Wednesday 30 November 2022

कविता. ४६४१. इशारों कि सरगम से।

                               इशारों कि सरगम से।

इशारों कि सरगम से तलाश दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि कोशिश अहमियत देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि आहट एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से किनारा दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ अफसाना देकर जाती है तरानों को अरमानों कि पुकार एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से सहारा दिलाती है उजालों को सपनों कि लहर बदलाव देकर जाती है अल्फाजों को राहों कि अहमियत एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से दास्तान दिलाती है अंदाजों को किनारों कि सोच पहचान देकर जाती है लहरों को इशारों कि बदलाव एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से परख दिलाती है कदमों को अरमानों कि पुकार सौगात देकर जाती है दिशाओं को लहरों कि कोशिश एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से आवाज दिलाती है जज्बातों को अदाओं कि सुबह खयाल देकर जाती है आशाओं को अल्फाजों कि सोच एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से आस दिलाती है लहरों को अफसानों कि समझ बदलाव देकर जाती है किनारों को सपनों कि पहचान एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से सपना दिलाती है किनारों को खयालों कि सोच अरमान देकर जाती है आवाजों को अंदाजों कि परख एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से उमंग दिलाती है आवाजों को राहों कि सुबह दास्तान देकर जाती है दास्तानों को अदाओं कि सहारा एहसास दिलाती है।

इशारों कि सरगम से कोशिश दिलाती है सपनों को अरमानों कि पुकार कोशिश देकर जाती है तरानों को उजालों कि आस एहसास दिलाती है।

Tuesday 29 November 2022

कविता. ४६४०. दास्तान से राहों कि।

                                  दास्तान से राहों कि।

दास्तान से राहों कि पहचान इशारा सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है लम्हों कि सरगम संग इशारों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि पुकार आवाज सुनाती है लहरों को नजारों कि सौगात मुस्कान दिलाती है अरमानों कि सुबह संग आशाओं कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि मुस्कान तलाश सुनाती है इरादों को अदाओं कि परख बदलाव दिलाती है अल्फाजों कि सोच संग तरानों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि सरगम कोशिश सुनाती है आशाओं को किनारों कि उमंग अहमियत दिलाती है लहरों कि सरगम संग दिशाओं कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि समझ सपना सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सोच आवाज दिलाती है इशारों कि सुबह संग कदमों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि सोच खयाल सुनाती है अदाओं को उजालों कि सुबह अफसाना दिलाती है अरमानों कि राह संग आशाओं कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि कोशिश तराना सुनाती है खयालों को इशारों कि समझ नजारा दिलाती है आवाजों कि धून संग बदलावों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि सौगात तलाश सुनाती है एहसासों को अदाओं कि सोच आस दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान संग जज्बातों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि पहचान इशारा सुनाती है खयालों को नजारों कि तलाश किनारा दिलाती है अदाओं कि परख संग किनारों कि रोशनी लाती है।

दास्तान से राहों कि लहर पहचान सुनाती है लम्हों को उम्मीदों कि आस सरगम दिलाती है इरादों कि कोशिश संग अफसानों कि रोशनी लाती है।

Monday 28 November 2022

कविता. ४६३९. उम्मीद कि लहर अक्सर।

                                   ‌  उम्मीद कि लहर अक्सर।

उम्मीद कि लहर अक्सर एहसासों कि सुबह दिलाती है लम्हों को खयालों से आशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है राहों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर आवाजों कि सरगम दिलाती है कदमों को अदाओं से इरादों कि अहमियत अफसाना सुनाती है अंदाजों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर आशाओं कि सौगात दिलाती है नजारों को दिशाओं से खयालों कि कोशिश अरमान सुनाती है तरानों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अंदाजों कि रोशनी दिलाती है जज्बातों को किनारों से अरमानों कि पुकार बदलाव सुनाती है उजालों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर दिशाओं कि आस दिलाती है अंदाजों को बदलावों से तरानों कि सोच कोशिश सुनाती है लम्हों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर जज्बातों कि मुस्कान दिलाती है किनारों को अल्फाजों से बदलावों कि राह आवाज सुनाती है खयालों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अदाओं कि सुबह दिलाती है अफसानों को कोशिश से एहसासों कि कोशिश आस सुनाती है तरानों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अफसानों कि समझ दिलाती है नजारों को कदमों से आशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है जज्बातों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर बदलावों कि सोच दिलाती है इशारों को दास्तानों से नजारों कि सोच परख सुनाती है अल्फाजों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है अदाओं को किनारों से अफसानों कि समझ सपना सुनाती है कदमों कि धाराएं देकर जाती है।

Sunday 27 November 2022

कविता. ४६३८. दिशाओं संग रोशनी अक्सर।

                                 दिशाओं संग रोशनी अक्सर।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर एहसासों के इशारे दिलाती है लम्हों को अंदाजों कि आहट तराने सुनाती है किनारों से आशाओं कि सरगम अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर दास्तानों के सहारे दिलाती है नजारों को खयालों कि समझ सपना सुनाती है कदमों से आवाजों कि धून अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर तरानों के किनारे दिलाती है जज्बातों को लहरों कि कोशिश सुबह सुनाती है इरादों से उजालों कि राह अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर अल्फाजों के उजाले दिलाती है कदमों को इरादों कि सौगात पहचान सुनाती है नजारों से बदलावों कि कोशिश अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर कदमों के अफसाने दिलाती है लहरों को इशारों कि परख सुबह सुनाती है एहसासों से अंदाजों कि आस अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर नजारों के दास्ताने दिलाती है बदलावों को अदाओं कि सौगात तलाश सुनाती है खयालों से उम्मीदों कि लहर अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर अल्फाजों के किनारे दिलाती है खयालों को नजारों कि पहचान पुकार सुनाती है जज्बातों से बदलावों कि सोच अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर लम्हों के अफसाने दिलाती है आवाजों को अदाओं कि परख कोशिश सुनाती है इरादों से उजालों कि राह अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर जज्बातों के उम्मीदे दिलाती है लहरों को दास्तानों कि पहचान आवाज सुनाती है एहसासों से आशाओं कि सौगात अरमान जगाती है।

दिशाओं संग रोशनी अक्सर अंदाजों के तराने दिलाती है कदमों को अफसानों कि समझ किनारा सुनाती है अल्फाजों से जज्बातों कि मुस्कान अरमान जगाती है।

