Tuesday 31 May 2022

कविता. ४४५८. रोशनी संग अक्सर कोई।

                                रोशनी संग अक्सर कोई।

रोशनी संग अक्सर कोई आवाज कोशिश बनकर सुनाई पडती है एहसासों को आशाओं कि महफ़िल इशारा देकर चलती है किनारों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई कहानी पहचान बनकर सुनाई पडती है नजारों को अदाओं कि समझ बदलाव देकर चलती है जज्बातों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई सुबह तराना बनकर सुनाई पडती है आशाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल देकर चलती है उजालों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई तलाश एहसास बनकर सुनाई पडती है उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान देकर चलती है इशारों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई सरगम सपना बनकर सुनाई पडती है इशारों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देकर चलती है अदाओं से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई मुस्कान अरमान बनकर सुनाई पडती है दिशाओं को उजालों कि परख सौगात देकर चलती है उम्मीदों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई आस बदलाव बनकर सुनाई पडती है इरादों को किनारों कि पहचान सरगम देकर चलती है रोशनी से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई परख अफसाना बनकर सुनाई पडती है खयालों को तरानों कि सोच इरादा देकर चलती है कदमों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई कहानी इशारा बनकर सुनाई पडती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल देकर चलती है लहरों से पुकार दिलाती है।

रोशनी संग अक्सर कोई सौगात तराना बनकर सुनाई पडती है उम्मीदों को दास्तानों कि कोशिश आस देकर चलती है दिशाओं से पुकार दिलाती है।

Monday 30 May 2022

कविता. ४४५७. जज्बात कि सुबह अक्सर।

                           जज्बात कि सुबह अक्सर।

जज्बात कि सुबह अक्सर अरमानों कि धाराएं कोशिश सुनाती है खयालों से उजालों कि सोच इरादा सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर किनारों कि पुकार अल्फाज सुनाती है नजारों से अफसानों कि कोशिश राह सुनाती है कदमों को दास्तानों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर कोशिश कि आस सपना सुनाती है तरानों से दिशाओं कि उमंग अल्फाज सुनाती है इशारों को अंदाजों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर लहर कि पहचान मुस्कान सुनाती है आशाओं से नजारों कि सौगात खयाल सुनाती है राहों को एहसासों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर सपनों कि पुकार तलाश सुनाती है बदलावों से आवाजों कि राह एहसास सुनाती है उम्मीदों को इशारों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर दिशाओं कि उमंग आस सुनाती है दास्तानों से कदमों कि आहट इरादा सुनाती है आवाजों को लम्हों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर किनारों कि सोच इरादा सुनाती है अंदाजों से अरमानों कि मुस्कान बदलाव सुनाती है दिशाओं को उजालों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर बदलावों कि उम्मीद आवाज सुनाती है लम्हों से दास्तानों कि सौगात आस सुनाती है सपनों को अदाओं कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर कोशिश कि परख पहचान सुनाती है बदलावों से आशाओं कि मुस्कान रोशनी सुनाती है तरानों को अंदाजों कि सरगम दिलाती है।

जज्बात कि सुबह अक्सर अंदाजों कि राह सौगात सुनाती है नजारों से अफसानों कि सौगात किनारा सुनाती है राहों को तरानों कि सरगम दिलाती है।

Sunday 29 May 2022

कविता. ४४५६. सपनों संग कोई कहानी।

                                 सपनों संग कोई कहानी।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर दिल कहता जाता है राहों कि पहचान दिशाओं संग किनारा सुनाकर चलती है आस संग नयी कोशिश देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर इशारा कहता जाता है नजारों कि तलाश आशाओं संग दास्तान सुनाकर चलती है रोशनी संग नयी पुकार देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर एहसास कहता जाता है तरानों कि सौगात आवाजों संग तलाश सुनाकर चलती है जज्बात संग नयी सरगम देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर सहारा कहता जाता है उजालों कि परख अंदाजों संग कोशिश सुनाकर चलती है मुस्कान संग नयी पहचान देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर जज्बात कहता जाता है इशारों कि सोच इरादों संग अरमान सुनाकर चलती है बदलाव संग नयी रोशनी देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर उजाला कहता जाता है अदाओं कि समझ राहों संग खयाल सुनाकर चलती है उम्मीद संग नयी सोच देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर इशारा कहता जाता है जज्बातों कि लहर दिशाओं संग आस सुनाकर चलती है कोशिश संग नयी परख देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर खयाल कहता जाता है अदाओं कि सरगम इशारों संग एहसास सुनाकर चलती है आवाज संग नयी सौगात देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर राह कहता जाता है लम्हों कि पुकार आशाओं संग लहर सुनाकर चलती है पहचान संग नयी उमंग देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर पुकार कहता जाता है मुस्कान कि राह अंदाजों संग सरगम सुनाकर चलती है आस संग नयी अहमियत देकर जाता है।

Saturday 28 May 2022

कविता. ४४५५. खयालों कि उम्मीद संग।

                             खयालों कि उम्मीद संग।

खयालों कि उम्मीद संग कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है राहों कि तलाश आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग किनारों कि लहर अरमान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी सुनाती है तरानों कि सरगम आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग नजारों कि उमंग कोशिश दिलाती है लम्हों को इशारों कि सोच इरादा सुनाती है एहसासों कि पुकार आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग उजालों कि परख पहचान दिलाती है सपनों को आशाओं कि सौगात लहर सुनाती है बदलावों कि उमंग आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग जज्बातों कि सोच बदलाव दिलाती है तरानों को किनारों कि पुकार अहमियत सुनाती है इशारों कि सुबह आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग दिशाओं कि राह आवाज दिलाती है अंदाजों को इरादों कि तलाश कोशिश सुनाती है नजारों कि सौगात आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग तरानों कि सौगात अरमान दिलाती है इशारों को अदाओं कि समझ अफसाना सुनाती है उजालों कि परख आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है सपनों को अंदाजों कि उमंग बदलाव सुनाती है एहसासों कि सोच आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग अदाओं कि तलाश बदलाव दिलाती है दास्तानों को नजारों कि पहचान मुस्कान सुनाती है राहों कि उमंग आस दिलाती है।

