Thursday 11 August 2022

कविता. ४५३०. उम्मीद से कोई कहानी।

                                     उम्मीद से कोई कहानी।

उम्मीद से कोई कहानी इशारा देती है लहरों को अफसानों कि सौगात धाराएं देती है उजालों को सरगम पहचान सुनाती है जज्बातों को लहर तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी मुस्कान देती है तरानों को अंदाजों कि सोच इरादा देती है कदमों को परख अहमियत सुनाती है लम्हों को कोशिश तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी परख देती है राहों को अरमानों कि सुबह एहसास देती है अदाओं को समझ बदलाव सुनाती है लहरों को पुकार तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी तलाश देती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान रोशनी देती है नजारों को समझ बदलाव सुनाती है राहों को सरगम तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी राह देती है लम्हों को अफसानों कि सौगात दास्तान देती है बदलावों को उमंग सहारा सुनाती है नजारों को आस तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी सुबह देती है उम्मीदों को दास्तानों कि कोशिश अरमान देती है खयालों को सौगात सोच सुनाती है लम्हों को राह तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी सौगात देती है इशारों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी देती है सपनों को सरगम कोशिश सुनाती है लहरों को खयाल तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी किनारा देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात आस देती है अंदाजों को सुबह पहचान सुनाती है आशाओं को परख तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी तलाश देती है आशाओं को राहों कि तलाश पुकार देती है कोशिश को आस अरमान सुनाती है जज्बातों को राह तराना देती है।

उम्मीद से कोई कहानी उमंग देती है तरानों को किनारों कि सुबह आवाज देती है नजारों को रोशनी बदलाव सुनाती है कदमों को सोच तराना देती है।

 

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