Saturday 26 November 2022

कविता. ४६३७ सपनों कि आस अक्सर।

                                              सपनों कि आस अक्सर।

सपनों कि आस अक्सर आशाओं कि सरगम आवाज सुनाती है तरानों को अरमानों कि कोशिश सहारा देती है लम्हों को खयालों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर अंदाजों कि रोशनी किनारा सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट अरमान देती है राहों को दास्तानों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर दिशाओं कि समझ तलाश सुनाती है आशाओं को बदलावों कि सोच सुबह देती है उजालों को किनारों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर दास्तानों कि परख अफसाना सुनाती है इशारों को उम्मीदों कि आवाज सरगम देती है खयालों को अदाओं कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर तरानों कि सुबह अल्फाज सुनाती है लहरों को इशारों कि सोच खयाल देती है आशाओं को बदलावों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर दास्तानों कि राह आवाज सुनाती है लम्हों को नजारों कि पहचान परख देती है किनारों को अंदाजों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर उजालों कि उमंग एहसास सुनाती है कदमों को तरानों कि पुकार कोशिश देती है नजारों को अदाओं कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर इरादों कि पुकार अल्फाज सुनाती है जज्बातों को दास्तानों कि सोच किनारा देती है आवाजों को कदमों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर अफसानों कि सोच अरमान सुनाती है इरादों को आशाओं कि मुस्कान सरगम देती है अंदाजों को बदलावों कि सौगात देती है।

सपनों कि आस अक्सर जज्बातों कि तलाश पहचान सुनाती है लहरों को इशारों कि सुबह दास्तान देती है उम्मीदों को अफसानों कि सौगात देती है।

Friday 25 November 2022

कविता. ४६३६. उम्मीदों को कदमों कि आहट।

                             उम्मीदों को कदमों कि आहट।

उम्मीदों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है किनारों को अंदाजों कि आहट कोशिश सुनाती है लहरों कि सरगम से एहसासों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट सौगात देती है नजारों को दिशाओं कि समझ सपना सुनाती है आवाजों कि धून से अरमानों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट खयाल देती है आशाओं को बदलावों कि सोच तलाश सुनाती है सपनों कि लहर से अफसानों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट एहसास देती है जज्बातों को अदाओं कि मुस्कान तराना सुनाती है लम्हों कि पहचान से दिशाओं कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट सहारा देती है खयालों को इशारों कि सौगात अरमान सुनाती है उजालों कि अहमियत से खयालों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट सोच देती है इरादों को आशाओं कि सुबह कोशिश सुनाती है तरानों कि कोशिश से अंदाजों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट तलाश देती है सपनों को राहों कि सरगम आस सुनाती है एहसासों कि सुबह से अफसानों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट पुकार देती है अल्फाजों को किनारों कि सोच अरमान सुनाती है लहरों कि परख से अदाओं कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट आवाज देती है लहरों को इशारों कि सौगात कोशिश सुनाती है बदलावों कि पहचान से दास्तानों कि रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों कि आहट सुबह देती है तरानों को उजालों कि राह अफसाना सुनाती है लम्हों कि अहमियत से आशाओं कि रोशनी दिलाती है।

Thursday 24 November 2022

कविता. ४६३५. उजालों कि सुबह अक्सर।

                                 उजालों कि सुबह अक्सर। 

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि तलाश देती है नजारों को दिशाओं संग अरमान सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि सरगम देती है कदमों को राहों संग आवाज सुनाती है एहसासों को अदाओं कि परख आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि सोच देती है तरानों को अरमानों संग सोच सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सौगात आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि परख देती है उम्मीदों को कदमों संग तलाश सुनाती है अल्फाजों को राहों कि रोशनी आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि पहचान देती है लहरों को इशारों संग जज्बात सुनाती है इशारों को आवाजों कि धून आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि दास्तान देती है सपनों को एहसासों संग मुस्कान सुनाती है उम्मीदों को कदमों कि आहट आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि पुकार देती है इशारों को दास्तानों संग खयाल सुनाती है लहरों को अफसानों कि समझ आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि आहट देती है खयालों को अंदाजों संग एहसास सुनाती है इरादों को किनारों कि मुस्कान आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि सरगम देती है अदाओं को नजारों संग आवाज सुनाती है इशारों को अल्फाजों कि राह आस दिलाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि कोशिश देती है तरानों को अफसानों संग बदलाव सुनाती है अंदाजों को खयालों कि समझ आस दिलाती है।

Wednesday 23 November 2022

कविता. ४६३४. रोशनी कि मुस्कान से।

                                  रोशनी कि मुस्कान से।

रोशनी कि मुस्कान से दिशाओं कि कहानी आवाज सुनाती है तरानों को अरमानों कि कोशिश सहारा दिलाती है लहरों कि पहचान आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से आशाओं कि सरगम कोशिश सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट खयाल दिलाती है लम्हों कि सुबह आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से दास्तानों कि परख अरमान सुनाती है नजारों को राहों कि सौगात उमंग दिलाती है इशारों कि समझ आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से तरानों कि सौगात नजारा सुनाती है उजालों को सपनों कि लहर पुकार दिलाती है जज्बातों कि सोच आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से आवाजों कि धून तलाश सुनाती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच एहसास दिलाती है कदमों कि आहट आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से उजालों कि पुकार अफसाना सुनाती है किनारों को अल्फाजों कि परख कोशिश दिलाती है लम्हों कि पहचान आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से कदमों कि राह अहमियत सुनाती है दास्तानों को एहसासों कि आवाज सपना दिलाती है लहरों कि सुबह आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से जज्बातों कि समझ सपना सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सोच पुकार दिलाती है खयालों कि सौगात आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से दिशाओं कि सोच तलाश सुनाती है लम्हों को खयालों कि उमंग पहचान दिलाती है तरानों कि सरगम आस देती है।

रोशनी कि मुस्कान से अदाओं कि परख बदलाव सुनाती है नजारों को राहों कि परख किनारा दिलाती है उम्मीदों कि सौगात आस देती है।