खयालों कि उम्मीद संग कदमों कि पहचान आवाज दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच इरादा सुनाती है अरमानों कि धाराएं आस दिलाती है।

 

Friday 27 May 2022

कविता. ४४५४. मुस्कान अक्सर।

                                  मुस्कान अक्सर।

मुस्कान अक्सर इशारे देकर जाती है जज्बातों को दिशाओं कि पहचान तलाश दिलाती है सपनों कि सरगम अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर उजाले देकर जाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह अरमान दिलाती है नजारों कि तलाश अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर तराने देकर जाती है किनारों को आशाओं कि परख अहमियत दिलाती है दास्तानों कि सौगात अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर नजारे देकर जाती है तरानों को अंदाजों कि लहर अफसाना दिलाती है आवाजों कि धून अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर राहे देकर जाती है अरमानों को लम्हों कि कहानी लहर दिलाती है अंदाजों कि पहचान अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर लहरे देकर जाती है आवाजों को किनारों कि पुकार अल्फाज दिलाती है खयालों कि उम्मीद अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर दास्ताने देकर जाती है अदाओं को सपनों कि परख अरमान दिलाती है लहरों कि अहमियत अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर किनारे देकर जाती है बदलावों को उम्मीदों कि सौगात इरादा दिलाती है कदमों कि सुबह अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर अफसाने देकर जाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह कोशिश दिलाती है नजारों कि आस अक्सर एहसास सुनाती है।

मुस्कान अक्सर सहारे देकर जाती है जज्बातों को आवाजों कि धून बदलाव दिलाती है सपनों कि पुकार अक्सर एहसास सुनाती है।

Thursday 26 May 2022

कविता. ४४५३. आवाज को लहरों कि।

                              आवाज को लहरों कि।

आवाज को लहरों कि मुस्कान कोशिश सुनाती है नजारों को एहसासों कि सरगम पुकार दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान अरमान दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि परख पहचान सुनाती है सपनों को नजारों कि तलाश अहमियत दिलाती है दास्तानों को अंदाजों कि सौगात अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि सरगम सरगम सुनाती है राहों को किनारों कि पुकार बदलाव दिलाती है अदाओं को खयालों कि उम्मीद अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि सोच इरादा सुनाती है जज्बातों को धाराओं कि सौगात आस दिलाती है राहों को किनारों कि सोच अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि कोशिश आस सुनाती है नजारों को एहसासों कि तलाश कहानी दिलाती है सपनों को खयालों कि उमंग अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि सौगात तराना सुनाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है बदलावों को इशारों कि समझ अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि दास्तान राह सुनाती है अल्फाजों को बदलावों कि उमंग आस दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि सौगात अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि सोच कोशिश सुनाती है सपनों को इशारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख अफसाना देती है।

आवाज को लहरों कि सुबह नजारा सुनाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है लम्हों को कदमों कि तलाश अफसाना देती है।

Wednesday 25 May 2022

कविता. ४४५२. सरगम संग खयालों कि।

                          सरगम संग खयालों कि।

सरगम संग खयालों कि लहर इशारे देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है तरानों से दिशाओं कि उमंग पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि उम्मीद सपना देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह कोशिश सुनाती है नजारों से अफसानों कि सौगात पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि सोच कोशिश देती है बदलावों को इशारों कि परख आस सुनाती है जज्बातों से मुस्कान कि रोशनी पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि उमंग अरमान देती है किनारों को आशाओं कि राह अल्फाज सुनाती है लम्हों से दास्तानों कि सुबह पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि सौगात तराने देती है नजारों को अदाओं कि समझ बदलाव सुनाती है राहों से आवाजों कि धून पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि राह एहसास देती है सपनों को इरादों कि तलाश अफसाना सुनाती है उजालों से अंदाजों कि पुकार पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि सोच बदलाव देती है कदमों को दास्तानों कि सोच इरादा सुनाती है किनारों से आशाओं कि परख पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि सुबह आवाज देती है तरानों को अंदाजों कि रोशनी पुकार सुनाती है अदाओं से आवाजों कि सौगात पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि लहर इरादा देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान सुनाती है नजारों से जज्बातों कि कोशिश पहचान जगाती है।

सरगम संग खयालों कि उमंग तराना देती है एहसासों को अदाओं कि पुकार उम्मीद सुनाती है आशाओं से अरमानों कि धाराएं पहचान जगाती है।

Tuesday 24 May 2022

कविता. ४४५१. उजालों के अरमानों कि।

                            उजालों के अरमानों कि।

उजालों के अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है सपनों से अदाओं कि समझ अल्फाज सुनाती है नजारों कि तलाश अक्सर आस सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि पुकार पहचान दिलाती है दास्तानों से कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है जज्बातों कि लहर अक्सर आवाज सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि समझ सरगम दिलाती है दिशाओं से किनारों कि सुबह एहसास सुनाती है राहों कि तलाश अक्सर खयाल सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि सौगात कोशिश दिलाती है आशाओं से दास्तानों कि लहर बदलाव सुनाती है इशारों कि सोच अक्सर पहचान सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि तलाश अहमियत दिलाती है कदमों से अल्फाजों कि आस मुस्कान सुनाती है तरानों कि परख अक्सर पुकार सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि रोशनी सहारा दिलाती है लम्हों से उम्मीदों कि सोच इरादा सुनाती है एहसासों कि कहानी अक्सर सौगात सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि सुबह सोच दिलाती है सपनों से अंदाजों कि सौगात तलाश सुनाती है रोशनी कि सरगम अक्सर एहसास सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि नजर इशारा दिलाती है इरादों से आशाओं कि परख पहचान सुनाती है अंदाजों कि मुस्कान अक्सर कोशिश सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि उमंग अरमान दिलाती है अदाओं से इशारों कि आहट अफसाना सुनाती है राहों कि पहचान अक्सर उम्मीद सुनाती है।

