Sunday 31 July 2022

कविता. ४५१९. राहों को एहसासों कि।

                                     राहों को एहसासों कि।

राहों को एहसासों कि तलाश खयाल सुनाती है नजारों से मिलकर आवाजों कि सरगम बदलाव दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि कोशिश लहर सुनाती है तरानों से जुड़कर आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है खयालों को उजालों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि सुबह सरगम सुनाती है जज्बातों से समझकर आवाजों कि धून कोशिश दिलाती है अंदाजों को इरादों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि सौगात आस सुनाती है दास्तानों से मिलकर जज्बातों कि लहर सोच दिलाती है आशाओं को अरमानों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि लहर किनारा सुनाती है इशारों से जुड़कर अदाओं कि अहमियत पुकार दिलाती है उम्मीदों को तरानों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि सोच सपना सुनाती है कदमों से समझकर अंदाजों कि लहर परख दिलाती है आवाजों को दिशाओं कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि पुकार अल्फाज सुनाती है लहरों से मिलकर खयालों कि उम्मीद पहचान दिलाती है आशाओं को जज्बातों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि आवाज बदलाव सुनाती है तरानों से जुड़कर अंदाजों कि तलाश सौगात दिलाती है लहरों को अफसानों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि दास्तान अल्फाज सुनाती है अदाओं से समझकर कदमों कि आहट बदलाव दिलाती है नजारों को खयालों कि कहानी देकर जाती है।

राहों को एहसासों कि आस कोशिश सुनाती है उजालों से मिलकर किनारों कि पुकार अल्फाज दिलाती है बदलावों को इशारों कि कहानी देकर जाती है।


Saturday 30 July 2022

कविता. ४५१८. इशारों कि पहचान।

                                        इशारों कि पहचान।

इशारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है अंदाजों को आशाओं कि सोच किनारा देती है खयालों से मिलकर सपनों कि सरगम तराना देती है।

इशारों कि पहचान आवाज दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात कोशिश देती है अदाओं से जुड़कर नजारों कि तलाश तराना देती है।

इशारों कि पहचान जज्बात दिलाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है आशाओं से मिलकर बदलावों कि उमंग तराना देती है।

इशारों कि पहचान कोशिश दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि राह सुबह देती है आवाजों से जुड़कर किनारों कि पुकार तराना देती है।

इशारों कि पहचान लहर दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख सौगात देती है कदमों से मिलकर अल्फाजों कि सोच तराना देती है।

इशारों कि पहचान दास्तान दिलाती है जज्बातों को मुस्कान कि आस अरमान देती है किनारों से जुड़कर अंदाजों कि रोशनी तराना देती है।

इशारों कि पहचान लम्हा दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश आवाज देती है उजालों से मिलकर कदमों कि आहट तराना देती है।

इशारों कि पहचान किनारा दिलाती है आशाओं को अंदाजों कि राह अल्फाज देती है उम्मीदों से जुड़कर आवाजों कि पुकार तराना देती है।

इशारों कि पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को कदमों कि आहट अफसाना देती है बदलावों से मिलकर एहसासों कि राह तराना देती है।

इशारों कि पहचान परख दिलाती है आवाजों को लम्हों कि सुबह अहमियत देती है किनारों से जुड़कर अंदाजों कि मुस्कान तराना देती है।

Friday 29 July 2022

कविता. ४५१७. दिशाओं को उजालों कि।

                                       दिशाओं को उजालों कि।

दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है जज्बातों को अंदाजों कि लहर आस दिलाती है नजारों संग आशाओं कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि समझ अरमान सुनाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह एहसास दिलाती है लहरों संग अफसानों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि सौगात तलाश सुनाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल दिलाती है जज्बातों संग किनारों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि पुकार अल्फाज सुनाती है लहरों को अफसानों कि सोच समझ दिलाती है आशाओं संग एहसासों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि राह आवाज सुनाती है किनारों को राहों कि तलाश पहचान दिलाती है खयालों संग अल्फाजों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि कोशिश सुबह सुनाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है अदाओं संग अरमानों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि सोच इरादा सुनाती है इशारों को कोशिश कि परख अफसाना दिलाती है लहरों संग आवाजों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि पुकार नजारा सुनाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल दिलाती है इशारों संग आशाओं कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि तलाश सपना सुनाती है एहसासों को बदलावों कि सोच इरादा दिलाती है अंदाजों संग खयालों कि सरगम दिखाती है।

