Wednesday 31 August 2022

कविता. ४५५०. उजालों कि सुबह अक्सर।

                                      उजालों कि सुबह अक्सर।

उजालों कि सुबह अक्सर अरमानों संग आवाज दिलाती है अदाओं कि कोशिश से अंदाजों कि तलाश अल्फाज सुनाती है कदमों कि आहट नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर जज्बातों संग अहमियत दिलाती है लहरों कि सरगम से खयालों कि पहचान इशारा सुनाती है तरानों कि रोशनी नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर दिशाओं संग सौगात दिलाती है लम्हों कि पुकार से एहसासों कि रोशनी आस सुनाती है दिशाओं कि अहमियत नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर लहरों संग बदलाव दिलाती है दास्तानों कि परख से आवाजों कि धून सोच सुनाती है राहों कि सरगम नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर सपनों संग खयाल दिलाती है नजारों कि सौगात से आशाओं कि सरगम दास्तान सुनाती है जज्बातों कि सोच नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं संग पहचान दिलाती है आवाजों कि आस से इशारों कि सोच अल्फाज सुनाती है दिशाओं कि समझ नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर इशारों संग कोशिश दिलाती है लहरों कि सरगम से किनारों कि मुस्कान राह सुनाती है लम्हों कि पहचान नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर कदमों संग एहसास दिलाती है दिशाओं कि राह से लम्हों कि पुकार कोशिश सुनाती है तरानों कि लहर नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर दिशाओं संग किनारा दिलाती है लम्हों कि सरगम से खयालों कि सोच बदलाव सुनाती है अंदाजों कि परख नजारा देती है।

उजालों कि सुबह अक्सर उम्मीदों संग अफसाना दिलाती है नजारों कि सोच से इरादों कि पहचान आस सुनाती है राहों कि सौगात नजारा देती है।

Tuesday 30 August 2022

कविता. ४५४९. सपनों कि कोशिश से।

                                            सपनों कि कोशिश से।

सपनों कि कोशिश से पुकार एहसास सुनाती है लम्हों को अरमानों कि सुबह दास्तान दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सरगम खयाल सुनाती है बदलावों को दिशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है जज्बातों को कदमों कि सोच अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से पहचान इशारा सुनाती है अदाओं को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है आशाओं को उजालों कि सौगात अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सुबह दास्तान सुनाती है राहों को इशारों कि परख नजारा दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि अहमियत अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सोच पुकार सुनाती है एहसासों को उम्मीदों कि लहर मुस्कान दिलाती है लम्हों को बदलावों कि पहचान अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से परख अरमान सुनाती है जज्बातों को कदमों कि सौगात तलाश दिलाती है नजारों को दिशाओं कि अहमियत अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से लहर आवाज सुनाती है इशारों को दास्तानों कि कहानी अंदाज दिलाती है किनारों को अदाओं कि लहर अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से उमंग पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं कि सुबह इरादा दिलाती है उजालों को अंदाजों कि राह अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से राह सौगात सुनाती है तरानों को अदाओं कि पहचान तराना दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि सरगम अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से आस सोच सुनाती है आशाओं को उम्मीदों कि आस सरगम दिलाती है जज्बातों को कदमों कि सोच अफसाना देती है।

Monday 29 August 2022

कविता. ४५४८. तरानों कि लहर से।

                                            तरानों कि लहर से।

तरानों कि लहर से आशाओं कि सरगम बदलाव सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ सपना दिलाती है अदाओं कि परख रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से अंदाजों कि आस अफसाना सुनाती है नजारों को दिशाओं कि सुबह दास्तान दिलाती है राहों कि पुकार रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से दिशाओं कि कोशिश अरमान सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट सोच दिलाती है लहरों कि सौगात रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से बदलावों कि सोच अहमियत सुनाती है इशारों को दास्तानों कि परख जज्बात दिलाती है उजालों कि कोशिश रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से नजारों कि पहचान इशारा सुनाती है दिशाओं को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है जज्बातों कि सोच रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से आवाजों कि धून पुकार सुनाती है अल्फाजों को खयालों कि पहचान किनारा दिलाती है नजारों कि सौगात रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से अरमानों कि सुबह सपना सुनाती है नजारों को इरादों कि कोशिश बदलाव दिलाती है आवाजों कि आस रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से जज्बातों कि मुस्कान एहसास सुनाती है लम्हों को इशारों कि परख आवाज दिलाती है सपनों कि सुबह रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से दास्तानों कि परख अल्फाज सुनाती है आशाओं को नजारों कि पहचान इशारा दिलाती है लम्हों कि पुकार रोशनी देकर जाती है।

तरानों कि लहर से अदाओं कि सौगात कोशिश सुनाती है उजालों को बदलावों कि सोच मुस्कान दिलाती है कदमों कि आहट रोशनी देकर जाती है।

Sunday 28 August 2022

कविता. ४५४७. कदमों कि आहट से।

                                       कदमों कि आहट से।

कदमों कि आहट से कहानी इशारों कि दिशाएं देती है तरानों को अदाओं कि लहर सहारे देती है नजारों कि पहचान अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से कोशिश जज्बातों कि सोच देती है उम्मीदों को किनारों कि पुकार सरगम देती है तरानों कि सौगात अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से दास्तान राहों कि पहचान देती है सपनों को दिशाओं कि अहमियत आवाज देती है इरादों कि सोच अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से लहर लम्हों कि समझ देती है नजारों को खयालों कि सरगम बदलाव देती है अंदाजों कि सुबह अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से सोच अदाओं कि परख देती है आशाओं को बदलावों कि सौगात तलाश देती है एहसासों कि रोशनी अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से पुकार उम्मीदों कि पहचान देती है तरानों को अदाओं कि सरगम मुस्कान देती है नजारों कि अहमियत अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से आस आवाजों कि कोशिश देती है अरमानों को दास्तानों कि परख रोशनी देती है खयालों कि समझ अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से राह दास्तानों कि आशा देती है अंदाजों को राहों कि पहचान कोशिश देती है अल्फाजों कि पुकार अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से मुस्कान नजारों कि सोच देती है लहरों को इशारों कि सौगात अरमान देती है आशाओं कि पहचान अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से सरगम कोशिश कि समझ देती है उम्मीदों को इरादों कि सोच मुस्कान देती है बदलावों कि सरगम अक्सर उजाले देती है।