उजालों के अरमानों कि सौगात पुकार दिलाती है अंदाजों से आवाजों कि धून मुस्कान सुनाती है दास्तानों कि सोच अक्सर किनारा सुनाती है।

 

Monday 23 May 2022

कविता. ४४५०. लहरों से एहसासों कि कहानी।

                         लहरों से एहसासों कि कहानी।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर दिशाएं देती है उम्मीदों को अरमानों कि पुकार किनारे देती है तरानों से जुड़कर आस अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर नजारा देती है उजालों को अल्फाजों कि मुस्कान रोशनी देती है कदमों से परखकर कोशिश अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर तलाश देती है तरानों को अंदाजों कि सौगात कोशिश देती है जज्बातों से मिलकर सरगम अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर आस देती है नजारों को आवाजों कि धून रोशनी देती है किनारों से समझकर लहर अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर अल्फाज देती है जज्बातों को दास्तानों कि सुबह एहसास देती है राहों से जुड़कर सौगात अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर आवाज देती है कदमों को आशाओं कि परख पहचान देती है उम्मीदों से मिलकर पुकार अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर दास्तान देती है किनारों को खयालों कि सरगम सुबह देती है अरमानों से परखकर राह अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर तराना देती है इशारों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है आशाओं से जुड़कर पहचान अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर मुस्कान देती है बदलावों को लम्हों कि सौगात खयाल देती है आवाजों से मिलकर उम्मीद अफसाने देती है।

लहरों से एहसासों कि कहानी अक्सर अल्फाज देती है दिशाओं को उजालों कि सोच इरादा देती है अल्फाजों से जुड़कर आस अफसाने देती है।


Sunday 22 May 2022

कविता. ४४४९. सपनों को खयालों कि।

                                सपनों को खयालों कि।

सपनों को खयालों कि पुकार इशारा देती है तरानों को अंदाजों कि लहर आवाज दिलाती है कदमों को तलाश देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि उम्मीद आवाज देती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है अदाओं को बदलाव देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि सोच इरादा देती है इरादों को आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है कोशिश को अल्फाज देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि उमंग अरमान देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह आस दिलाती है लम्हों को नजारा देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि सरगम आस देती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है जज्बातों को दिशा देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि सौगात पहचान देती है कोशिश को राहों कि मुस्कान उजाला दिलाती है नजारों को पहचान देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि तलाश आवाज देती है किनारों को आशाओं कि परख पहचान दिलाती है इशारों को आस देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि सोच इरादा देती है आशाओं को अंदाजों कि पुकार अल्फाज दिलाती है अदाओं को बदलाव देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि उमंग अरमान देती है रोशनी को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है दिशाओं को उजाला देकर जाती है।

सपनों को खयालों कि सरगम सहारा देती है दास्तानों को इशारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है कदमों को अहमियत देकर जाती है।

 

Saturday 21 May 2022

कविता. ४४४८. लम्हों से अक्सर।

                                    लम्हों से अक्सर।

लम्हों से अक्सर सपनों कि लहर इशारा देती है। उम्मीदों को आवाजों कि धून पहचान सुनाती है नजारों से अफसानों कि सौगात आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर आशाओं कि मुस्कान तलाश देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह एहसास सुनाती है तरानों से दिशाओं कि उमंग आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर अंदाजों कि सरगम कोशिश देती है किनारों को अंदाजों कि राह अहमियत सुनाती है जज्बातों से बदलावों कि सोच आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर नजारों कि आस दास्तान देती है इशारों को उजालों कि परख पुकार सुनाती है आवाजों से इरादों कि मुस्कान आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर आवाजों कि धून लहर देती है तरानों को किनारों कि सोच अरमान सुनाती है अंदाजों से खयालों कि बदलाव आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर अदाओं कि रोशनी खयाल देती है खयालों को उम्मीदों कि सौगात बदलाव सुनाती है नजारों से अफसानों कि राह आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर इरादों कि तलाश बदलाव देती है कदमों को दिशाओं कि सोच कोशिश सुनाती है अदाओं से खयालों कि सरगम आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर जज्बातों कि मुस्कान रोशनी देती है तरानों को अंदाजों कि राह नजारा सुनाती है उजालों से आवाजों कि धून आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर कदमों कि आहट कोशिश देती है बदलावों को किनारों कि समझ अरमान सुनाती है राहों से आशाओं कि उम्मीद आस दिलाती है।

लम्हों से अक्सर अंदाजों कि लहर तराना देती है नजारों को एहसासों कि तलाश इरादा सुनाती है अदाओं से दास्तानों कि राह आस दिलाती है।

 

Friday 20 May 2022

कविता. ४४४७. किनारों कि तलाश अक्सर।

                        किनारों कि तलाश अक्सर।

किनारों कि तलाश अक्सर पहचान सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि कोशिश अरमान जगाती है जज्बातों से कदमों कि आहट जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर अल्फाज सुनाती है नजारों को अंदाजों कि मुस्कान बदलाव जगाती है अरमानों से आशाओं कि सोच जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर परख सुनाती है अदाओं को लम्हों कि पहचान खयाल जगाती है लहरों से दास्तानों कि सुबह जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर आस सुनाती है दिशाओं को उजालों कि परख अरमान जगाती है अफसानों से आवाजों कि धून जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर सौगात सुनाती है लहरों को दास्तानों कि सौगात एहसास जगाती है अदाओं से नजारों कि पहचान जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर सपना सुनाती है राहों को कोशिश कि सरगम कोशिश जगाती है नजारों से उजालों कि परख जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर नजारा सुनाती है अंदाजों को लहर कि पुकार अल्फाज जगाती है दिशाओं से अरमानों कि धाराएं जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर पुकार सुनाती है उजालों को अफसानों कि राह मुस्कान जगाती है दास्तानों से खयालों कि उम्मीद जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर रोशनी सुनाती है तरानों को अदाओं कि समझ आवाज जगाती है बदलावों से आशाओं कि परख जज्बात सुनाती है।