Tuesday 22 November 2022

कविता. ४६३३. सपनों कि पुकार से।

                                      सपनों कि पुकार से।

सपनों कि पुकार से आशाओं कि सरगम सुनाती है कदमों कि आहट के आवाजों कि धून संग कोशिश दिलाती है जज्बातों कि सोच अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से दिशाओं कि समझ सुनाती है किनारों कि मुस्कान के नजारों कि सोच संग सरगम दिलाती है लहरों कि सौगात अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से दास्तानों कि पहचान सुनाती है अदाओं कि लहर के अफसानों कि परख संग आस दिलाती है अल्फाजों कि मुस्कान अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से अदाओं कि सौगात सुनाती है जज्बातों कि मुस्कान के दिशाओं कि समझ संग बदलाव दिलाती है अंदाजों कि परख अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से कदमों कि आस सुनाती है दिशाओं कि सुबह के अरमानों कि पुकार संग कोशिश दिलाती है उजालों कि लहर अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से जज्बातों कि लहर सुनाती है लम्हों कि आहट के इशारों कि सौगात संग अल्फाज दिलाती है आशाओं कि सरगम अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से अंदाजों कि राह सुनाती है अरमानों कि पहचान के नजारों कि सरगम संग आस दिलाती है किनारों कि सोच अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से तरानों कि सुबह सुनाती है नजारों कि परख के अफसानों कि रोशनी संग एहसास दिलाती है लम्हों कि आहट अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से नजारों कि तलाश सुनाती है बदलावों कि रोशनी के अल्फाजों कि मुस्कान संग उमंग दिलाती है जज्बातों कि राह अक्सर खयाल देती है।

सपनों कि पुकार से किनारों कि सोच सुनाती है तरानों कि कोशिश के कदमों कि आवाज संग आस दिलाती है उम्मीदों कि सरगम अक्सर खयाल देती है।


Monday 21 November 2022

कविता. ४६३२. एहसासों को उम्मीदों कि।

                                     एहसासों को उम्मीदों कि।

एहसासों को उम्मीदों कि समझ अरमान सुनाती है आशाओं कि कहानी अक्सर आवाजों कि धून पहचान देती है सपनों से अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि सोच अल्फाज सुनाती है नजारों कि सोच अक्सर दास्तानों कि परख अहमियत देती है उजालों से दिशाओं कि समझ सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि लहर कोशिश सुनाती है तरानों कि सुबह अक्सर अंदाजों कि रोशनी खयाल देती है कदमों से जज्बातों कि मुस्कान सरगम दिलाती है।

एहसासों कोशिश उम्मीदों कि सौगात तलाश सुनाती है लम्हों कि पुकार अक्सर इशारों कि आस अफसाना देती है किनारों से आशाओं कि राह सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि पुकार सपना सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर बदलावों कि अदा उमंग देती है जज्बातों से लहरों कि खयाल सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि परख लम्हा सुनाती है अरमानों कि सुबह अक्सर उजालों कि समझ किनारा देती है अफसानों से दास्तानों कि अदा सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि राह बदलाव सुनाती है लहरों कि कोशिश अक्सर खयालों कि सोच रोशनी देती है इशारों से अंदाजों कि पुकार सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि उमंग सौगात सुनाती है नजारों कि पहचान अक्सर आवाजों कि तलाश सहारा देती है अदाओं से इरादों कि सुबह सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि आवाज खयाल सुनाती है अंदाजों कि आस अक्सर कदमों कि आहट अहमियत देती है दास्तानों से आशाओं कि तलाश सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि रोशनी दास्तान सुनाती है तरानों कि पुकार अक्सर उजालों कि राह अल्फाज देती है अरमानों से लहरों कि सौगात सरगम दिलाती है।


Sunday 20 November 2022

कविता. ४६३१. राहों पर एक आस।

                                       राहों पर एक आस।

राहों पर एक आस इशारा देती है लम्हों को सपनों का सहारा देती है दास्तानों कि पुकार कोशिश दिलाती है नजारों को दिशाओं संग अरमान जगाती है।

राहों पर एक आस अफसाना देती है कदमों को अदाओं का सुबह देती है नजारों कि सोच आवाज दिलाती है जज्बातों को किनारों संग खयाल जगाती है।

राहों पर एक आस किनारा देती है आवाजों को बदलावों का तराना देती है उजालों कि सुबह दास्तान दिलाती है इशारों को लम्हों संग अल्फाज जगाती है।

राहों पर एक आस कोशिश देती है आशाओं को जज्बातों का खयाल देती है तरानों कि समझ तलाश दिलाती है एहसासों को अदाओं संग समझ जगाती है।

राहों पर एक आस सोच देती है अंदाजों को इरादों का तराना देती है उम्मीदों कि लहर सरगम दिलाती है कदमों को उजालों संग सुबह जगाती है।

राहों पर एक आस पुकार देती है किनारों को सपनों का अफसाना देती है अंदाजों कि रोशनी परख दिलाती है आवाजों को उम्मीदों संग सौगात जगाती है।

राहों पर एक आस उमंग देती है लहरों को अल्फाजों का जज्बात देती है अदाओं कि पहचान उमंग दिलाती है नजारों को खयालों संग मुस्कान जगाती है।

राहों पर एक आस दास्तान देती है सपनों को एहसासों का आवाज देती है किनारों कि सोच बदलाव दिलाती है अंदाजों को आशाओं संग लहर जगाती है।

राहों पर एक आस बदलाव देती है दिशाओं को अरमानों का इशारा देती है दास्तानों कि तलाश सोच दिलाती है इशारों को लम्हों संग पहचान जगाती है।

राहों पर एक आस किनारा देती है उजालों को सपनों का एहसास देती है कदमों कि आहट अरमान दिलाती है अदाओं को अंदाजों संग परख जगाती है।