Saturday 27 August 2022

कविता. ४५४६. उमंग कि सोच अक्सर।

                                             उमंग कि सोच अक्सर।

उमंग कि सोच अक्सर अदाओं कि तलाश सुनाती है नजारों से जुड़कर आशाओं कि सौगात सरगम दिलाती है लम्हों को खयालों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर तरानों कि परख सुनाती है जज्बातों से जुड़कर आवाजों कि आस सौगात दिलाती है राहों को अंदाजों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर खयालों कि समझ सुनाती है तरानों से जुड़कर दिशाओं कि सुबह दास्तान दिलाती है कदमों को उजालों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर लहरों कि सुबह सुनाती है लहरों से जुड़कर अदाओं कि परख रोशनी दिलाती है किनारों को सपनों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर दिशाओं कि सरगम सुनाती है जज्बातों से जुड़कर अंदाजों कि बदलाव सपना दिलाती है आशाओं को नजारों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर लम्हों कि पुकार सुनाती है राहों से जुड़कर कदमों कि आहट तलाश दिलाती है इशारों को दास्तानों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर सपनों कि आस सुनाती है नजारों से जुड़कर खयालों कि समझ मुस्कान दिलाती है आशाओं को बदलावों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर उजालों कि सरगम सुनाती है दिशाओं से जुड़कर अंदाजों कि आस आवाज दिलाती है उम्मीदों को कदमों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर राहों कि पहचान सुनाती है लम्हों से जुड़कर दिशाओं कि सुबह कोशिश दिलाती है अदाओं को तरानों कि सौगात देती है।

उमंग कि सोच अक्सर दास्तानों कि परख सुनाती है लहरों से जुड़कर आवाजों कि धून पुकार दिलाती है नजारों को खयालों कि सौगात देती है।

Friday 26 August 2022

कविता. ४५४५. उम्मीदों कि लहर अक्सर।

                                             उम्मीदों कि लहर अक्सर।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अरमानों कि आवाज देती है सपनों को इशारों कि राह एहसास दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर आशाओं कि समझ देती है तरानों को अदाओं कि मुस्कान दास्तान दिलाती है जज्बातों को कदमों कि आहट बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अंदाजों कि आस देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ सपना दिलाती है खयालों को दास्तानों कि सौगात बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अदाओं कि परख देती है अदाओं को दिशाओं कि सोच खयाल दिलाती है लम्हों को इशारों कि पहचान बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर राहों कि पुकार देती है कदमों को उजालों कि सुबह आस दिलाती है बदलावों को लम्हों कि पुकार बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अदाओं कि सौगात देती है तरानों को एहसासों कि रोशनी तलाश दिलाती है इरादों को नजारों कि सोच बदलाव सुनाती।

उम्मीदों कि लहर अक्सर तरानों कि धून देती है किनारों को सपनों कि सौगात कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों कि समझ बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर किनारों कि मुस्कान देती है जज्बातों को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि परख बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर कदमों कि आहट देती है अरमानों को दिशाओं कि समझ सुबह दिलाती है लहरों को इशारों कि रोशनी बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर उजालों कि सोच देती है नजारों को खयालों कि पहचान अंदाज दिलाती है इरादों को आशाओं कि सरगम बदलाव सुनाती है।

Thursday 25 August 2022

कविता. ४५४४. दिशाओं से अक्सर।

                                                 दिशाओं से अक्सर। 

दिशाओं से अक्सर आवाजों कि आस सरगम सुनाकर चलती है राहों कि पुकार से एहसासों कि सौगात कोशिश दिलाती है लहरों को नजारों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर अंदाजों कि बदलाव सपना सुनाकर चलती है बदलावों कि सोच से इरादों कि आस खयाल दिलाती है लम्हों को जज्बातों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर जज्बातों कि सोच इशारा सुनाकर चलती है कदमों कि कोशिश से अफसानों कि रोशनी दास्तान दिलाती है लम्हों को खयालों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर अदाओं कि परख किनारा सुनाकर चलती है कदमों कि समझ से खयालों कि पुकार सुबह दिलाती है नजारों को किनारों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर तरानों कि परख रोशनी सुनाकर चलती है अंदाजों कि आस से लम्हों कि आहट अहमियत दिलाती है राहों को इशारों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर उजालों कि राह तराना सुनाकर चलती है दास्तानों कि परख से आवाजों कि आस सरगम दिलाती है अदाओं को अंदाजों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर उम्मीदों कि समझ पुकार सुनाकर चलती है आशाओं कि पहचान से लम्हों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है नजारों को आवाजों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर आशाओं कि सोच कोशिश सुनाकर चलती है एहसासों कि सोच से इरादों कि सौगात खयाल दिलाती है लम्हों को उम्मीदों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर इशारों कि पुकार सरगम सुनाकर चलती है खयालों कि समझ से दास्तानों कि रोशनी एहसास दिलाती है नजारों को राहों कि पहचान दिलाती है।

दिशाओं से अक्सर तरानों कि सौगात सपना सुनाकर चलती है आवाजों कि आस से लहरों कि कोशिश बदलाव दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि पहचान दिलाती है।

