहसासों की कोशिश देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की उमंग सपना सुनाती है अरमानों की रोशनी अक्सर दास्तानों की सरगम देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की समझ खयाल‌ सुनाती है तरानों की पहचान अक्सर लहरों की कहानी देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की सौगात तलाश सुनाती है उजालों की सुबह अक्सर आवाजों की‌ धून‌ देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की परख इशारा सुनाती है किनारों की मुस्कान अक्सर जज्बातों की आहट देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की सुबह पहचान सुनाती है दिशाओं की महफिल अक्सर अदाओं की सौगात देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की आस अहमियत सुनाती है कदमों की आस अक्सर तरानों की लहर देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की राह कोशिश सुनाती है इशारों की समझ अक्सर अफसानों की अदा देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की आवाज एहसास सुनाती है तरानों की सरगम अक्सर जज्बातों की पुकार देकर आगे जाती है।

आशाओं को अंदाजों की तलाश अल्फाज सुनाती है नजारों की आहट अक्सर बदलावों की रोशनी देकर आगे जाती है।

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कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

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