Saturday 19 November 2022

कविता. ४६३०. तरानों कि पुकार से।

                                           तरानों कि पुकार से।

तरानों कि पुकार से आशाओं कि सुबह सहारा देती है दास्तानों को एहसासों कि समझ सपना सुनाती है अदाओं कि परख से जज्बातों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से अंदाजों कि आस सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच कोशिश सुनाती है उजालों कि सौगात से कदमों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से खयालों कि समझ लहर देती है नजारों को दिशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है दास्तानों कि सुबह से सपनों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से अदाओं कि परख पहचान देती है आशाओं को अदाओं कि परख किनारा सुनाती है लम्हों कि उमंग से राहों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से दिशाओं कि सौगात आस देती है लम्हों को खयालों कि सरगम उम्मीद सुनाती है जज्बातों कि सोच से एहसासों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से आवाजों कि धून अरमान देती है कदमों को अंदाजों कि आस बदलाव सुनाती है नजारों कि पहचान से लहरों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से दास्तानों कि रोशनी कोशिश देती है उम्मीदों को किनारों कि सुबह आवाज सुनाती है सपनों कि आहट से अरमानों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से लहरों कि सरगम धून देती है अल्फाजों को राहों कि पहचान इरादा सुनाती है इरादों कि सौगात से दास्तानों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से राहों कि अहमियत अंदाज देती है किनारों को सपनों कि सौगात कोशिश सुनाती है इशारों कि रोशनी से कदमों कि तलाश देती है।

तरानों कि पुकार से किनारों कि सोच कोशिश देती है लहरों को इशारों कि अरमान परख सुनाती है आवाजों कि धून से खयालों कि तलाश देती है।

Friday 18 November 2022

कविता. ४६२९ अंदाजों को बदलावों कि।

                                           अंदाजों को बदलावों कि।

अंदाजों को बदलावों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लहरों से अल्फाजों कि अरमान जज्बात सुनाती है कदमों कि राह आशाओं से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सोच खयाल दिलाती है नजारों से सपनों कि कोशिश आस सुनाती है खयालों कि समझ अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सुबह दास्तान दिलाती है अदाओं से इरादों कि सौगात एहसास सुनाती है किनारों कि कोशिश अरमानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि कोशिश आस दिलाती है दिशाओं से तरानों कि पहचान पुकार सुनाती है इशारों कि आहट आवाजों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सौगात पहचान दिलाती है कदमों से आवाजों कि सरगम सुबह सुनाती है दिशाओं कि कहानी जज्बातों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि राह कोशिश दिलाती है लहरों से किनारों कि मुस्कान पहचान सुनाती है लम्हों कि आहट अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि परख रोशनी दिलाती है आशाओं से कदमों कि पुकार सोच सुनाती है अरमानों कि पुकार दास्तानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि पुकार अरमान दिलाती है दास्तानों से आशाओं कि सरगम एहसास सुनाती है लहरों कि सरगम खयालों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सुबह एहसास दिलाती है अदाओं से इरादों कि कोशिश जज्बात सुनाती है नजारों कि सोच अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि आस इशारा दिलाती है नजारों से सपनों कि पहचान मुस्कान सुनाती है लम्हों कि पुकार अरमानों से तलाश देकर जाती है।

Thursday 17 November 2022

कविता. ४६२८. इशारों कि सौगात से।

                                        इशारों कि सौगात से। 

इशारों कि सौगात से कोशिश अक्सर सोच दिलाती है तरानों को अरमानों कि सुबह दास्तान सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से उमंग अक्सर खयाल दिलाती है अदाओं को नजारों कि पहचान पुकार सुनाती है दिशाओं को कदमों कि आहट बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से तलाश अक्सर आस दिलाती है लहरों को एहसासों कि रोशनी सपना सुनाती है आवाजों को राहों कि मुस्कान बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से लहर अक्सर कोशिश दिलाती है अंदाजों को जज्बातों कि मुस्कान परख सुनाती है उजालों को आशाओं कि सोच बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से समझ अक्सर इरादा दिलाती है नजारों को दिशाओं कि कहानी कोशिश सुनाती है लहरों को किनारों कि परख बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से उम्मीद अक्सर परख दिलाती है राहों को इरादों कि सुबह अफसाना सुनाती है अल्फाजों को जज्बातों कि आस बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से तलाश अक्सर खयाल दिलाती है अदाओं को किनारों कि सोच पुकार सुनाती है लम्हों को दास्तानों कि सुबह बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से सोच अक्सर रोशनी दिलाती है आवाजों को राहों कि तलाश आवाज सुनाती है एहसासों को अदाओं कि पुकार बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से अरमान अक्सर लहर दिलाती है खयालों को नजारों कि मुस्कान सरगम सुनाती है आशाओं को दिशाओं कि आस बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से उमंग अक्सर परख दिलाती है इरादों को दास्तानों कि रोशनी पहचान सुनाती है आवाजों को सपनों कि लहर बदलाव देती है।

इशारों कि सौगात से समझ अक्सर तराना दिलाती है खयालों को अंदाजों कि परख एहसास सुनाती है दास्तानों को उम्मीदों कि राह बदलाव देती है।

Wednesday 16 November 2022

कविता. ४६२७. सपनों कि आस अक्सर।

                                   सपनों कि आस अक्सर। 

सपनों कि आस अक्सर तलाश दिलाती है लहरों को इशारों कि रोशनी अफसाना देती है कदमों कि आहट अक्सर अरमानों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर परख दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ अल्फाज देती है जज्बातों कि सोच अक्सर उम्मीदों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर बदलाव दिलाती है राहों को अंदाजों कि कोशिश सुबह देती है तरानों कि पुकार अक्सर उजालों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर सौगात दिलाती है लम्हों को खयालों कि सोच इशारा देती है लम्हों कि रोशनी अक्सर दिशाओं कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर सुबह दिलाती है इरादों को आशाओं कि सरगम परख देती है बदलावों कि मुस्कान अक्सर अदाओं कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों कि रोशनी किनारा देती है अरमानों कि परख अक्सर खयालों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर उमंग दिलाती है अंदाजों को बदलावों कि कोशिश बदलाव देती है आवाजों कि सरगम अक्सर कदमों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर उम्मीद दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ पुकार देती है दास्तानों कि आवाज अक्सर किनारों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर सोच दिलाती है आशाओं को जज्बातों कि मुस्कान अदा देती है राहों कि कोशिश अक्सर उजालों कि पहचान दिलाती है।

सपनों कि आस अक्सर मुस्कान दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि परख रोशनी देती है नजारों कि सोच अक्सर आवाजों कि पहचान दिलाती है।