Wednesday 24 August 2022

कविता. ४५४३. जज्बात को मुस्कान कि।

                                             जज्बात को मुस्कान कि।

जज्बात को मुस्कान कि सौगात सरगम सुनाती है बदलावों को लम्हों कि आहट सपना देकर जाती है नजारों को कदमों कि सोच इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि सोच कोशिश सुनाती है तरानों को अदाओं कि परख रोशनी देकर जाती है उजालों को अंदाजों कि आस इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि लहर पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं कि कोशिश तलाश देकर जाती है राहों को खयालों कि समझ इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि समझ पुकार सुनाती है कदमों को अंदाजों कि बदलाव परख देकर जाती है आशाओं को बदलावों कि राह इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि सुबह दास्तान सुनाती है उम्मीदों को कदमों कि सोच नजारा देकर जाती है एहसासों को अदाओं कि परख इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि आस अरमान सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ कोशिश देकर जाती है नजारों को दिशाओं कि सुबह इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि परख कोशिश सुनाती है तरानों को सपनों कि सौगात दास्तान देकर जाती है उजालों को आशाओं कि पहचान इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि पहचान आवाज सुनाती है दास्तानों को अदाओं कि पुकार सोच देकर जाती है सपनों को राहों कि उमंग इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि सरगम तलाश सुनाती है नजारों को दिशाओं कि अहमियत राह देकर जाती है अंदाजों को दास्तानों कि सौगात इशारा देती है।

जज्बात को मुस्कान कि रोशनी उमंग सुनाती है बदलावों को लम्हों कि आहट पहचान देकर जाती है उम्मीदों को कदमों कि सोच इशारा देती है।


Tuesday 23 August 2022

कविता. ४५४२. राहों को अंदाजों कि।

                                                 राहों को अंदाजों कि।

राहों को अंदाजों कि सुबह इशारे देती है कदमों को अदाओं कि कोशिश तराना दिलाती है किनारों कि समझ खयाल सुनाती है नजारों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि सौगात सरगम देती है किनारों को सपनों कि सुबह दास्तान दिलाती है लम्हों कि पुकार पहचान सुनाती है जज्बातों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि बदलाव सपना देती है जज्बातों को कदमों कि आहट सरगम दिलाती है लहरों कि परख कोशिश सुनाती है आशाओं कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि कोशिश दास्तान देती है आवाजों को अदाओं कि परख रोशनी दिलाती है उम्मीदों कि समझ सरगम सुनाती है तरानों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि आस कोशिश देती है नजारों को दिशाओं कि मुस्कान दास्तान दिलाती है लम्हों कि पुकार अहमियत सुनाती है बदलावों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि पुकार किनारा देती है तरानों को इशारों कि कोशिश अरमान दिलाती है नजारों कि पहचान तलाश सुनाती है उजालों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि लहर पहचान देती है आशाओं को जज्बातों कि कोशिश बदलाव दिलाती है कदमों कि आहट पुकार सुनाती है उम्मीदों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि सुबह किनारा देती है कदमों को अदाओं कि पहचान इशारा दिलाती है लहरों कि सरगम बदलाव सुनाती है दिशाओं कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि सौगात सुबह देती है इशारों को आशाओं कि पुकार अल्फाज दिलाती है लम्हों कि पुकार अफसाना सुनाती है नजारों कि सोच सुनाती है।

राहों को अंदाजों कि बदलाव जज्बात देती है आशाओं को नजारों कि सोच सरगम दिलाती है किनारों कि पहचान इशारा सुनाती है बदलावों कि सोच सुनाती है।

Monday 22 August 2022

कविता. ४५४१. आशाओं संग अरमानों कि।

                                       आशाओं संग अरमानों कि।

आशाओं संग अरमानों कि राह तराना देती है लम्हों को खयालों कि सोच इशारा दिलाती है नजारों से लहरों कि पहचान सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि सौगात कोशिश देती है नजारों को राहों कि आस खयाल दिलाती है जज्बातों से लम्हों कि आवाज सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि बदलाव सपना देती है लहरों को इशारों कि सौगात कोशिश दिलाती है कदमों से अंदाजों कि सुबह सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि रोशनी नजारा देती है तरानों को अदाओं कि सुबह दास्तान दिलाती है इरादों से आवाजों कि आस सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि सोच तलाश देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी मुस्कान दिलाती है राहों से लम्हों कि पुकार सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि समझ सपना देती है बदलावों को राहों कि सोच कोशिश दिलाती है नजारों से मुस्कान कि सौगात सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि परख खयाल देती है तरानों को अदाओं कि सौगात पहचान दिलाती है बदलावों से लम्हों कि पुकार सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि लहर सौगात देती है अंदाजों को बदलावों कि समझ सपना दिलाती है एहसासों से कदमों कि आहट सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि सुबह दास्तान देती है किनारों को अदाओं कि परख पुकार दिलाती है जज्बातों से लहरों कि सोच सरगम सुनाकर चलती है।

आशाओं संग अरमानों कि पुकार कोशिश देती है आवाजों को राहों कि अफसाना दास्तान दिलाती है तरानों से इरादों कि सौगात सरगम सुनाकर चलती है।

Sunday 21 August 2022

कविता. ४५४०. मुस्कान को अफसानों कि।

                                       मुस्कान को अफसानों कि।

मुस्कान को अफसानों कि सौगात आस दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है कदमों कि आस अक्सर अरमान जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सुबह कोशिश दिलाती है लम्हों को उम्मीदों कि सुबह आस सुनाती है किनारे कि आवाज अक्सर एहसास जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सोच इशारा दिलाती है आशाओं को खयालों कि समझ इरादा सुनाती है नजारों कि समझ अक्सर आवाज जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि रोशनी बदलाव दिलाती है अदाओं को दिशाओं कि सरगम तलाश सुनाती है तरानों कि आवाज अक्सर दास्तान जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सरगम राह दिलाती है कदमों को दास्तानों कि आस लहर सुनाती है जज्बातों कि सरगम अक्सर अहमियत जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि पुकार खयाल दिलाती है किनारों को अंदाजों कि समझ इरादा सुनाती है बदलावों कि सोच अक्सर इरादा जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि आस परख दिलाती है आवाजों को नजारों कि उमंग सौगात सुनाती है एहसासों कि सुबह अक्सर खयाल जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि उम्मीद सोच दिलाती है कदमों को अदाओं कि आवाज सपना सुनाती है दिशाओं कि सौगात अक्सर एहसास जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि कोशिश तलाश दिलाती है लहरों को उजालों कि बदलाव समझ सुनाती है नजारों कि उमंग अक्सर आस जगाती है।