दिशाओं को उजालों कि कोशिश पुकार सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ बदलाव दिलाती है इशारों संग कदमों कि सरगम दिखाती है।

Thursday 28 July 2022

कविता. ४५१६. तरानों को अंदाजों कि।

                                  तरानों को अंदाजों कि।

तरानों को अंदाजों कि राह अरमान दिलाती है उम्मीदों का इशारा देती है उम्मीद से जुड़कर आशाओं कि पहचान मुस्कान कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि लहर अल्फाज दिलाती है अदाओं का सहारा देती है उमंग से मिलकर दास्तानों कि लहर कोशिश कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि उम्मीद सुबह दिलाती है दिशाओं का किनारा देती है राहों से जुड़कर कदमों कि आस आवाजों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि सोच इरादा दिलाती है जज्बातों का एहसास देती है उजालों से मिलकर अदाओं कि समझ दास्तानों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि सौगात आस दिलाती है उजालों का बदलाव देती है जज्बातों से जुड़कर आशाओं कि रोशनी नजारों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि पुकार अल्फाज दिलाती है नजारों का अफसाना देती है किनारों से मिलकर आवाजों कि धून खयालों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि लहर सरगम दिलाती है लम्हों का सुबह देती है बदलावों से जुड़कर इशारों कि सौगात उजालों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि मुस्कान आवाज दिलाती है लहरों का रोशनी देती है कदमों से मिलकर जज्बातों कि पहचान राहों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि पहचान तलाश दिलाती है अंदाजों का नजारा देती है तरानों से जुड़कर आशाओं कि आस लहरों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि समझ सौगात दिलाती है दिशाओं का राह देती है किनारों से मिलकर सपनों कि परख अल्फाजों कि धारा देती है।

Wednesday 27 July 2022

कविता. ४५१५. नजारों से अफसानों कि।

                                    नजारों से अफसानों कि।

नजारों से अफसानों कि सौगात सपना दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल सुनाती है तरानों पर आशाओं कि मुस्कान अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि सरगम आस दिलाती है अंदाजों को इरादों कि तलाश सौगात सुनाती है लम्हों पर जज्बातों कि लहर अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है दिशाओं पर उजालों कि परख अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि कोशिश अरमान दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग आवाज सुनाती है लहरों पर सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि सोच इरादा दिलाती है आशाओं को दिशाओं कि उम्मीद तलाश सुनाती है राहों पर किनारों कि सुबह अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि राह आस दिलाती है खयालों को तरानों कि पहचान बदलाव सुनाती है इशारों पर उम्मीदों कि सौगात अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि पुकार आवाज दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी कहानी सुनाती है उजालों पर आशाओं कि सरगम अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि सौगात खयाल दिलाती है आवाजों को कदमों कि आस अरमान सुनाती है राहों पर किनारों कि सुबह अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि सुबह एहसास दिलाती है उम्मीदों को दास्तानों कि सोच इरादा सुनाती है अंदाजों पर आवाजों कि पहचान अल्फाज दिलाती है।

नजारों से अफसानों कि सरगम इशारा दिलाती है बदलावों को आवाजों कि लहर कोशिश सुनाती है जज्बातों पर किनारों कि सोच अल्फाज दिलाती है।




 

Tuesday 26 July 2022

कविता. ४५१४. उजालों से इरादों कि।


                                        ‌‌ उजालों से इरादों कि।

उजालों से इरादों कि लहर कोशिश देती है जज्बातों को दिशाओं कि सौगात सहारा देती है धाराओं को अंदाजों कि रोशनी आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि मुस्कान रोशनी देती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास देती है किनारों को अरमानों कि सुबह आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सौगात किनारा देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग पुकार देती है उम्मीदों को बदलावों कि सोच आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि तलाश खयाल देती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान सहारा देती है लम्हों को आवाजों कि धून आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि कोशिश अरमान देती है अदाओं को कदमों कि आहट अफसाना देती है दिशाओं को एहसासों कि कहानी आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सोच दास्तान देती है किनारों को आशाओं कि तलाश खयाल देती है अंदाजों को अफसानों कि पहचान आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि परख आवाज देती है उम्मीदों को इशारों कि सोच अरमान देती है खयालों को तरानों कि अल्फाज आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सुबह एहसास देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात कोशिश देती है लहरों को आशाओं कि परख आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि मुस्कान बदलाव देती है दिशाओं को जज्बातों कि लहर दास्तान देती है लम्हों को कदमों कि आहट आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि पुकार अल्फाज देती है किनारों को आशाओं कि सौगात तराना देती है अंदाजों को खयालों कि उम्मीद आस जगाती है।