किनारों कि तलाश अक्सर आवाज सुनाती है राहों को एहसासों कि सौगात एहसास जगाती है कदमों से अफसानों कि पुकार जज्बात सुनाती है।

Thursday 19 May 2022

कविता. ४४४६. लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान।

                                         लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान रोशनी देती है किनारों को अदाओं कि सौगात तलाश देती है उम्मीदों कि सुबह अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान कोशिश देती है तरानों को अंदाजों कि राह अरमान देती है कदमों कि आस अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान तलाश देती है नजारों को आशाओं कि सोच इरादा देती है आवाजों कि परख अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान अरमान देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून तराना देती है किनारों कि पुकार अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान आवाज देती है जज्बातों को तरानों कि आस कोशिश देती है बदलावों कि उमंग अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान उजाला देती है सपनों को अंदाजों कि रोशनी खयाल देती है दिशाओं कि आहट अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान जज्बात देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात सुबह देती है अदाओं कि समझ अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान सपना देती है नजारों को अदाओं कि सरगम इशारा देती है तरानों कि परख अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान समझ देती है कदमों को दास्तानों कि आस बदलाव देती है उम्मीदों कि सौगात अक्सर एहसास सुनाती है।

लहरों को अल्फाजों कि मुस्कान आस देती है आवाजों को कदमों कि आहट अफसाना देती है अंदाजों कि सरगम अक्सर एहसास सुनाती है।

Wednesday 18 May 2022

कविता. ४४४५. राहों कि सोच अक्सर।

                              राहों कि सोच अक्सर।

राहों कि सोच अक्सर बदलावों कि उमंग दिलाती है लम्हों संग खयालों कि उम्मीद आवाज दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है सपनों संग आसमानों कि समझ सरगम दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर लहरों कि सुबह दिलाती है तरानों संग किनारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है बदलावों को इशारों कि सौगात पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर दास्तानों कि समझ दिलाती है नजारों संग आशाओं कि आस अल्फाज दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी पुकार देकर जाती है। 

राहों कि सोच अक्सर जज्बातों कि परख दिलाती है जज्बातों संग एहसासों कि तलाश पहचान दिलाती है इरादों को अंदाजों कि राह पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर एहसासों कि आस दिलाती है अल्फाजों संग आवाजों कि धून अरमान दिलाती है उम्मीदों को आशाओं कि सुबह पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर दिशाओं कि उमंग दिलाती है उम्मीदों संग आशाओं कि परख बदलाव दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर इरादों कि पहचान दिलाती है बदलावों संग कदमों कि सौगात आस दिलाती है लहरों को अरमानों कि धाराएं पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर कदमों कि सुबह दिलाती है नजारों संग आवाजों कि धून एहसास दिलाती है सपनों को जज्बातों कि कोशिश पुकार देकर जाती है।

राहों कि सोच अक्सर बदलावों कि उम्मीद दिलाती है लहरों संग अफसानों कि सौगात आवाज दिलाती है दास्तानों को रोशनी कि पहचान पुकार देकर जाती है।

Tuesday 17 May 2022

कविता. ४४४४. दास्तानों को बदलावों कि।

                            दास्तानों को बदलावों कि।

दास्तानों को बदलावों कि लहर इशारा देती है तरानों को जज्बातों कि सोच सहारा देती है उम्मीदों को अफसानों कि सौगात कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि मुस्कान रोशनी देती है राहों को अरमानों कि परख पहचान देती है नजारों को अदाओं कि समझ कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि उमंग अरमान देती है कदमों को आवाजों कि धून आस देती है किनारों को आशाओं कि सरगम कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि राह खयाल देती है उम्मीदों को दिशाओं कि परख अल्फाज देती है राहों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि सोच इरादा देती है सपनों को एहसासों कि उम्मीद आवाज देती है कदमों को खयालों कि सुबह कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि रोशनी सोच देती है तरानों को अंदाजों कि राह मुस्कान देती है जज्बातों को दिशाओं कि सौगात कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि समझ किनारा देती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि पहचान मुस्कान देती है उजालों को अल्फाजों कि आस अफसाना देती है नजारों को कदमों कि आस कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि परख सहारा देती है खयालों को तरानों कि रोशनी सरगम देती है किनारों को आशाओं कि सुबह कोशिश दिलाती है।

दास्तानों को बदलावों कि तलाश एहसास देती है कदमों को आवाजों कि सोच सुबह देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग कोशिश दिलाती है।

 

Monday 16 May 2022

कविता. ४४४३. सुबह के एहसास संग।

                               सुबह के एहसास संग।

सुबह के एहसास संग आशाओं कि रोशनी खयाल दिलाती है कदमों को दास्तानों कि आहट पुकार सुनाती है अल्फाजों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है किनारों को अंदाजों कि सरगम पहचान सुनाती है नजारों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग जज्बातों कि लहर पहचान दिलाती है सपनों को नजारों कि सौगात आवाज सुनाती है तरानों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उम्मीद राह सुनाती है लम्हों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग नजारों कि तलाश अफसाना दिलाती है अंदाजों को इशारों कि सोच इशारा सुनाती है अदाओं से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग राहों कि सरगम खयाल दिलाती है बदलावों को उजालों कि परख कोशिश सुनाती है तरानों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग बदलावों कि उमंग सरगम दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि सुबह किनारा सुनाती है आवाजों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग कदमों कि आहट अल्फाज दिलाती है किनारों को अंदाजों कि सौगात बदलाव सुनाती है नजारों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग लहरों कि परख अहमियत दिलाती है सपनों को बदलावों कि सोच इरादा सुनाती है जज्बातों से जुड़कर आस दिलाती है।

