Tuesday 30 August 2022

कविता. ४५४९. सपनों कि कोशिश से।

                                            सपनों कि कोशिश से।

सपनों कि कोशिश से पुकार एहसास सुनाती है लम्हों को अरमानों कि सुबह दास्तान दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सरगम खयाल सुनाती है बदलावों को दिशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है जज्बातों को कदमों कि सोच अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से पहचान इशारा सुनाती है अदाओं को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है आशाओं को उजालों कि सौगात अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सुबह दास्तान सुनाती है राहों को इशारों कि परख नजारा दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि अहमियत अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से सोच पुकार सुनाती है एहसासों को उम्मीदों कि लहर मुस्कान दिलाती है लम्हों को बदलावों कि पहचान अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से परख अरमान सुनाती है जज्बातों को कदमों कि सौगात तलाश दिलाती है नजारों को दिशाओं कि अहमियत अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से लहर आवाज सुनाती है इशारों को दास्तानों कि कहानी अंदाज दिलाती है किनारों को अदाओं कि लहर अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से उमंग पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं कि सुबह इरादा दिलाती है उजालों को अंदाजों कि राह अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से राह सौगात सुनाती है तरानों को अदाओं कि पहचान तराना दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि सरगम अफसाना देती है।

सपनों कि कोशिश से आस सोच सुनाती है आशाओं को उम्मीदों कि आस सरगम दिलाती है जज्बातों को कदमों कि सोच अफसाना देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...