Monday 25 July 2022

कविता. ४५१३. कदमों से इशारों कि।

                                          कदमों से इशारों कि।

कदमों से इशारों कि अहमियत मिलती है दिशाओं को जो उजालों कि सरगम सुनाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि पहचान मिलती है जज्बातों को जो एहसासों कि पुकार सुनाती है नजारों को अफसानों कि कोशिश तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि सौगात मिलती है दास्तानों को जो उम्मीदों को आवाजों कि अहमियत सुनाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि सुबह मिलती है किनारों को जो आशाओं को अदाओं कि बदलाव सुनाती है सपनों को तरानों कि मुस्कान तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि सोच मिलती है अल्फाजों को जो तरानों कि परख सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि अहमियत तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि पुकार मिलती है राहों को अंदाजों कि मुस्कान सुनाती है एहसासों को आवाजों कि रोशनी तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि कोशिश मिलती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि समझ मिलती है नजारों को एहसासों कि कहानी सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि परख मिलती है किनारों को आशाओं कि सरगम सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उम्मीद तलाश दिलाती है।

कदमों से इशारों कि कोशिश मिलती है तरानों को अंदाजों कि खयाल सुनाती है लहरों को अफसानों कि सरगम तलाश दिलाती है।

Sunday 24 July 2022

कविता. ४५१२. एहसासों कि आंधी।

                                         एहसासों कि आंधी।

एहसासों कि आंधी अरमानों कि सुबह देती है तरानों कि तलाश अक्सर उम्मीदों कि दिशाएं देती है लहरों को अफसानों कि समझ इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी अल्फाजों कि सोच देती है नजारों कि आस अक्सर उजालों कि परख देती है दास्तानों को बदलावों कि तलाश इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी जज्बातों कि लहर देती है आवाजों कि धून अक्सर अदाओं कि समझ देती है लम्हों को कदमों कि आहट इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी दिशाओं कि उमंग देती है कदमों कि कहानी अक्सर राहों कि तलाश देती है नजारों को अदाओं कि सौगात इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी तरानों कि परख देती है किनारों कि पुकार अक्सर लहरों कि सोच देती है बदलावों को उजालों कि सुबह इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी उम्मीदों कि सौगात देती है खयालों कि सरगम अक्सर आशाओं कि मुस्कान देती है आवाजों को अंदाजों कि कोशिश इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी बदलावों कि उमंग देती है इरादों कि तलाश अक्सर अल्फाजों कि सुबह देती है तरानों को किनारों कि पुकार इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी लहरों कि पहचान देती है लम्हों कि रोशनी अक्सर खयालों कि उम्मीद देती है राहों को जज्बातों कि सौगात इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी नजारों कि तलाश देती है राहों कि पुकार अक्सर आवाजों कि कहानी देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह इशारे देती है।

एहसासों कि आंधी आवाजों कि धून देती है उजालों कि परख अक्सर इरादों कि मुस्कान देती है अफसानों को अंदाजों कि राह इशारे देती है।