सुबह के एहसास संग दास्तानों कि कोशिश नजारा दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट पहचान सुनाती है अरमानों से जुड़कर आस दिलाती है।

 

Sunday 15 May 2022

कविता. ४४४२. उजियारे संग आशाओं कि।

                          उजियारे संग आशाओं कि।

उजियारे संग आशाओं कि लहर आस सुनाती है तरानों के उम्मीदों कि सोच अरमान जगाती है कदमों को बदलावों कि उमंग खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि मुस्कान पुकार सुनाती है राहों के एहसासों कि तलाश कोशिश जगाती है किनारों को अंदाजों कि लहर खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि कोशिश बदलाव सुनाती है आवाजों के लम्हों कि सौगात सपना जगाती है नजारों को एहसासों कि सोच खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि सरगम एहसास सुनाती है लहरों के अफसानों कि पहचान राह जगाती है जज्बातों को दिशाओं कि कहानी खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि सौगात तलाश सुनाती है दास्तानों के राहों कि कहानी सुबह जगाती है अदाओं को उम्मीदों कि सौगात खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि परख कोशिश सुनाती है अदाओं के सपनों कि पुकार अल्फाज जगाती है तरानों को किनारों कि परख खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि रोशनी आस सुनाती है किनारों के अंदाजों कि मुस्कान आवाज जगाती है दास्तानों को अरमानों कि धाराएं खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि सोच आवाज सुनाती है नजारों के अदाओं कि समझ बदलाव जगाती है लहरों को अफसानों कि पहचान खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि राह किनारा सुनाती है अंदाजों के इरादों कि तलाश अफसाना जगाती है राहों को किनारों कि सुबह खयाल दिलाती है।

उजियारे संग आशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है राहों के अरमानों कि धाराएं अंदाज जगाती है उम्मीदों को दास्तानों कि सोच खयाल दिलाती है।

Saturday 14 May 2022

कविता. ४४४१. आशाओं संग अदाओं कि।

                         आशाओं संग अदाओं कि।

आशाओं संग अदाओं कि कोशिश अरमान जगाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग सुबह दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि समझ पहचान जगाती है किनारों को अंदाजों कि मुस्कान सरगम दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि सोच इरादा जगाती है कदमों को दास्तानों कि सौगात बदलाव दिलाती है आवाजों को उजालों कि धाराएं तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि सुबह परख जगाती है लम्हों को अरमानों कि तलाश खयाल दिलाती है सपनों को नजारों कि सरगम तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि सौगात पुकार जगाती है जज्बातों को बदलावों कि सोच इरादा दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि मुस्कान लहर जगाती है इरादों को राहों कि रोशनी अरमान दिलाती है लम्हों को अल्फाजों कि सोच तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि कोशिश बदलाव जगाती है खयालों को उम्मीदों कि सौगात परख दिलाती है इशारों को अरमानों कि पहचान तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि रोशनी खयाल जगाती है किनारों को अंदाजों कि मुस्कान आवाज दिलाती है सपनों को नजारों कि सरगम तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि तलाश सरगम जगाती है दास्तानों को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि राह तराना देती है।

आशाओं संग अदाओं कि सुबह उमंग जगाती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश इशारा दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच तराना देती है।

 

Friday 13 May 2022

कविता. ४४४०. रोशनी को अरमानों कि तलाश।

                     रोशनी को अरमानों कि तलाश।

रोशनी को अरमानों कि तलाश खयाल दिलाती है लहरों से इशारों कि पहचान अक्सर तरानों का अफसाना सुनाती है।  

रोशनी को अरमानों कि तलाश किनारा दिलाती है लम्हों को अंदाजों कि धाराएं अक्सर आशाओं का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश लहर दिलाती है कदमों से अल्फाजों कि सरगम अक्सर अदाओं का अफसाना सुनाती है। 

रोशनी को अरमानों कि तलाश नजारा दिलाती है सपनों को नजारों कि आस अक्सर लम्हों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश कोशिश दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि उम्मीद अक्सर खयालों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश सहारा दिलाती है अंदाजों को इरादों कि मुस्कान अक्सर बदलावों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश इशारा दिलाती है किनारों को आशाओं कि परख अक्सर आवाजों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश सरगम दिलाती है कोशिश को उम्मीदों कि सोच अक्सर किनारों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश सौगात दिलाती है आवाजों को कदमों कि आहट अक्सर जज्बातों का अफसाना सुनाती है।

रोशनी को अरमानों कि तलाश मुस्कान दिलाती है लम्हों को अल्फाजों कि धाराएं अक्सर अंदाजों का अफसाना सुनाती है।


Thursday 12 May 2022

कविता. ४४३९. राहों कि तलाश अक्सर।

                            राहों कि तलाश अक्सर।

राहों कि तलाश अक्सर अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है कदमों से एहसासों कि सौगात खयाल जगाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर लम्हों को अरमानों कि धाराएं देकर चलती है दिशाओं से लहरों कि पुकार आस जगाती है नजारों को जज्बातों कि सोच रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर नजारों को सुबह एहसास सुनाकर बढती है दास्तानों से कदमों कि परख पहचान जगाती है बदलावों को इशारों कि सौगात रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर अदाओं कि उमंग अल्फाज सुनाती है तरानों से उजालों कि सरगम बदलाव जगाती है अंदाजों को इरादों कि पहचान रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर जज्बातों कि सौगात आस सुनाती है आशाओं से अफसानों कि आस इरादा जगाती है कदमों को दास्तानों कि पुकार रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर दिशाओं को इरादों कि मुस्कान देकर चलती है बदलावों से आशाओं कि परख एहसास जगाती है उम्मीदों कि सुबह रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर कदमों कि पुकार पहचान सुनाती है नजारों से अफसानों कि समझ अहमियत जगाती है किनारों को अदाओं कि सरगम रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर अंदाजों को अदाओं कि समझ देकर चलती है तरानों से दिशाओं कि उमंग पहचान जगाती है नजारों को एहसासों कि लहर रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर अरमानों कि धाराएं एहसास सुनाती है सपनों से आशाओं कि मुस्कान अफसाना जगाती है इशारों को अंदाजों कि आस रोशनी दिलाती है।

