Saturday 22 May 2021

कविता. ४०८८. सुबह को अरमानों कि।

                                                   सुबह को अरमानों कि।

सुबह को अरमानों कि तलाश आशाएं देती है तरानों को बदलावों कि सुबह अल्फाज देती है जज्बातों से मिलकर मुस्कान सहारे देती है दिशाओं को दास्तानों कि समझ कोशिश देती है नजारों को एहसासों कि सौगात इशारा देती है अंदाजों को नजारों कि सरगम अफसाना देती है लहरों को उजालों कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि समझ अफसाना देती है राहों को उम्मीदों कि सरगम पुकार देती है किनारों से जुडकर रोशनी आस देती है तरानों को बदलावों कि सुबह पहचान देती है कदमों को अफसानों कि परख किनारा देती है किनारों संग राहों को लहरों कि पुकार राह देती है एहसासों को दिशाओं कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि सौगात इशारा देती है लहरों को अफसानों कि परख कोशिश देती है तरानों से मिलकर पुकार नजारा देती है अंदाजों को आशाओं कि कहानी सहारा देती है दिशाओं को तरानों कि सरगम पहचान देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ कोशिश देती है अदाओं को नजारों कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि सरगम पुकार देती है आशाओं को अंदाजों कि पहचान नजारा देती है इशारों से जुडकर राह तलाश देती है एहसासों को लम्हों कि कोशिश पुकार देती है किनारों को अदाओं कि कहानी अल्फाज देती है कदमों को इशारों कि आस जज्बात देती है तरानों को सपनों मे आशाओं कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि नजारा सपना देती है किनारों को जज्बातों कि पुकार तराना देती है कदमों से मिलकर आस एहसास देती है लहरों को आवाजों कि धून अफसाना देती है खयालों को इरादों कि समझ अहमियत देती है रोशनी को उम्मीदों कि परख सरगम देती है अल्फाजों को उमंग कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि जज्बात परख देती है कदमों को अंदाजों कि समझ सरगम देती है लहरों से जुडकर रोशनी पहचान देती है किनारों को जज्बातों कि पुकार कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि परख नजारा देती है दास्तानों को खयालों कि समझ आवाज देती है दिशाओं को दास्तानों कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि तलाश तराना देती है अफसानों को आशाओं कि कहानी कोशिश देती है सपनों से मिलकर परख उमंग देती है दिशाओं को दास्तानों कि अदाएं पहचान देती है कदमों को इरादों कि समझ अफसाना देती है उजालों को आशाओं कि सौगात पुकार देती है लहरों को अफसानों कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि लहर अल्फाज देती है अदाओं को नजारों कि तलाश बदलाव देती है रोशनी से जुडकर पुकार अफसाना देती है अल्फाजों को खयालों कि सौगात इशारा देती है किनारों को कोशिश कि आस पहचान देती है कदमों को इशारों कि पहचान सरगम देती है किनारों को जज्बातों कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि सरगम पुकार देती है किनारों को आशाओं कि कहानी सौगात देती है दिशाओं से मिलकर परख देती है नजारों को एहसासों कि समझ अफसाना देती है दास्तानों को जज्बातों कि सरगम सपना देती है लहरों को अफसानों कि परख बदलाव देती है कदमों को आशाओं कि सोच देती है।

सुबह को अरमानों कि परख नजारा देती है लहरों को अफसानों कि पुकार रोशनी देती है जज्बातों से जुडकर तलाश देती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं पुकार देती है किनारों को इरादों कि अहमियत रोशनी देती है अल्फाजों को इरादों से राहों कि सोच देती है।




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