Saturday 23 July 2022

कविता. ४५११. नजारों को कोशिश अक्सर।

                                    नजारों को कोशिश अक्सर।

नजारों को कोशिश अक्सर समझ सुहानी देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाकर चलती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर पुकार सुहानी देती है दास्तानों को कदमों कि समझ अफसाना सुनाकर चलती है दिशाओं को इरादों कि सौगात सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर आवाज सुहानी देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान सुनाकर चलती है अंदाजों को खयालों कि उम्मीद सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर आस सुहानी देती है तरानों को लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाकर चलती है राहों को एहसासों कि तलाश सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर उमंग सुहानी देती है किनारों को आशाओं कि लहर इशारा सुनाकर चलती है लम्हों को अदाओं कि सुबह सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर सरगम सुहानी देती है खयालों को उम्मीदों कि समझ सौगात सुनाकर चलती है इशारों को अरमानों कि धाराएं सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर उम्मीद सुहानी देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाकर चलती है अदाओं को किनारों कि सोच सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर तलाश सुहानी देती है कदमों को अदाओं कि समझ अरमान सुनाकर चलती है तरानों को आशाओं कि रोशनी सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर सौगात सुहानी देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच इरादा सुनाकर चलती है इरादों को किनारों कि अहमियत सहारा देती है।

नजारों को कोशिश अक्सर दास्तान सुहानी देती है लहरों को अफसानों कि सुबह एहसास सुनाकर चलती है दिशाओं को लहरों कि सोच सहारा देती है।

Friday 22 July 2022

कविता. ४५१०. जज्बात किसी इशारे संग।

                                   जज्बात किसी इशारे संग।

जज्बात किसी इशारे संग एहसास के पंखों पर उडता है कदमों कि आहट को अरमानों का इरादा मिलता है आशाओं संग अंदाजों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग अल्फाजों के पंखों पर उडता है किनारों कि सुबह को अंदाजों का नजारा मिलता है अदाओं संग मुस्कान कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग खयालों के पंखों पर उडता है उजालों कि पहचान को दास्तानों का सहारा मिलता है बदलावों संग आशाओं कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग अंदाजों के पंखों पर उडता है कोशिश कि परख को अफसानों का एहसास मिलता है नजारों संग दास्तानों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग अदाओं के पंखों पर उडता है राहों कि तलाश को अल्फाजों का बदलाव मिलता है रोशनी संग तरानों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग लहरों के पंखों पर उडता है कदमों कि सरगम को अदाओं का किनारा मिलता है राहों संग आवाजों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग किनारों के पंखों पर उडता है उम्मीदों कि सौगात को अरमानों का इरादा मिलता है लम्हों संग खयालों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग दिशाओं के पंखों पर उडता है उजालों कि समझ को आवाजों का तराना मिलता है बदलावों संग कदमों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग दास्तानों के पंखों पर उडता है खयालों कि उम्मीद को लहरों का अफसाना मिलता है आशाओं संग किनारों कि आंधी बनकर बहता है।

जज्बात किसी इशारे संग लम्हों के पंखों पर उडता है अल्फाजों कि सौगात को अरमानों का पुकार मिलता है दिशाओं संग उम्मीदों कि आंधी बनकर बहता है।

Thursday 21 July 2022

कविता. ४५०९. देकर चलती है।

                                           देकर चलती है।

कदमों कि आहट इशारों को सरगम देती है अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है दास्तानों संग आशाओं कि कोशिश अरमान देकर चलती है।

कदमों कि आहट आवाजों को लहर देती है किनारों कि सुबह एहसास दिलाती है अदाओं संग जज्बातों कि राह खयाल देकर चलती है।

कदमों कि आहट दास्तानों को समझ देती है तरानों कि परख पहचान दिलाती है लम्हों संग खयालों कि उम्मीद पुकार देकर चलती है।

कदमों कि आहट नजारों को सुबह देती है बदलावों कि उमंग अल्फाज दिलाती है उजालों संग अंदाजों कि लहर दास्तान देकर चलती है।

कदमों कि आहट आशाओं को राह देती है कोशिश कि सरगम सौगात दिलाती है आवाजों संग उम्मीदों कि सोच अहमियत देकर चलती है।

कदमों कि आहट दिशाओं को बदलाव देती है नजारों कि आस अहमियत दिलाती है इरादों संग खयालों कि उम्मीद पहचान देकर चलती है।

कदमों कि आहट अदाओं को पुकार देती है उजालों कि परख आवाज दिलाती है जज्बातों संग एहसासों कि तलाश अल्फाज देकर चलती है।

कदमों कि आहट तरानों को सौगात देती है लहरों कि पहचान मुस्कान दिलाती है अदाओं संग आशाओं कि परख बदलाव देकर चलती है।

कदमों कि आहट लहरों को अफसाना देती है उम्मीदों कि सोच कोशिश दिलाती है नजारों संग आवाजों कि धून एहसास देकर चलती है।