Tuesday 15 November 2022

कविता. ४६२६. किनारों को सपनों कि।

                                      किनारों को सपनों कि।

किनारों को सपनों कि लहर अरमान जगाती है आशाओं कि सरगम से अंदाजों कि आस अल्फाज सुनाती है राहों कि कोशिश अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि राह मुस्कान जगाती है खयालों कि समझ से आशाओं कि सरगम तलाश सुनाती है लम्हों कि पुकार अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि आस सौगात जगाती है अरमानों कि पुकार से आवाजों कि धून दास्तान सुनाती है तरानों कि पहचान अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि रोशनी बदलाव जगाती है अदाओं कि परख से जज्बातों कि सोच अफसाना सुनाती है इशारों कि सुबह अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि सरगम सपना जगाती है नजारों कि कोशिश से लम्हों कि आहट पहचान सुनाती है आशाओं कि आस अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि सुबह आवाज जगाती है उजालों कि राह से उम्मीदों कि कोशिश बदलाव सुनाती है खयालों कि समझ अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि कोशिश अंदाज जगाती है इशारों कि पुकार से दिशाओं कि समझ नजारा सुनाती है लहरों कि रोशनी अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि तलाश इशारा जगाती है कदमों कि आहट से अरमानों कि पुकार समझ सुनाती है जज्बातों कि सोच अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि सौगात अदा जगाती है दिशाओं कि कहानी से एहसासों कि सुबह तराना सुनाती है अंदाजों कि परख अहमियत देती है।

किनारों को सपनों कि परख रोशनी जगाती है बदलावों कि सोच से आवाजों कि सरगम पहचान सुनाती है दास्तानों कि मुस्कान अहमियत देती है।


Monday 14 November 2022

कविता. ४६२५. उजालों कि पुकार अक्सर।

                                    उजालों कि पुकार अक्सर।

उजालों‌ कि पुकार अक्सर आशाओं कि तलाश दिलाती है एहसासों कि सोच से आवाजों कि परख पहचान सुनाती है कदमों कि राह बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि सुबह दिलाती है किनारों कि मुस्कान से अरमानों कि सौगात खयाल सुनाती है कोशिश कि तलाश बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर अदाओं कि पहचान दिलाती है कदमों कि आहट से अंदाजों कि आस दास्तान सुनाती है तरानों कि सुबह बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर दिशाओं कि समझ दिलाती है सपनों कि अल्फाज से कदमों कि आहट अहमियत सुनाती है नजारों कि सोच बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर जज्बातों कि आस दिलाती है लहरों कि सरगम से खयालों कि पहचान इशारा सुनाती है आवाजों कि समझ बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर राहों कि मुस्कान दिलाती है इशारों कि रोशनी से जज्बातों कि उमंग कोशिश सुनाती है तरानों कि परख बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर तरानों कि समझ दिलाती है लम्हों कि कोशिश से आशाओं कि सरगम तलाश सुनाती है अदाओं कि सौगात बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि आहट दिलाती है नजारों कि लकीर से अरमानों कि मुस्कान तराना सुनाती है आवाजों कि धून बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर इशारों कि परख दिलाती है दिशाओं कि सोच से एहसासों कि रोशनी जज्बात सुनाती है लहरों कि सरगम बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर आवाजों कि धून दिलाती है इरादों कि सौगात से अंदाजों कि आस सरगम सुनाती है दास्तानों कि मुस्कान बदलाव देती है।

Sunday 13 November 2022

कविता. ४६२४. उमंग के सपनों कि।

                                             उमंग के सपनों कि।

उमंग के सपनों कि आहट पहचान दिलाती है लम्हों कि रोशनी से उजालों कि सुबह अफसाना देती है आशाओं को बदलावों कि सौगात एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि लहर कोशिश दिलाती है नजारों कि सोच से अंदाजों कि रोशनी अरमान देती है कदमों को जज्बातों कि मुस्कान एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि राह खयाल दिलाती है लहरों कि सरगम से इशारों कि सौगात नजारा देती है दास्तानों को आवाजों कि धून एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सुबह तलाश दिलाती है आशाओं कि राह से उम्मीदों कि पहचान पुकार देती है इशारों को लम्हों कि आहट एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि आस अल्फाज दिलाती है अंदाजों कि बदलाव से इरादों कि राह पहचान देती है किनारों को सपनों कि लहर एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि परख अरमान दिलाती है राहों कि रोशनी से जज्बातों कि सरगम इशारा देती है नजारों को दिशाओं कि सुबह एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि समझ परख दिलाती है अरमानों कि सौगात से दास्तानों कि पहचान उम्मीद देती है अंदाजों को खयालों कि रोशनी एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सौगात सरगम दिलाती है एहसासों कि सोच से तरानों कि सुबह इरादा देती है कदमों को उजालों कि परख एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सोच तलाश दिलाती है उजालों कि आस से जज्बातों कि मुस्कान आस देती है तरानों को अल्फाजों कि राह एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि कोशिश नजारा दिलाती है लहरों कि सरगम से अंदाजों कि परख रोशनी देती है आशाओं को बदलावों कि सोच एहसास देती है।

Saturday 12 November 2022

कविता. ४६२३. अदाओं को कदमों कि।

                                      अदाओं को कदमों कि।

अदाओं को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है किनारों को अदाओं से दास्तानों कि तलाश सुनाती है अल्फाजों कि मुस्कान कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि आस सरगम दिलाती है लम्हों को खयालों से उम्मीदों कि समझ सुनाती है तरानों कि सुबह कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि राह अरमान दिलाती है लहरों को इशारों से अंदाजों कि आस सुनाती है नजारों कि सोच कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि सुबह दास्तान दिलाती है राहों को किनारों से आशाओं कि पुकार सुनाती है जज्बातों कि मुस्कान कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि परख खयाल दिलाती है नजारों को बदलावों से उजालों कि आस सुनाती है अंदाजों कि पहचान कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि समझ आस दिलाती है दास्तानों को सपनों से एहसासों कि लहर सुनाती है लम्हों कि पुकार कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि सोच पहचान दिलाती है इशारों को आशाओं से जज्बातों कि मुस्कान सुनाती है इरादों कि सौगात कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि पुकार बदलाव दिलाती है राहों को अंदाजों से आशाओं कि सरगम सुनाती है खयालों कि आस कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि राह अरमान दिलाती है बदलावों को लम्हों से आवाजों कि धून सुनाती है अफसानों कि समझ कोशिश देकर जाती है।