मुस्कान को अफसानों कि राह सरगम दिलाती है कदमों को अल्फाजों कि सोच कोशिश सुनाती है जज्बातों कि सरगम अक्सर बदलाव जगाती है।

Saturday 20 August 2022

कविता. ४५३९. एक सपने संग धारा।

                                         एक सपने संग धारा।

एक सपने संग धारा आशाओं कि लहर दिलाती है दास्तानों को नजारों कि तलाश सुनाता है कदमों कि सरगम अक्सर लम्हों कि दिशा देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि मुस्कान दिलाती है अंदाजों को खयालों कि उम्मीद सुनाता है उम्मीदों कि आस अक्सर उजालों कि अदा देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि कोशिश दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात सुनाता है जज्बातों कि मुस्कान अक्सर राहों कि लहर देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि दास्तान दिलाती है किनारों को आवाजों कि धून सुनाता है खयालों कि उम्मीद अक्सर तरानों कि रोशनी देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि सौगात दिलाती है नजारों को एहसासों कि कहानी सुनाता है राहों कि अहमियत अक्सर किनारों कि सोच देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि जज्बात दिलाती है राहों को अरमानों कि सुबह सुनाता है कदमों कि सरगम अक्सर बदलावों कि उमंग देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि परख दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सोच सुनाता है उम्मीदों कि सरगम अक्सर एहसासों कि कहानी देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि पुकार दिलाती है किनारों को अंदाजों कि आस सुनाता है आवाजों कि धून अक्सर खयालों कि सौगात देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि खयाल दिलाती है लहरों को अफसानों कि कोशिश सुनाता है नजारों कि सुबह अक्सर आवाजों कि तलाश देकर जाती है।

एक सपने संग धारा आशाओं कि पहचान दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि आस सुनाता है किनारों कि सौगात अक्सर इशारों कि रोशनी देकर जाती है।




Friday 19 August 2022

कविता. ४५३८. सपनों संग आसमानों कि।

                                              सपनों संग आसमानों कि।        

सपनों संग आसमानों कि तलाश उड़ान देती है कदमों कि आहट से अल्फाजों कि लहर अरमान जगाती है किनारों को अंदाजों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि रोशनी उड़ान देती है किनारों कि सोच से इरादों कि सौगात कोशिश जगाती है नजारों को एहसासों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि सुबह उड़ान देती है खयालों कि उम्मीद से जज्बातों कि लहर बदलाव जगाती है आशाओं को अदाओं कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि सौगात उड़ान देती है दास्तानों कि कोशिश से आशाओं कि मुस्कान रोशनी जगाती है आवाजों को लम्हों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि समझ उड़ान देती है इशारों कि सोच से अंदाजों कि पहचान लहर जगाती है आशाओं को उजालों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि राह उड़ान देती है आशाओं कि परख से दिशाओं कि पुकार अल्फाज जगाती है किनारों को अरमानों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि परख उड़ान देती है लहरों कि पुकार से खयालों कि उम्मीद आस जगाती है तरानों को अफसानों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि सोच उड़ान देती है दिशाओं कि उमंग से आवाजों कि लहर सपना जगाती है जज्बातों को तरानों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि रोशनी उड़ान देती है कदमों कि पुकार से आशाओं कि पहचान तलाश जगाती है उजालों को अल्फाजों कि सरगम दिलाती है।

सपनों संग आसमानों कि सुबह उड़ान देती है उम्मीदों कि सौगात से अंदाजों कि मुस्कान रोशनी जगाती है कदमों को तरानों कि सरगम दिलाती है।

Thursday 18 August 2022

कविता. ४५३७. जज्बात कि मुस्कान को।

                                     जज्बात कि मुस्कान को।

जज्बात कि मुस्कान को आस एहसास संग पुकार दिलाती है लम्हों को अरमानों कि सरगम तलाश देकर जाती है तरानों को अंदाजों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को आहट कोशिश संग अरमान दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच इरादा देकर जाती है आशाओं को अदाओं का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को पुकार सुबह संग रोशनी दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी बदलाव देकर जाती है सपनों को नजारों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को सोच सरगम संग सौगात दिलाती है राहों को एहसासों कि तलाश खयाल देकर जाती है कदमों को आवाजों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को सुबह आस संग इशारा दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग आवाज देकर जाती है इरादों को खयालों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को सौगात समझ संग आवाज दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच तलाश देकर जाती है अंदाजों को इरादों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को राह तराने संग अरमान दिलाती है लहरों को किनारों कि पुकार अल्फाज देकर जाती है नजारों को एहसासों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को समझ बदलाव संग रोशनी दिलाती है आशाओं को उम्मीदों कि सोच अरमान देकर जाती है राहों को दास्तानों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को परख पहचान संग कोशिश दिलाती है खयालों को तरानों कि पुकार अल्फाज देकर जाती है कदमों को लम्हों का अफसाना सुनाती है।

जज्बात कि मुस्कान को सोच पहचान संग तलाश दिलाती है राहों को एहसासों कि कहानी आस देकर जाती है तरानों को उम्मीदों का अफसाना सुनाती है।


Wednesday 17 August 2022

कविता. ४५३६. आशाओं से एहसासों कि।

                                    आशाओं से एहसासों कि।

आशाओं से एहसासों कि कहानी इशारा देती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि तलाश कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि सौगात बदलाव दिलाती है दास्तानों को राहों कि रोशनी इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि सरगम आस देती है नजारों को अदाओं कि समझ कोशिश दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि सौगात आवाज देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पहचान दिलाती है अंदाजों को जज्बातों कि लहर इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि कोशिश अरमान देती है कदमों को दास्तानों कि सोच नजारा दिलाती है सपनों को उजालों कि परख इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि रोशनी खयाल देती है किनारों को अरमानों कि तलाश अल्फाज दिलाती है दिशाओं को अदाओं कि सुबह इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि सोच सरगम देती है इरादों को किनारों कि पुकार पहचान दिलाती है राहों को अंदाजों कि मुस्कान इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि लहर आस देती है दिशाओं को तरानों कि परख अहमियत दिलाती है नजारों को अफसानों कि कहानी इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि सुबह तराना देती है लहरों को अफसानों कि सोच कोशिश दिलाती है अल्फाजों को जज्बातों कि सौगात इरादा देती है।