कदमों कि आहट दिशाओं को सहारा देती है दास्तानों कि राह अरमान दिलाती है जज्बातों संग लम्हों कि कहानी पुकार देकर चलती है।

 

Wednesday 20 July 2022

कविता. ४५०८. एक एहसास से कोई नयी।

                                   एक एहसास से कोई नयी।

एक एहसास से कोई नयी सुबह उजागर होती है लहरों को अफसानों कि सरगम दिशाएं देती है किनारों संग आशाओं कि सौगात आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी रोशनी उजागर होती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है नजारों संग आवाजों कि धून आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी कोशिश उजागर होती है सपनों को दास्तानों कि लहर तलाश देती है जज्बातों संग कदमों कि आहट आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी उमंग उजागर होती है तरानों को उम्मीदों कि सोच सपना देती है किनारों संग अदाओं कि समझ आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी परख उजागर होती है आशाओं को नजारों कि सौगात कोशिश देती है राहों संग अंदाजों कि मुस्कान आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी पुकार उजागर होती है आवाजों को दिशाओं कि पहचान इरादा देती है उजालों संग दास्तानों कि सरगम आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी उम्मीद उजागर होती है बदलावों को इशारों कि सुबह आवाज देती है तरानों संग खयालों कि पहचान आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी दास्तान उजागर होती है अंदाजों को राहों कि सोच इरादा देती है कदमों संग बदलावों कि उम्मीद आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी सौगात उजागर होती है राहों को किनारों कि पुकार अल्फाज देती है इशारों संग आशाओं कि परख आस दिलाती है।

एक एहसास से कोई नयी सुबह उजागर होती है जज्बातों को अंदाजों कि लहर कोशिश देती है खयालों संग अफसानों कि सौगात आस दिलाती है।

Tuesday 19 July 2022

कविता ४५०७. उम्मीदों को दास्तानों कि।

                                     उम्मीदों को दास्तानों कि।

उम्मीदों को दास्तानों कि पहचान सहारा दिलाती है अदाओं से जुड़कर इरादों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है दिशाओं के पंखों संग अरमान सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि समझ कोशिश दिलाती है नजारों से जुड़कर आशाओं कि सुबह एहसास दिलाती है अंदाजों के पंखों संग अफसाना सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि पुकार आवाज दिलाती है जज्बातों से जुड़कर खयालों कि उमंग आस दिलाती है लहरों के पंखों संग सरगम सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सौगात तलाश दिलाती है आशाओं से जुड़कर दिशाओं कि पहचान मुस्कान दिलाती है अदाओं के पंखों संग आवाज सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि परख आस दिलाती है लहरों से जुड़कर बदलावों कि उम्मीद एहसास दिलाती है कदमों के पंखों संग लहर सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सोच इशारा दिलाती है लम्हों से जुड़कर आवाजों कि धून सरगम दिलाती है खयालों के पंखों संग पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि उमंग अरमान दिलाती है खयालों से जुड़कर अंदाजों कि मुस्कान राह दिलाती है लम्हों के पंखों संग पहचान सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि सुबह किनारा दिलाती है नजारों से जुड़कर दिशाओं कि सौगात कोशिश दिलाती है जज्बातों के पंखों संग सपना सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि पुकार आस दिलाती है उजालों से जुड़कर राहों कि तलाश खयाल दिलाती है अफसानों के पंखों संग बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों को दास्तानों कि आवाज जज्बात दिलाती है अदाओं से जुड़कर लहरों कि पुकार अल्फाज दिलाती है इशारों के पंखों संग सहारा सुनाती है।