अदाओं को कदमों कि रोशनी उमंग दिलाती है जज्बातों को किनारों से तरानों कि सुबह सुनाती है अरमानों कि आस कोशिश देकर जाती है।


Friday 11 November 2022

कविता. ४६२२. राह को लहरों कि।

                                                 राह को लहरों कि।

राह को लहरों कि सरगम पुकार दिलाती है दास्तानों कि परख अक्सर जज्बातों कि मुस्कान देती है तरानों को अरमानों कि पुकार कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि सुबह एहसास दिलाती है नजारों कि सोच अक्सर उम्मीदों कि पहचान देती है खयालों को अंदाजों कि आस कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि सौगात आस दिलाती है लम्हों कि पुकार अक्सर तरानों कि समझ देती है कदमों को अफसानों कि सोच कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि परख रोशनी दिलाती है खयालों कि समझ अक्सर इशारों कि सोच देती है किनारों को सपनों कि लहर कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि सरगम अंदाज दिलाती है जज्बातों कि सुबह अक्सर आवाजों कि धून देती है आवाजों को अदाओं कि परख कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि उमंग पहचान दिलाती है दिशाओं कि समझ अक्सर कदमों कि आहट देती है जज्बातों को एहसासों कि मुस्कान कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि सोच किनारा दिलाती है उम्मीदों कि आहट अक्सर अरमानों कि पुकार देती है उजालों को सपनों कि अफसाना कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि तलाश सुबह दिलाती है अंदाजों कि आस अक्सर बदलावों कि सौगात देती है कदमों को अदाओं कि परख कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि समझ सपना दिलाती है खयालों कि परख अक्सर इशारों कि पहचान देती है आशाओं को बदलावों कि अदा कोशिश सुनाती है।

राह को लहरों कि उम्मीद मुस्कान दिलाती है सपनों कि सौगात अक्सर दास्तानों कि आस देती है खयालों को एहसासों कि रोशनी कोशिश सुनाती है।


Thursday 10 November 2022

कविता. ४६२१. किनारों को सपनों कि।

                                          किनारों को सपनों कि।

किनारों को सपनों कि लहर अरमान दिलाती है जज्बातों कि सोच अक्सर अल्फाज सुनाती है कदमों कि आहट से राहों कि मुस्कान दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि सुबह कोशिश दिलाती है लम्हों कि पुकार अक्सर पहचान सुनाती है इशारों कि सौगात से दिशाओं कि समझ दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि आस एहसास दिलाती है नजारों कि रोशनी अक्सर परख सुनाती है तरानों कि पहचान से बदलावों कि सौगात दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि आवाज सरगम दिलाती है उजालों कि सुबह अक्सर बदलाव सुनाती है खयालों कि समझ से अंदाजों कि सोच दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि राह मुस्कान दिलाती है आशाओं कि सरगम अक्सर आस सुनाती है उम्मीदों कि लहर से अदाओं कि परख दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि रोशनी पुकार दिलाती है उम्मीदों कि समझ अक्सर बदलाव सुनाती है इरादों कि रोशनी से तरानों कि सरगम दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि उमंग पहचान दिलाती है खयालों कि सोच अक्सर अरमान सुनाती है आवाजों कि धून से कदमों कि आहट दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि तलाश इशारा दिलाती है नजारों कि पहचान अक्सर अफसाना सुनाती है अदाओं कि परख से जज्बातों कि सुबह दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि आस सरगम दिलाती है दिशाओं कि सौगात अक्सर खयाल सुनाती है तरानों कि पहचान से लहरों कि पुकार दास्तान देती है।

किनारों को सपनों कि सुबह परख दिलाती है इशारों कि अहमियत अक्सर आस सुनाती है बदलावों कि कोशिश से लम्हों कि आस दास्तान देती है।

Wednesday 9 November 2022

कविता. ४६२०. आशाओं को अदाओं कि।

                                      आशाओं को अदाओं कि।

आशाओं को अदाओं कि समझ सपना सुनाती है नजारों कि सोच अक्सर जज्बातों कि तलाश दिलाती है लम्हों को खयालों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि सौगात तराना सुनाती है लहरों कि सुबह अक्सर दिशाओं कि समझ दिलाती है खयालों को उजालों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि लहर मुस्कान सुनाती है इरादों कि आस अक्सर बदलावों कि सौगात दिलाती है जज्बातों को कदमों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि पहचान आवाज सुनाती है दिशाओं कि समझ अक्सर अरमानों कि रोशनी दिलाती है आशाओं को जज्बातों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि सरगम बदलाव सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर एहसासों कि सोच दिलाती है इरादों को अदाओं कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि सुबह दास्तान सुनाती है अदाओं कि परख अक्सर दास्तानों कि अदा दिलाती है अल्फाजों को उजालों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि परख अरमान सुनाती है दिशाओं कि सौगात अक्सर इरादों कि कोशिश दिलाती है जज्बातों को लम्हों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि राह तलाश सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर अफसानों कि परख दिलाती खयालों को इशारों कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि रोशनी किनारा सुनाती है लहरों कि सुबह अक्सर तरानों कि सरगम दिलाती है कदमों को अदाओं कि पुकार देती है।

आशाओं को अदाओं कि कोशिश इशारा सुनाती है लम्हों कि आहट अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान दिलाती है बदलावों को दिशाओं कि पुकार देती है।

Tuesday 8 November 2022

कविता. ४६१९. उम्मीद को आवाजों कि।

                                   उम्मीद को आवाजों कि।

उम्मीद को आवाजों कि सौगात सरगम सुनाती है किनारों संग सपनों कि कोशिश अरमान दिलाती है अदाओं कि पहचान सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि आस सुबह सुनाती है लम्हों संग आशाओं कि सौगात तलाश दिलाती है लहरों कि अहमियत सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि राह अल्फाज सुनाती है नजारों संग आवाजों कि धून पुकार दिलाती है आशाओं कि सरगम सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि कोशिश बदलाव सुनाती है इशारों संग खयालों कि समझ सपना दिलाती है जज्बातों कि सोच सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि परख अफसाना सुनाती है तरानों संग अदाओं कि सौगात पहचान दिलाती है उजालों कि राह सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि अदा इशारा सुनाती है खयालों संग उजालों कि राह अरमान दिलाती है दास्तानों कि पुकार सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि मुस्कान खयाल सुनाती है सपनों संग नजारों कि सोच कोशिश दिलाती है तरानों कि सुबह सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि रोशनी तलाश सुनाती है लहरों संग एहसासों कि समझ सपना दिलाती है इरादों कि सौगात सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि सरगम पुकार सुनाती है इशारों संग खयालों कि सोच आवाज दिलाती है अरमानों कि परख सहारे देकर चलती है।