आशाओं से एहसासों कि सरगम समझ देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून अरमान दिलाती है बदलावों को खयालों कि उम्मीद इरादा देती है।

Tuesday 16 August 2022

कविता. ४५३५. कदमों को दास्तानों कि।

                                      कदमों को दास्तानों कि।

कदमों को दास्तानों कि सुबह कोशिश दिलाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अफसाना सुनाती है नजारों को अदाओं कि सौगात आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है अदाओं को खयालों कि उम्मीद अरमान सुनाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि सोच इरादा दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग पहचान सुनाती है इशारों को अंदाजों कि परख आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि उमंग अरमान दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सुबह अदा सुनाती है आशाओं को बदलावों कि सोच आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि समझ सहारा दिलाती है आशाओं को नजारों कि तलाश खयाल सुनाती है राहों को किनारों कि पुकार आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि सौगात तराना दिलाती है इशारों को जज्बातों कि राह पहचान सुनाती है कोशिश को उम्मीदों कि समझ आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि राह उम्मीद दिलाती है लम्हों को अरमानों कि सुबह कोशिश सुनाती है तरानों को बदलावों कि सौगात आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि उमंग अरमान दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख पुकार सुनाती है राहों को जज्बातों कि सरगम आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि कोशिश समझ दिलाती है खयालों को तरानों कि राह अफसाना सुनाती है इशारों को अंदाजों कि मुस्कान आस देती है।

कदमों को दास्तानों कि रोशनी राह दिलाती है किनारों को अफसानों कि कोशिश सोच सुनाती है नजारों को आशाओं कि परख आस देती है।

Monday 15 August 2022

कविता. ४५३४. दिशाओं संग उजालों कि।

                                       दिशाओं संग उजालों कि।

दिशाओं संग उजालों कि समझ सरगम जगाती है जज्बातों से अल्फाजों कि सोच इरादा दिलाती है कदमों को आस अक्सर खयालों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि कोशिश रोशनी जगाती है किनारों से आशाओं कि मुस्कान सहारा दिलाती है लहरों को सुबह अक्सर लम्हों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि आवाज तलाश जगाती है कदमों से इशारों कि सुबह एहसास दिलाती है दास्तानों को परख अक्सर इरादों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि सुबह मुस्कान जगाती है अदाओं से अंदाजों कि राह बदलाव दिलाती है नजारों को पुकार अक्सर आशाओं कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि परख पहचान जगाती है लम्हों से सपनों कि सरगम सुबह दिलाती है राहों को समझ अक्सर आवाजों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि राह अरमान जगाती है कोशिश से खयालों कि उम्मीद आस दिलाती है दास्तानों को सोच अक्सर एहसासों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि सरगम पुकार जगाती है सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है कदमों को बदलाव अक्सर लम्हों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि आस कोशिश जगाती है किनारों कि सुबह अफसाना दिलाती है लहरों को रोशनी अक्सर अंदाजों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि पहचान मुस्कान जगाती है कदमों कि आस पहचान दिलाती है उम्मीदों को समझ अक्सर इशारों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि दास्तान अल्फाज जगाती है आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है लहरों को सुबह अक्सर आशाओं कि सौगात देती है।

Sunday 14 August 2022

कविता. ४५३३. नजारों को अरमानों कि।

                                       नजारों को अरमानों कि।

नजारों को अरमानों कि धाराएं अफसाना देती है कदमों को आशाओं कि लहर इशारा देती है किनारों को अंदाजों कि सुबह एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि तलाश खयाल देती है किनारों को अंदाजों कि समझ सहारा देती है लम्हों को सपनों कि पुकार एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि सोच इरादा देती है इशारों को जज्बातों कि सौगात आस देती है उजालों को अल्फाजों कि राह एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि परख पहचान देती है इरादों को आशाओं कि सरगम रोशनी देती है अदाओं को लम्हों कि सरगम एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि आस समझ देती है तरानों को दिशाओं कि पहचान लहर देती है बदलावों को इशारों कि अहमियत एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि पुकार सहारा देती है कदमों को दिशाओं कि मुस्कान दास्तान देती है कदमों को इरादों कि तलाश एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि सुबह बदलाव देती है अदाओं को लम्हों कि कहानी अफसाना देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि रोशनी मुस्कान देती है किनारों को आशाओं कि सरगम इरादा देती है बदलावों को उजालों कि परख एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि तलाश सुबह देती है अंदाजों को इरादों कि कोशिश आस देती है आवाजों को दिशाओं कि पहचान एहसास सुनाती है।

नजारों को अरमानों कि धाराएं अदा देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी आवाज देती है दास्तानों को खयालों कि उमंग एहसास सुनाती है।


Saturday 13 August 2022

कविता. ४५३२. किनारा अक्सर कोई।

                                      किनारा अक्सर कोई।

किनारा अक्सर कोई इशारा देता है आशाओं को जज्बातों कि समझ कोशिश सुनाकर जाती है कदमों को अंदाजों कि सौगात खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई कहानी देता है अरमानों को लम्हों कि रोशनी आस सुनाकर जाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई बदलाव देता है अंदाजों को इरादों कि तलाश अफसाना सुनाकर जाती है तरानों को उम्मीदों कि सोच खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई पहचान देता है तरानों को उजालों कि सोच लहर सुनाकर जाती है इरादों को सरगम कि कहानी खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई परख देता है अल्फाजों को सपनों कि सरगम तलाश सुनाकर जाती है बदलावों को इशारों कि परख खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई उजाला देता है नजारों को आवाजों कि धून एहसास सुनाकर जाती है राहों को अरमानों कि तलाश खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई पुकार देता है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अल्फाज सुनाकर जाती है आवाजों को लम्हों कि रोशनी खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई मुस्कान देता है कदमों को दास्तानों कि कोशिश अरमान सुनाकर जाती है दिशाओं को उजालों कि राह खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई पहचान देता है लम्हों को अल्फाजों कि धाराएं अफसाना सुनाकर जाती है दास्तानों को नजारों कि आस खयाल दिलाती है।