Monday 18 July 2022

कविता. ४५०६. मुस्कान को अफसानों कि।

                          मुस्कान को अफसानों कि।

मुस्कान को अफसानों कि कोशिश अरमान दिलाती है दिशाओं से इरादों कि तलाश खयाल सुनाती है नजारों को एहसासों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सौगात आस दिलाती है अंदाजों से खयालों कि उम्मीद आवाज सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सुबह एहसास दिलाती है लम्हों से कदमों कि आहट अल्फाज सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि समझ बदलाव दिलाती है दास्तानों से किनारों कि सोच इरादा सुनाती है तरानों को आशाओं कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सोच नजारा दिलाती है अदाओं से लहरों कि पहचान सौगात सुनाती है जज्बातों को अंदाजों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि कोशिश समझ दिलाती है लहरों से एहसासों कि सोच सरगम सुनाती है राहों को अरमानों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सरगम पुकार दिलाती है तरानों से अल्फाजों कि आस जज्बात सुनाती है दिशाओं को उजालों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि उमंग अरमान दिलाती है उम्मीदों से आशाओं कि परख सोच सुनाती है अदाओं को खयालों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि तलाश सहारा दिलाती है अदाओं से बदलावों कि समझ अल्फाज सुनाती है किनारों को अंदाजों कि कहानी देकर जाती है।

मुस्कान को अफसानों कि सोच रोशनी दिलाती है दास्तानों से खयालों कि सरगम आस सुनाती है तरानों को आवाजों कि कहानी देकर जाती है।


Sunday 17 July 2022

कविता. ४५०५. राहों को अरमानों कि धाराएं।

                              राहों को अरमानों कि धाराएं।

राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है आशाओं को एहसासों कि कोशिश कहानी देती है तरानों को उम्मीदों कि सरगम कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है अदाओं को लम्हों कि पहचान मुस्कान देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं आस दिलाती है नजारों को जज्बातों कि लहर इशारा देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं एहसास दिलाती है किनारों को आशाओं कि परख पुकार देती है नजारों को अदाओं कि समझ कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं सोच दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सोच इरादा देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं सरगम दिलाती है अदाओं को सपनों कि पुकार अल्फाज देती है अंदाजों को इरादों कि तलाश कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं समझ दिलाती है लम्हों को इशारों कि पहचान मुस्कान देती है किनारों को आशाओं कि लहर कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं सौगात दिलाती है लहरों को किनारों कि परख पुकार देती है कदमों को दास्तानों कि सोच कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं आस दिलाती है नजारों को जज्बातों कि लहर दास्तान देती है तरानों को अंदाजों कि परख कोशिश दिलाती है।

राहों को अरमानों कि धाराएं सुबह दिलाती है आवाजों को कदमों कि आहट सपना देती है दिशाओं को उजालों कि समझ कोशिश दिलाती है।

 

Saturday 16 July 2022

कविता. ४५०४. सपनों संग आसमानों कि उड़ान।

                        सपनों संग आसमानों कि उड़ान।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान इशारा देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह आस सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान कोशिश देती है राहों को एहसासों कि तलाश खयाल सुनाती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान रोशनी देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है आवाजों को लम्हों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान नजारा देती है अदाओं को लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाती है जज्बातों को बदलावों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उमंग देती है नजारों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है दिशाओं को इरादों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान सुबह देती है जज्बातों को अंदाजों कि राह खयाल सुनाती है इशारों को अरमानों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान सौगात देती है किनारों को कोशिश कि परख पहचान सुनाती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उजाला देती है दास्तानों को बदलावों कि लहर कोशिश सुनाती है इरादों को उम्मीदों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उम्मीद देती है तरानों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है अदाओं को दिशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान जज्बात देती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज सुनाती है तरानों को किनारों कि मुस्कान देकर जाती है।

Friday 15 July 2022

कविता. ४५०३. तरानों कि पुकार।

                                       तरानों कि पुकार।

तरानों कि पुकार सरगम दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है अदाओं से जुड़कर कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार कोशिश दिलाती है दास्तानों को राहों कि तलाश खयाल सुनाती है लम्हों से जुड़कर किनारों कि सुबह अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार सौगात दिलाती है अंदाजों को इरादों कि कोशिश अरमान सुनाती है नजारों से जुड़कर सोच कि मुस्कान अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार उजाला दिलाती है अदाओं को कदमों कि आहट आस सुनाती है दिशाओं से जुड़कर जज्बातों कि लहर अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार सहारा दिलाती है नजारों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है दास्तानों से जुड़कर अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार किनारा दिलाती है राहों को सपनों कि कहानी सोच सुनाती है आशाओं से जुड़कर इशारों कि पहचान अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार इशारा दिलाती है बदलावों को उम्मीदों कि सौगात अरमान सुनाती है राहों से जुड़कर नजारों कि कोशिश अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार अल्फाज दिलाती है आशाओं को एहसासों कि परख इरादा सुनाती है आवाजों से जुड़कर दिशाओं कि उमंग अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार सुबह दिलाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी कोशिश सुनाती है अरमानों से जुड़कर खयालों कि अहमियत अफसाना दिलाती है।