उम्मीद को आवाजों कि आस कोशिश सुनाती है बदलावों संग उजालों कि सुबह अदा दिलाती है अफसानों कि समझ सहारे देकर चलती है।

Monday 7 November 2022

कविता. ४६१८. आवाजों कि सरगम।

                                              आवाजों कि सरगम।

आवाजों कि सरगम आस जगाती है अरमानों को दिशाओं कि सुबह एहसास दिलाती है लहरों कि आहट किनारों संग पहचान बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम कोशिश जगाती है अंदाजों को राहों कि मुस्कान खयाल दिलाती है कदमों कि पुकार जज्बातों संग आस बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम सपना जगाती है एहसासों को उजालों कि राह बदलाव दिलाती है इशारों कि पहचान तरानों संग अल्फाज बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम नजारा जगाती है लम्हों को अंदाजों कि आस कोशिश दिलाती है अल्फाजों कि कोशिश नजारों संग राह बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम कोशिश जगाती है आशाओं को बदलावों कि सोच पहचान दिलाती है तरानों कि सुबह खयालों संग इशारा बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम परख जगाती है राहों को कदमों कि पुकार बदलाव दिलाती है दास्तानों कि सौगात एहसासों संग अफसाना बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम अंदाज जगाती है किनारों को सपनों कि आस तलाश दिलाती है लम्हों कि पुकार बदलावों संग नजारा बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम जज्बात जगाती है दिशाओं को लहरों कि सोच पहचान दिलाती है नजारों कि आहट कदमों संग मुस्कान बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम तराना जगाती है अरमानों को इरादों कि सौगात कोशिश दिलाती है अदाओं कि परख उम्मीदों संग आस बनाकर उमंग देकर जाती है।

आवाजों कि सरगम एहसास जगाती है दास्तानों को लम्हों कि पुकार अहमियत दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान इरादों संग खयाल बनाकर उमंग देकर जाती है।

Sunday 6 November 2022

कविता. ४६१७. दिशाओं को कदमों कि।

                                        दिशाओं को कदमों कि।

दिशाओं को कदमों कि सोच अरमान दिलाती है लम्हों को खयालों कि कोशिश राह सुनाती है किनारों से आशाओं कि सरगम सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि आस अल्फाज दिलाती है लहरों को इशारों कि रोशनी पहचान सुनाती है नजारों से लम्हों कि आहट सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि आहट किनारा दिलाती है सपनों को एहसासों कि समझ सुबह सुनाती है जज्बातों से उजालों कि राह सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि परख रोशनी दिलाती है अफसानों को दास्तानों कि पुकार सरगम सुनाती है बदलावों से आवाजों कि धून सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि राह सुबह दिलाती है नजारों को इरादों कि परख कोशिश सुनाती है अरमानों से उम्मीदों कि अहमियत सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि समझ इशारा दिलाती है एहसासों को अदाओं कि आस सपना सुनाती है अंदाजों से लम्हों कि मुस्कान सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि आवाज पहचान दिलाती है अदाओं को तरानों कि पहचान बदलाव सुनाती है लहरों से खयालों कि पुकार सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि सरगम उमंग दिलाती है लम्हों को अल्फाजों कि मुस्कान सुबह सुनाती है आशाओं से जज्बातों कि तलाश सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि उम्मीद दास्तान दिलाती है आवाजों को किनारों कि सोच अरमान सुनाती है अंदाजों से लहरों कि सरगम सौगात देती है।

दिशाओं को कदमों कि तलाश आस दिलाती है अफसानों को अंदाजों कि आस सरगम सुनाती है नजारों से उजालों कि कोशिश सौगात देती है।

Saturday 5 November 2022

कविता. ४६१६. लम्हों को खयालों कि।

                                            लम्हों को खयालों कि।

लम्हों को खयालों कि तलाश सहारा देती है कदमों को नजारों कि समझ सपना सुनाती है तरानों संग आशाओं कि पहचान इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि सौगात कोशिश देती है आवाजों को अदाओं कि परख अरमान सुनाती है अंदाजों संग कदमों कि आहट इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि सरगम किनारा देती है दास्तानों को एहसासों कि सोच मुस्कान सुनाती है अदाओं संग अरमानों कि पुकार इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि कोशिश सरगम देती है जज्बातों को किनारों कि समझ एहसास सुनाती है बदलावों संग उम्मीदों कि लहर इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि समझ सोच देती है तरानों को उजालों कि पहचान अफसाना सुनाती है अल्फाजों संग कदमों कि आहट इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि राह बदलाव देती है नजारों को दिशाओं कि सुबह आवाज सुनाती है आशाओं संग लहरों कि कोशिश इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि तलाश रोशनी देती है किनारों को सपनों कि समझ अल्फाज सुनाती है तरानों संग आशाओं कि अहमियत इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि सुबह दास्तान देती है कदमों को अदाओं कि परख मुस्कान सुनाती है लहरों संग एहसासों कि सौगात इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि आस पुकार देती है अंदाजों को राहों कि पहचान कोशिश सुनाती है नजारों संग अरमानों कि पुकार इशारे दिलाती है।

लम्हों को खयालों कि उमंग पहचान देती है लहरों को दिशाओं कि सोच अफसाना सुनाती है जज्बातों संग अंदाजों कि सरगम इशारे दिलाती है।