राहों कि तलाश अक्सर बदलावों कि उमंग सहारा देकर चलती है जज्बातों से अल्फाजों कि सोच इरादा जगाती है बदलावों को इशारों कि सौगात रोशनी दिलाती है।

Wednesday 11 May 2022

कविता. ४४३८. जज्बातों संग एहसासों कि।

                             जज्बातों संग एहसासों कि।

जज्बातों संग एहसासों कि लहर सपने देती है किनारों को अरमानों कि धाराएं कोशिश दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि तलाश खयाल देती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान अरमान दिलाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि सुबह सोच देती है अदाओं को सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है लहरों को कदमों कि आहट पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि मुस्कान रोशनी देती है नजारों को अदाओं कि तलाश इरादा दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि राह कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि सौगात रोशनी दिलाती है उम्मीदों को अंदाजों कि धाराएं पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि उमंग अरमान देती है इशारों को आशाओं कि परख नजारा दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि तलाश पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि सोच मुस्कान देती है तरानों को अंदाजों कि राह अफसाना दिलाती है दिशाओं को इरादों कि मुस्कान पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि लहर अरमान देती है कदमों को खयालों कि उम्मीद सुबह दिलाती है अदाओं को लहरों कि पुकार पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि परख सपना देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून अफसाना दिलाती है सपनों को नजारों कि राह पहचान सुनाती है।

जज्बातों संग एहसासों कि पुकार आस देती है दास्तानों को बदलावों कि सोच इरादा दिलाती है इशारों को अरमानों कि धाराएं पहचान सुनाती है।

 

Tuesday 10 May 2022

कविता. ४४३७. उम्मीदों को आवाजों कि धून।

                      उम्मीदों को आवाजों कि धून।

उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है लहरों को अफसानों मे अंदाजों कि राह किनारा सुनाती है तरानों से जुड़कर कोशिश का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून रोशनी दिलाती है लम्हों को कदमों मे अरमानों कि धाराएं अल्फाज सुनाती है नजारों से जुड़कर आस का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून सपना दिलाती है जज्बातों को दिशाओं मे आशाओं कि मुस्कान सरगम सुनाती है अदाओं से जुड़कर राह का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून सुबह दिलाती है नजारों को अदाओं मे किनारों कि पुकार खयाल सुनाती है बदलावों से जुड़कर लहर का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून कोशिश दिलाती है सपनों को आशाओं मे दास्तानों कि सुबह तलाश सुनाती है आवाजों से जुड़कर परख का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून आस दिलाती है जज्बातों को दास्तानों मे खयालों कि उमंग अरमान सुनाती है राहों से जुड़कर कोशिश का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून बदलाव दिलाती है अदाओं को लहरों मे इशारों कि पहचान जज्बात सुनाती है तरानों से जुड़कर रोशनी का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून पहचान दिलाती है आशाओं को अफसानों मे इरादों कि तलाश सौगात सुनाती है जज्बातों से जुड़कर अंदाज का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून किनारा दिलाती है दास्तानों को बदलावों मे आशाओं कि सोच इरादा सुनाती है कदमों से जुड़कर अल्फाज का एहसास देती है।

उम्मीदों को आवाजों कि धून पुकार दिलाती है लहरों को अफसानों मे तरानों कि राह मुस्कान सुनाती है नजारों से जुड़कर पुकार का एहसास देती है।

 

Monday 9 May 2022

कविता. ४४३६. किनारों संग आवाज नयी।

                               किनारों संग आवाज नयी।

किनारों संग आवाज नयी सोच देती है कदमों को दास्तानों कि मुस्कान उजाला देती है तरानों को अंदाजों कि कोशिश पहचान देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी तलाश देती है नजारों को एहसासों कि सुबह सरगम देती है लहरों को अफसानों कि सौगात बदलाव देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी आस देती है दिशाओं को उजालों कि परख अरमान देती है उजालों को अल्फाजों कि सरगम आवाज देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी रोशनी देती है जज्बातों को सपनों कि सौगात आस देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अहमियत देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी कोशिश देती है राहों को नजारों कि तलाश खयाल देती है जज्बातों को दिशाओं कि मुस्कान पहचान देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी सरगम देती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है उम्मीदों को लहरों कि पहचान पुकार देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी सौगात देती है उम्मीदों को दास्तानों कि सुबह कोशिश देती है तरानों को अंदाजों कि लहर एहसास देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी लहर देती है तरानों को अंदाजों कि सरगम खयाल देती है आशाओं को लम्हों कि सोच कोशिश देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी मुस्कान देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान देती है कदमों को आवाजों कि धून सौगात देकर चलती है।

किनारों संग आवाज नयी तलाश देती है कदमों को इरादों कि मुस्कान रोशनी देती है उजालों को अल्फाजों कि सरगम अरमान देकर चलती है।


 