किनारा अक्सर कोई सरगम देता है लहरों को कदमों कि आहट बदलाव सुनाकर जाती है आवाजों को अफसानों कि पुकार खयाल दिलाती है।

Friday 12 August 2022

कविता. ४५३१. दिशाओं को अरमानों कि।

                                      दिशाओं को अरमानों कि।

दिशाओं को अरमानों कि धाराएं कोशिश दिलाती है दास्तानों कि सुबह किनारा सुनाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि राह किनारा दिलाती है अदाओं कि समझ खयाल सुनाती है नजारों को अंदाजों कि मुस्कान अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि तलाश खयाल दिलाती है लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि लहर रोशनी दिलाती है एहसासों कि कहानी आवाज सुनाती है कदमों को आवाजों कि धून अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि सौगात आस दिलाती है तरानों कि परख पहचान सुनाती है राहों को अल्फाजों कि सरगम अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि कोशिश आवाज दिलाती है लम्हों कि रोशनी मुस्कान सुनाती है तरानों को किनारों कि कोशिश अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि उमंग सुबह दिलाती है दिशाओं कि जज्बात पुकार सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि रोशनी अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि आस एहसास दिलाती है लहरों कि समझ पहचान सुनाती है कदमों को आवाजों कि महफ़िल अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि तलाश कोशिश दिलाती है सपनों कि सरगम लहर सुनाती है लम्हों को अल्फाजों कि पहचान अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि सुबह नजारा दिलाती है बदलावों कि पहचान सपना सुनाती है नजारों को किनारों कि पुकार अहमियत देती है।



Thursday 11 August 2022

कविता. ४५३०. उम्मीद से कोई कहानी।

                                     उम्मीद से कोई कहानी।

उम्मीद से कोई कहानी इशारा देती है लहरों को अफसानों कि सौगात धाराएं देती है उजालों को सरगम पहचान सुनाती है जज्बातों को लहर तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी मुस्कान देती है तरानों को अंदाजों कि सोच इरादा देती है कदमों को परख अहमियत सुनाती है लम्हों को कोशिश तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी परख देती है राहों को अरमानों कि सुबह एहसास देती है अदाओं को समझ बदलाव सुनाती है लहरों को पुकार तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी तलाश देती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान रोशनी देती है नजारों को समझ बदलाव सुनाती है राहों को सरगम तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी राह देती है लम्हों को अफसानों कि सौगात दास्तान देती है बदलावों को उमंग सहारा सुनाती है नजारों को आस तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी सुबह देती है उम्मीदों को दास्तानों कि कोशिश अरमान देती है खयालों को सौगात सोच सुनाती है लम्हों को राह तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी सौगात देती है इशारों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी देती है सपनों को सरगम कोशिश सुनाती है लहरों को खयाल तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी किनारा देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात आस देती है अंदाजों को सुबह पहचान सुनाती है आशाओं को परख तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी तलाश देती है आशाओं को राहों कि तलाश पुकार देती है कोशिश को आस अरमान सुनाती है जज्बातों को राह तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी उमंग देती है तरानों को किनारों कि सुबह आवाज देती है नजारों को रोशनी बदलाव सुनाती है कदमों को सोच तराना देती है।

 

Wednesday 10 August 2022

कविता. ४५२९. जब कोई मुस्कान सुनहरा।

                                     जब कोई मुस्कान सुनहरा।

जब कोई मुस्कान सुनहरा एहसास दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी अरमान सुनाती है सपनों को उम्मीदों कि पहचान इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा किनारा दिलाती है आशाओं को जज्बातों कि रोशनी सुबह सुनाती है नजारों को अदाओं कि कोशिश इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा दास्तान दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात तलाश सुनाती है तरानों को अंदाजों कि राह इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा नजारा दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है एहसासों को इरादों कि समझ इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा सपना दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग सहारा सुनाती है लहरों को अफसानों कि सरगम इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा कोशिश दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है जज्बातों को बदलावों कि उमंग इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा उमंग दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अल्फाज सुनाती है नजारों को आवाजों कि धून इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा समझ दिलाती है सपनों को अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है दिशाओं को उजालों कि परख इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा तराना दिलाती है दिशाओं को आवाजों कि धून कोशिश सुनाती है उम्मीदों को दास्तानों कि सुबह इशारा देकर जाती है।

जब कोई मुस्कान सुनहरा एहसास दिलाती है नजारों को जज्बातों कि लहर बदलाव सुनाती है राहों को एहसासों कि कहानी इशारा देकर जाती है।

Tuesday 9 August 2022

कविता. ४५२८. राह कोई सपना अक्सर।

                                      राह कोई सपना अक्सर।

राह कोई सपना अक्सर इशारों से दिलाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं एहसास सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर आशाओं से दिलाती है अदाओं को किनारों कि सुबह कोशिश सुनाती है जज्बातों को तरानों कि परख बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर एहसासों से दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात सुबह सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि सोच बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर अंदाजों से दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ आस सुनाती है दिशाओं को उजालों कि पुकार बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर कदमों से दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच इरादा सुनाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर उजालों से दिलाती है दास्तानों को नजारों कि सौगात आस सुनाती है इरादों को आवाजों कि सोच बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर तरानों से दिलाती है अंदाजों को इरादों कि मुस्कान अल्फाज सुनाती है आशाओं को एहसासों कि तलाश बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर जज्बातों से दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच कोशिश सुनाती है अंदाजों को इरादों कि सौगात बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर किनारों से दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ सरगम सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग बदलाव दिलाती है।

राह कोई सपना अक्सर आवाजों से दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी पहचान सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि परख बदलाव दिलाती है।