Friday 4 November 2022

कविता. ४६१५. किनारों को अंदाजों कि।

                                     किनारों को अंदाजों कि।

किनारों को अंदाजों कि पुकार सहारा देती है दिशाओं को आशाओं कि सरगम इरादा दिलाती है लहरों को नजारों कि सोच सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि सौगात कोशिश देती है तरानों को अरमानों कि पुकार आस दिलाती है दिशाओं को बदलावों कि राह सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि परख दास्तान देती है जज्बातों को कदमों कि आहट खयाल दिलाती है उम्मीदों को अदाओं कि सौगात सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि सोच पहचान देती है लम्हों को अदाओं कि सौगात अरमान दिलाती है जज्बातों को कदमों कि आवाज सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि लहर सरगम देती है उम्मीदों को कदमों कि सोच अफसाना दिलाती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि रोशनी बदलाव देती है अंदाजों को राहों कि मुस्कान दास्तान दिलाती है आवाजों को आशाओं कि सरगम सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि समझ मुस्कान देती है दिशाओं को लहरों कि आस खयाल दिलाती है कदमों को उजालों कि पहचान सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि सौगात तराना देती है खयालों को जज्बातों कि आस एहसास दिलाती है सपनों को आशाओं कि सौगात सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि पहचान सोच देती है कदमों को अरमानों कि पुकार रोशनी दिलाती है नजारों को राहों कि आस सुबह देती है।

किनारों को अंदाजों कि तलाश अफसाना देती है जज्बातों को आशाओं कि सोच एहसास दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि परख सुबह देती है।

Thursday 3 November 2022

कविता. ४६१४. आसमानों को नये।

                                     आसमानों को नये।

आसमानों को नये खयालों कि उम्मीद भरने दो आशाओं को बदलावों कि तलाश सुनकर चलने दो फिर अदाएं राहों कि समझ संग आस सुनाती है।

आसमानों को नये आवाजों कि धून सुनने दो अदाओं को तरानों कि पहचान सुनकर चलने दो फिर दिशाएं नजारों कि कोशिश संग राह सुनाती है।

आसमानों को नये आशाओं कि सरगम सुनने दो खयालों को इशारों कि सौगात सुनकर चलने दो फिर राहे दिशाओं कि पुकार संग खयाल सुनाती है।

आसमानों को नये अंदाजों कि सौगात सुनने दो लहरों को नजारों कि समझ सुनकर चलने दो फिर मुस्कान कदमों कि आहट संग अरमान सुनाती है।

आसमानों को नये दास्तानों कि परख सुनने दो लम्हों को अफसानों कि सुबह सुनकर चलने दो फिर कोशिश इशारों कि सोच संग अल्फाज सुनाती है।

आसमानों को नये दिशाओं कि समझ सुनने दो उजालों को सपनों कि लहर सुनकर चलने दो फिर उजाला खयालों कि सुबह संग कोशिश सुनाती है।

आसमानों को नये बदलावों कि सोच सुनने दो नजारों को दिशाओं कि पहचान सुनकर चलने दो फिर रोशनी सपनों कि सौगात संग अदा सुनाती है।

आसमानों को नये लम्हों कि रोशनी सुनने दो अंदाजों को खयालों कि सोच सुनकर चलने दो फिर आस इशारों कि तलाश संग पुकार सुनाती है।

आसमानों को नये अंदाजों कि राह सुनने दो जज्बातों को बदलावों कि समझ सुनकर चलने दो फिर आवाज उजालों कि सुबह संग पहचान सुनाती है।

आसमानों को नये लम्हों कि पुकार सुनने दो दिशाओं को कदमों कि आहट सुनकर चलने दो फिर आहट नजारों कि सोच संग बदलाव सुनाती है।


Wednesday 2 November 2022

कविता. ४६१३. इशारों कि सौगात अक्सर।

                                   इशारों कि सौगात अक्सर।

इशारों कि सौगात अक्सर अंदाजों कि सरगम सुनाती है लम्हों कि समझ से अरमानों को पुकार दिलाती है लहरों को नजारों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान सुनाती है कदमों कि आहट से आशाओं को सरगम दिलाती है इरादों को अदाओं कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर किनारों कि सोच सुनाती है तरानों कि सुबह से सपनों को कोशिश दिलाती है बदलावों को दिशाओं कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर इरादों कि सुबह सुनाती है एहसासों कि रोशनी से जज्बातों को परख दिलाती है अफसानों को अल्फाजों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर कदमों कि आहट सुनाती है उम्मीदों कि आस से खयालों को सोच दिलाती है अंदाजों को दास्तानों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर नजारों कि पुकार सुनाती है आशाओं कि समझ से अदाओं को बदलाव दिलाती है कदमों को आवाजों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर इशारों कि सुबह सुनाती है अंदाजों कि आवाज से राहों को आहट दिलाती है लम्हों को खयालों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर उजालों कि सोच सुनाती है तरानों कि परख से अफसानों को आवाज दिलाती है लहरों को दास्तानों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर लम्हों कि रोशनी सुनाती है किनारों कि सोच से कदमों को आस दिलाती है अफसानों को किनारों कि पहचान देती है।

इशारों कि सौगात अक्सर एहसासों कि मुस्कान सुनाती है नजारों कि बदलाव से लम्हों को खयाल दिलाती है आशाओं को इरादों कि पहचान देती है।

Tuesday 1 November 2022

कविता. ४६१२. सपनों संग आशाएं कई।

                                         सपनों संग आशाएं कई।

सपनों संग आशाएं कई उम्मीदे देती है तरानों कि पुकार एहसासों कि धाराएं देकर जाती है जज्बातों को उम्मीद मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई नजारे देती है आवाजों कि धून अरमानों कि पुकार देकर जाती है खयालों को आस मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई दास्ताने देती है दिशाओं कि राह अंदाजों कि सौगात देकर जाती है नजारों को लहर मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई लम्हे देती है किनारों कि पुकार अल्फाजों कि सुबह देकर जाती है उजालों को पहचान मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई इशारे देती है कदमों कि सोच अफसानों कि समझ देकर जाती है इरादों को आस मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई तराने देती है बदलावों कि कोशिश आवाजों कि धून देकर जाती है अफसानों को राह मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई राहे देती है लहरों कि पहचान आशाओं कि सरगम देकर जाती है किनारों को अहमियत मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई अफसाने देती है नजारों कि सौगात कदमों कि सोच देकर जाती है एहसासों को अदा मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई किनारे देती है आवाजों कि धून इशारों कि सौगात देकर जाती है जज्बातों को पहचान मुस्कान कि दिशाएं देती है।

सपनों संग आशाएं कई लहरे देती है कदमों कि आहट अंदाजों कि आस देकर जाती है अरमानों को आवाज मुस्कान कि दिशाएं देती है।

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...