Sunday 8 May 2022

कविता. ४४३५. अरमानों को लम्हों कि कहानी।

                      अरमानों को लम्हों कि कहानी।

अरमानों को लम्हों कि कहानी आशाएं दिलाती है लहरों संग अफसानों कि सौगात पुकार जगाती है कदमों को दास्तानों कि सोच अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है सपनों संग नजारों कि सुबह एहसास जगाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी जज्बात दिलाती है बदलावों संग आशाओं कि परख उजाला जगाती है राहों को एहसासों कि तलाश अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी तराना दिलाती है उम्मीदों संग आवाजों कि धून अल्फाज जगाती है किनारों को अंदाजों कि मुस्कान अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी रोशनी दिलाती है नजारों संग इरादों कि राह आस जगाती है अफसानों को दिशाओं कि समझ अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सरगम दिलाती है खयालों संग अंदाजों कि राह बदलाव जगाती है तरानों को किनारों कि पुकार अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है सपनों संग अदाओं कि समझ पहचान जगाती है नजारों को आवाजों कि सौगात अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी पहचान दिलाती है लहरों संग आशाओं कि परख पुकार जगाती है राहों को कोशिश कि सरगम अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सौगात दिलाती है बदलावों संग कदमों कि रोशनी खयाल जगाती है उजालों को अल्फाजों कि आस अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सपना दिलाती है तरानों संग किनारों कि आहट अफसाना जगाती है अदाओं को कदमों कि आहट अक्सर इशारे देती है।

 

Saturday 7 May 2022

कविता. ४४३४. उजालों को अल्फाजों कि सोच।

                         उजालों को अल्फाजों कि सोच।

उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है अरमानों से आशाओं कि मुस्कान रोशनी जगाती है कदमों को दास्तानों कि आस तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच खयाल सुनाती है नजारों से अफसानों कि सरगम सुबह जगाती है लहरों को आशाओं कि मुस्कान तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच कोशिश सुनाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज जगाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच किनारा सुनाती है अदाओं को लम्हों कि सोच एहसास जगाती है नजारों को आवाजों कि सरगम तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच आस सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान जगाती है दास्तानों को बदलावों कि पहचान तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच पुकार सुनाती है बदलावों को इशारों कि परख पहचान जगाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच उम्मीद सुनाती है राहों को एहसासों कि सौगात आस जगाती है बदलावों को उमंग कि उड़ान तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच सरगम सुनाती है कदमों को दास्तानों कि मुस्कान रोशनी जगाती है तरानों को अंदाजों कि पहचान तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच बदलाव सुनाती है नजारों को आवाजों कि धून कोशिश जगाती है रोशनी को लहरों कि पुकार तलाश देकर चलती है।

उजालों को अल्फाजों कि सोच सपना सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि सौगात पुकार जगाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह तलाश देकर चलती है।

Friday 6 May 2022

कविता. ४४३४. दास्तानों कि सुबह संग।

                               दास्तानों कि सुबह संग।

दास्तानों कि सुबह संग आवाजों कि सोच इरादा दिलाती है कदमों कि राह अक्सर तराना सुनाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग आशाओं कि मुस्कान कोशिश दिलाती है लहरों कि पुकार अक्सर आस सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग जज्बातों कि लहर सौगात दिलाती है सपनों कि सरगम अक्सर तलाश सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि सोच अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग तरानों कि राह अफसाना दिलाती है किनारों कि पहचान अक्सर अल्फाज सुनाती है बदलावों को इशारों कि परख अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग अरमानों कि धाराएं बदलाव दिलाती है आशाओं कि मुस्कान अक्सर इशारा सुनाती है तरानों को कदमों कि पुकार अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग उजालों कि पहचान खयाल दिलाती है एहसासों कि तलाश अक्सर कोशिश सुनाती है राहों को जज्बातों कि लहर अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग उम्मीदों कि परख कोशिश दिलाती है अदाओं कि समझ अक्सर अरमान सुनाती है नजारों को आशाओं कि मुस्कान अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग नजारों कि आस पहचान दिलाती है तरानों कि सरगम अक्सर लम्हा सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग बदलावों कि उमंग अरमान दिलाती है लहरों कि सौगात अक्सर किनारा सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि सोच अंदाज दिलाती है।

दास्तानों कि सुबह संग लहरों कि पुकार अल्फाज दिलाती है सपनों कि सरगम अक्सर एहसास सुनाती है तरानों को आवाजों कि धून अंदाज दिलाती है।

Thursday 5 May 2022

कविता. ४४३३. राहों कि रोशनी अक्सर।

                            राहों कि रोशनी अक्सर।

राहों कि रोशनी अक्सर अंदाजों कि मुस्कान दिलाती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान कोशिश सुनाती है नजारों को एहसासों कि तलाश खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर दिशाओं कि उमंग दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर अरमानों कि धाराएं दिलाती है जज्बातों को अदाओं कि समझ आस सुनाती है बदलावों को इशारों कि सोच खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर आवाजों कि धून दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि सरगम सोच सुनाती है राहों को किनारों कि पुकार खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर जज्बातों कि लहर दिलाती है आशाओं को एहसासों कि समझ राह सुनाती है कदमों कि सरगम खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर तरानों कि परख दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच इरादा सुनाती है जज्बातों कि पहचान खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर दास्तानों कि सुबह दिलाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अफसाना सुनाती है नजारों कि अहमियत खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर बदलावों कि उम्मीद दिलाती है दास्तानों को नजारों कि तलाश अल्फाज सुनाती है दिशाओं कि उमंग खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर लम्हों कि सौगात दिलाती है इशारों को अंदाजों कि कोशिश पहचान सुनाती है लहरों कि पहचान खयाल दिलाती है।

राहों कि रोशनी अक्सर नजारों कि आस दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सोच बदलाव सुनाती है कोशिश कि सरगम खयाल दिलाती है।

Wednesday 4 May 2022

कविता. ४४३२. किनारों से आशाओं कि सरगम।

                  किनारों से आशाओं कि सरगम।

किनारों से आशाओं कि सरगम दास्तान दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अफसाना सुनाती है तरानों को अंदाजों कि सौगात सपना देकर जाती है।