Monday 8 August 2022

कविता. ४५२७. तराने कि सरगम अक्सर।

                                       तराने कि सरगम अक्सर।

तराने कि सरगम अक्सर एहसास जताती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान सहारा देती है कदमों कि आहट संग आशाओं कि अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर खयाल जताती है नजारों को अदाओं कि सौगात पहचान देती है आवाजों कि सुबह संग जज्बातों कि अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर रोशनी जताती है किनारों को अरमानों कि धाराएं अफसाना देती है उजालों कि परख संग आवाजों कि समझ अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर नजारा जताती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश अरमान देती है दिशाओं कि उमंग संग खयालों कि उम्मीद अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर सुबह जताती है राहों को इशारों कि सोच इरादा देती है किनारों कि पुकार संग अफसानों कि कोशिश अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर लहर जताती है लम्हों को बदलावों कि उमंग पुकार देती है बदलावों कि सौगात संग अल्फाजों कि आस अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर उम्मीद जताती है राहों को इशारों कि सुबह कोशिश देती है नजारों कि तलाश संग लहरों कि पहचान अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर कोशिश जताती है नजारों को अदाओं कि समझ खयाल देती है कदमों कि सौगात संग अंदाजों कि मुस्कान अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर बदलाव जताती है कदमों को दास्तानों कि सोच उमंग देती है जज्बातों कि लहर संग आशाओं कि पहचान अहमियत दिलाती है।

तराने कि सरगम अक्सर आस जताती है अंदाजों को इरादों कि तलाश कोशिश देती है दास्तानों कि सुबह संग आवाजों कि धून अहमियत दिलाती है।

Sunday 7 August 2022

कविता. ४५२६. उमंग को किनारों कि।

                                       उमंग को किनारों कि।

उमंग को किनारों कि सुबह सरगम सुनाती है नजारों से अफसानों कि राह अरमान दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि सोच इरादा सुनाती है जज्बातों से अल्फाजों कि सौगात इशारा दिलाती है खयालों को उजालों कि समझ रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि पुकार पहचान सुनाती है राहों से आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है अरमानों को आशाओं कि अहमियत रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि लहर दास्तान सुनाती है दास्तानों से खयालों कि उम्मीद आवाज दिलाती है अंदाजों को राहों कि पहचान रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि बदलाव अफसाना सुनाती है दिशाओं से इरादों कि तलाश आस दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि परख कोशिश सुनाती है उजालों से अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि सौगात खयाल सुनाती है नजारों से अल्फाजों कि सोच इरादा दिलाती है राहों को एहसासों कि तलाश रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि आस नजारा सुनाती है अंदाजों से खयालों कि सरगम सौगात दिलाती है किनारों को दिशाओं कि मुस्कान रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि खयाल जज्बात सुनाती है अदाओं से कोशिश कि पुकार परख दिलाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून रोशनी देती है।

उमंग को किनारों कि समझ सपना सुनाती है जज्बातों से आशाओं कि कोशिश अरमान दिलाती है इरादों को दास्तानों कि सोच रोशनी देती है।

Saturday 6 August 2022

कविता. ४५२५. मुस्कान कि आस संग।

                                        मुस्कान कि आस संग।

मुस्कान कि आस संग आशाओं से पुकार एहसास देती है कदमों को आवाजों कि राह अरमान दिलाती है अंदाजों को इरादों कि कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग अदाओं से दास्तान खयाल देती है नजारों को एहसासों कि लहर कहानी दिलाती है लहरों को अफसानों कि कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग जज्बातों से सरगम सपना देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान दिलाती है नजारों को आशाओं कि कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग लहरों से अरमान जज्बात देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच इरादा दिलाती है लम्हों को अरमानों कि कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग इशारों से सोच इरादा देती है किनारों को अंदाजों कि सुबह एहसास दिलाती है उजालों को कदमों कि आहट कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग आवाजों से धून बदलाव देती है उम्मीदों को सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है आशाओं को अदाओं कि समझ कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग राहों से सुबह लहर देती है अरमानों को आशाओं कि परख पहचान दिलाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग उजालों से पुकार तलाश देती है अदाओं को लम्हों कि कहानी खयाल दिलाती है एहसासों को दिशाओं कि उमंग कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग कदमों से आवाज पहचान देती है नजारों को अदाओं कि समझ सरगम दिलाती है अंदाजों को इरादों कि सोच कोशिश सुनाती है।

मुस्कान कि आस संग लहरों से सोच इरादा देती है सपनों को नजारों कि तलाश पहचान दिलाती है बदलावों को इशारों कि रोशनी कोशिश सुनाती है।


 

Friday 5 August 2022

कविता. ४५२४. उम्मीदों को लम्हों संग।

                                 उम्मीदों को लम्हों संग।

उम्मीदों को लम्हों संग अल्फाज दिलाती है तरानों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है नजारों से खयालों कि सरगम सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग अंदाज दिलाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश कोशिश सुनाती है जज्बातों से अरमानों कि धाराएं सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग आस दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि रोशनी सोच सुनाती है इशारों से किनारों कि पहचान सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग बदलाव दिलाती है राहों को अरमानों कि सौगात आस सुनाती है सपनों से अदाओं कि रोशनी ‌‌‌‌‌सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग खयाल दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि उमंग राह सुनाती है जज्बातों से आवाजों कि धून सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग अरमान दिलाती है कदमों को दास्तानों कि आस सौगात सुनाती है राहों से आशाओं कि मुस्कान सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग सौगात दिलाती है नजारों को राहों कि तलाश अरमान सुनाती है दिशाओं से अंदाजों कि तलाश सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग आस दिलाती है अंदाजों को इरादों कि सोच इरादा सुनाती है नजारों से अफसानों कि कोशिश सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग समझ दिलाती है खयालों को तरानों कि समझ तलाश सुनाती है जज्बातों से जज्बातों कि सौगात सुबह दिलाती है।

उम्मीदों को लम्हों संग मुस्कान दिलाती है उजालों को इशारों कि सोच बदलाव सुनाती है आशाओं से कदमों कि आहट सुबह दिलाती है।


