Wednesday, 4 June 2025

कविता. ५५२८. आवाज किसी किनारे संग।

                       आवाज किसी किनारे संग।

आवाज किसी किनारे संग सपनों की सरगम देती है उजालों को आशाओं की पहचान कहानी सुनाती है जज्बातों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग अरमानों की सोच देती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया अफसाना सुनाती है अदाओं की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग अंदाजों की तलाश देती है इशारों को जज्बातों की पुकार खयाल सुनाती है नजारों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग दिशाओं की समझ देती है तरानों को बदलावों की आस लहर सुनाती है इरादों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग एहसासों की सौगात देती है खयालों को सपनों की अहमियत तराना सुनाती है उम्मीदों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग धाराओं की कोशिश देती है लम्हों को अरमानों की परख आस सुनाती है दिशाओं की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग लहरों की पुकार देती है दास्तानों को जज्बातों की समझ तलाश सुनाती है राहों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग जज्बातों की सरगम देती है अंदाजों को इरादों की सोच अफसाना सुनाती है अरमानों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग दास्तानों की परख देती है राहों को कदमों की सौगात आहट सुनाती है लहरों की रोशनी दिलाती है।

आवाज किसी किनारे संग अदाओं की सुबह देती है दिशाओं को अफसानों की उमंग आस सुनाती है तरानों की रोशनी दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...