किनारों से आशाओं कि सरगम कोशिश दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है जज्बातों को खयालों कि उम्मीद सपना देकर जाती है।

किनारों से आशाओं कि सरगम सौगात दिलाती है दिशाओं को उजालों कि सुबह कोशिश सुनाती है नजारों को एहसासों कि लहर सपना देकर जाती है।

किनारों से आशाओं कि सरगम परख दिलाती है एहसासों को अदाओं कि समझ बदलाव सुनाती है बदलावों को इशारों कि पुकार सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम आस दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि आस सौगात सुनाती है अरमानों को इरादों कि तलाश सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम रोशनी दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच इरादा सुनाती है अंदाजों को कदमों कि पहचान सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम नजारा दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि मुस्कान आहट सुनाती है राहों को अल्फाजों कि धाराएं सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम मुस्कान दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून आस सुनाती है तरानों को उजालों कि समझ सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम लहर दिलाती है दिशाओं को इरादों कि सौगात बदलाव सुनाती है आवाजों को लम्हों कि रोशनी सपना देकर जाती है।

किनारों को आशाओं कि सरगम अल्फाज दिलाती है राहों को एहसासों कि तलाश पहचान सुनाती है नजारों को अदाओं कि पुकार सपना देकर जाती है।

Tuesday 3 May 2022

कविता. ४४३१. सपनों कि पुकार से अक्सर।

                             सपनों कि पुकार से अक्सर।

सपनों कि पुकार से अक्सर लम्हों कि सौगात मिलती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान बदलाव सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि आस सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार से अक्सर आशाओं कि परख दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच इरादा सुनाती है नजारों को आवाजों कि मुस्कान सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार से अक्सर अंदाजों कि लहर मिलती है दास्तानों को नजारों कि सुबह एहसास सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर खयालों कि उम्मीद दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं सोच सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि सुबह सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर इशारों कि तलाश दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि आस कोशिश सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर आवाजों कि धून दिलाती है लम्हों को कदमों कि सोच इरादा सुनाती है नजारों को एहसासों कि आस सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर दिशाओं कि उमंग दिलाती है बदलावों को इशारों कि सुबह पहचान सुनाती है राहों को अरमानों कि धाराएं सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर दास्तानों कि सुबह दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ तराना सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि कोशिश सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर लहरों कि पहचान दिलाती है बदलावों को जज्बातों कि सौगात आस सुनाती है इरादों को अंदाजों कि राह सरगम सुनाती है।

सपनों कि पुकार अक्सर उजालों कि परख दिलाती है उम्मीदों को आशाओं कि परख तलाश सुनाती है दिशाओं को इरादों कि बदलाव सरगम सुनाती है।


Monday 2 May 2022

कविता. ४४३०. आवाज अक्सर मन मे ही।

                            आवाज अक्सर मन मे ही।

आवाज अक्सर मन मे ही सुबह मिल जाती है जब दिल कि सरगम कोई अनोखी सरगम सुनाती है तरानों संग खयालों कि उम्मीद मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही कोशिश रहती है जब आशाओं कि उम्मीद कोई अनोखी पहचान सुनाती है नजारों संग इरादों कि पुकार मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही पुकार बन जाती है जब जज्बातों कि लहर कोई अनोखी सोच सुनाती है उजालों संग एहसासों कि तलाश मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही सरगम मिल जाती है जब राहों कि तलाश कोई अनोखी परख सुनाती है उम्मीदों संग आशाओं कि पहचान मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही सौगात बन जाती है जब किनारों कि सोच कोई अनोखी उमंग सुनाती है बदलावों संग आवाजों कि कोशिश मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही समझ रहती है जब कोशिश कि परख कोई अनोखी पहचान सुनाती है तरानों संग खयालों कि अहमियत मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही कोशिश मिल जाती है जब लम्हों कि पुकार कोई अनोखी राह सुनाती है इशारों संग कदमों कि सौगात मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही बदलाव बन जाती है जब लहरों कि आस कोई अनोखी उम्मीद सुनाती है उजालों संग एहसासों कि सोच मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही रोशनी मिल जाती है जब आशाओं कि पुकार कोई अनोखी आस सुनाती है इशारों संग अदाओं कि समझ मुस्कान जगाती है।

आवाज अक्सर मन मे ही पहचान बन जाती है जब किनारों कि सोच कोई अनोखी पुकार सुनाती है नजारों संग आशाओं कि कोशिश मुस्कान जगाती है।

Sunday 1 May 2022

कविता. ४४२९. उम्मीदों को दास्तानों कि।

                         उम्मीदों को दास्तानों कि।

उम्मीदों को दास्तानों कि सुबह एहसास दिलाती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान जगाती है जज्बातों से अफसानों कि सौगात अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि कोशिश अफसाना दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी जगाती है कदमों से अल्फाजों कि सोच अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि समझ सरगम दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश जगाती है किनारों से बदलावों कि उमंग अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सोच कोशिश दिलाती है तरानों को अंदाजों कि पहचान जगाती है उजालों से खयालों कि पुकार अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सरगम परख दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात जगाती है तरानों से अरमानों कि सुबह अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि पुकार अल्फाज दिलाती है कदमों को आवाजों कि सरगम जगाती है राहों से बदलावों कि उमंग अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं जगाती है अंदाजों से इशारों कि आवाज अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि आस अदाएं दिलाती है लम्हों को कोशिश कि आहट जगाती है आशाओं से अरमानों कि सोच अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि जज्बात कोशिश दिलाती है लहरों को नजारों कि बदलाव जगाती है दिशाओं से लहरों कि पहचान अहमियत दिलाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सौगात परख दिलाती है दिशाओं को उजालों कि समझ जगाती है कदमों से अल्फाजों कि आस अहमियत दिलाती है।

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...