Thursday 4 August 2022

कविता. ४५२३. दास्तान कोई।

                                             दास्तान कोई।

दास्तान कोई किनारा देकर चलती है इशारों को जज्बातों का सहारा देकर बढती है उम्मीदों संग आशाओं कि सरगम तरानों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई सुबह देकर चलती है आशाओं को अदाओं का एहसास देकर बढती है उजालों संग एहसासों कि कहानी अंदाजों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई कोशिश देकर चलती है आवाजों को लम्हों का लहर देकर बढती है दिशाओं संग किनारों कि परख आशाओं कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई कहानी देकर चलती है जज्बातों को दिशाओं का इशारा देकर बढती है लम्हों संग कदमों कि आहट अल्फाजों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई सरगम देकर चलती है अदाओं को खयालों का तराना देकर बढती है उमंग संग आवाजों कि धून कदमों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई नजारा देकर चलती है इरादों को अंदाजों का अल्फाज देकर बढती है खयालों संग बदलावों कि सोच राहों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई परख देकर चलती है अरमानों को किनारों का अफसाना देकर बढती है राहों संग अंदाजों कि मुस्कान नजारों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई रोशनी देकर चलती है लहरों को अल्फाजों का उमंग देकर बढती है उम्मीदों संग एहसासों कि तलाश अदाओं कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई आवाज देकर चलती है बदलावों को तरानों का सहारा देकर बढती है एहसासों संग जज्बातों कि पुकार दिशाओं कि पहचान दिलाती है।

दास्तान कोई सरगम देकर चलती है आशाओं को अदाओं का तराना देकर बढती है लहरों संग अफसानों कि सौगात अंदाजों कि पहचान दिलाती है।

Wednesday 3 August 2022

कविता. ४५२२. बदलाव को दिशाओं कि।

                                     बदलाव को दिशाओं कि।

बदलाव को दिशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है लम्हों को कदमों कि सरगम आस सुनाती है तरानों पर आशाओं कि सौगात सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान आवाज सुनाती है दास्तानों पर इशारों कि सोच सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि परख खयाल दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ पहचान सुनाती है राहों पर अंदाजों कि कोशिश सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि उम्मीद सपना दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अफसाना सुनाती है जज्बातों पर किनारों कि पुकार सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि रोशनी खयाल दिलाती है लहरों को अफसानों कि तरानों कोशिश सुनाती है इशारों पर लम्हों कि कहानी सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि सोच इरादा दिलाती है एहसासों को आवाजों कि महफ़िल आस सुनाती है अरमानों पर दिशाओं कि सरगम सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि पुकार अल्फाज दिलाती है आवाजों को कदमों कि आहट नजारा सुनाती है अंदाजों पर दास्तानों कि कोशिश सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि आस लहर दिलाती है अदाओं को इशारों कि सरगम रोशनी सुनाती है आवाजों पर तरानों कि अल्फाज सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि राह अरमान दिलाती है लम्हों को किनारों कि पुकार पहचान सुनाती है इरादों पर आशाओं कि मुस्कान सुबह देती है।

बदलाव को दिशाओं कि समझ आस दिलाती है उजालों को अदाओं कि सौगात कोशिश सुनाती है कदमों पर अंदाजों कि पहचान सुबह देती है।

Tuesday 2 August 2022

कविता. ४५२१. इशारों को अंदाजों कि।

                                      इशारों को अंदाजों कि।

इशारों को अंदाजों कि मुस्कान कोशिश सुनाती है तरानों को किनारों से मिलकर आशाओं कि पहचान इशारा देती है कदमों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि पुकार अल्फाज सुनाती है राहों को अरमानों से जुड़कर खयालों कि उम्मीद मुस्कान देती है उजालों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि परख आस सुनाती है आवाजों को लम्हों से समझकर अदाओं कि समझ किनारा देती है अल्फाजों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि सुबह एहसास सुनाती है जज्बातों को दिशाओं से परखकर दास्तानों कि सोच पुकार देती है अदाओं कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि सौगात आवाज सुनाती है लम्हों को कदमों से सुनकर लहरों कि पहचान मुस्कान देती है किनारों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि रोशनी खयाल सुनाती है तरानों को उम्मीदों से मिलकर आवाजों कि धून कोशिश देती है सपनों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि कोशिश अरमान सुनाती है जज्बातों को आशाओं से समझकर बदलावों कि उमंग अल्फाज देती है लम्हों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि दास्तान सौगात सुनाती है एहसासों को अदाओं से परखकर नजारों कि तलाश अहमियत देती है लहरों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि राह बदलाव सुनाती है नजारों को आवाजों से जुड़कर आशाओं कि पुकार अल्फाज देती है दास्तानों कि सरगम सुनाती है।

इशारों को अंदाजों कि लहर पहचान सुनाती है खयालों को उजालों से मिलकर अरमानों कि धाराएं अफसाना देती है तरानों कि सरगम सुनाती है।


कविता. ४५२०. उजालों संग तलाश।

                                      उजालों संग तलाश।

उजालों संग तलाश सुबह देती है नजारों को अदाओं कि आवाज सहारा दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि सरगम पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश लहर देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह कोशिश दिलाती है लम्हों को अरमानों कि सौगात पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश रोशनी देती है दिशाओं को इरादों कि मुस्कान राह दिलाती है नजारों को आवाजों कि धून पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि सोच सपना दिलाती है इशारों को तरानों कि सुबह पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश किनारा देती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि समझ पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश सरगम देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून कोशिश दिलाती है अदाओं को बदलावों कि अहमियत पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश पुकार देती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान परख दिलाती है इरादों को अंदाजों कि कोशिश पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश सोच देती है दास्तानों को नजारों कि आस अरमान दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश सौगात देती है बदलावों को खयालों कि उमंग राह दिलाती है नजारों को आशाओं कि मुस्कान पहचान सुनाती है।

उजालों संग तलाश उमंग देती है कदमों को अंदाजों कि अहमियत एहसास दिलाती है लम्हों को कदमों कि सरगम पहचान सुनाती है।

 

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...