तरानों कि पुकार दास्तान दिलाती है आशाओं को लहरों कि सुबह पहचान सुनाती है अंदाजों से जुड़कर लम्हों कि रोशनी अफसाना दिलाती है।


 

Thursday 14 July 2022

कविता. ४५०२. किनारों से मिलकर।

                                  किनारों से मिलकर।

किनारों से मिलकर आशाओं का सहारा इशारा देता है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है लम्हों को अरमानों कि सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर अंदाजों का अफसाना सुबह देता है जज्बातों को कदमों कि आहट अल्फाज दिलाती है नजारों को एहसासों कि सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर अदाओं का एहसास राह देता है कदमों को तरानों कि परख पहचान दिलाती है दिशाओं को उजालों कि सरगम देकर जाती है।

किनारों से मिलकर आवाजों का धून सपना देता है दास्तानों को नजारों कि तलाश अरमान दिलाती है इशारों को अंदाजों कि सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर दिशाओं का तराना कोशिश देता है बदलावों को उम्मीदों कि सोच इरादा दिलाती है लहरों को अफसानों कि पुकार सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर लम्हों का सोच खयाल देता है नजारों को अदाओं कि पुकार कोशिश दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर लहरों का बदलाव राह देता है इशारों को अरमानों कि समझ सुबह दिलाती है आवाजों को दिशाओं कि तलाश सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर इरादों का कोशिश परख देता है खयालों को उम्मीदों कि पहचान पुकार दिलाती है अंदाजों को इशारों कि पहचान सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर आवाजों का एहसास रोशनी देता है कदमों को नजारों कि उमंग सुबह दिलाती है तरानों को दिशाओं कि उम्मीद सौगात देकर जाती है।

किनारों से मिलकर नजारों का राह पुकार देता है अल्फाजों को बदलावों कि सोच इरादा दिलाती है कदमों को आशाओं कि धून सौगात देकर जाती है।


 

Wednesday 13 July 2022

कविता. ४५०१. दास्तान को आवाजों कि।

                               दास्तान को आवाजों कि।

दास्तान को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है तरानों को अफसानों कि सौगात अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि सुबह पुकार दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि कोशिश आस देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि समझ किनारा दिलाती है अदाओं को सपनों कि सरगम खयाल देती है नजारों को एहसासों कि कहानी अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि सोच इरादा दिलाती है बदलावों को उम्मीदों कि सौगात सपना देती है उजालों को कदमों कि आहट अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि राह अरमान दिलाती है लम्हों को कदमों कि सोच कोशिश देती है जज्बातों को बदलावों कि उमंग अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि सोच इरादा दिलाती है किनारों को अंदाजों कि सौगात रोशनी देती है आशाओं को लहरों कि पुकार अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि आस अंदाज दिलाती है दिशाओं को कदमों कि मुस्कान अरमान देती है अदाओं को बदलावों कि परख अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि अदा सोच दिलाती है कदमों को जज्बातों कि राह सोच देती है तरानों को लहरों कि पहचान अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि समझ उमंग दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी कोशिश देती है उजालों को अल्फाजों कि आस अहमियत देती है।

दास्तान को आवाजों कि राह सरगम दिलाती है लम्हों को किनारों कि सुबह अफसाना देती है अंदाजों को इरादों कि तलाश अहमियत देती है।

 

Tuesday 12 July 2022

कविता. ४५००. उजालों से आवाजों कि महफ़िल।

                       उजालों से आवाजों कि महफ़िल। 

उजालों से आवाजों कि महफ़िल अरमान सुहाना देती है दास्तानों को नजारों कि पुकार इशारा सुनाती है राहों को आशाओं कि तलाश इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल सपना सुहाना देती है कदमों को अफसानों कि सरगम कोशिश सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल तराना सुहाना देती है दिशाओं को जज्बातों कि लहर खयाल सुनाती है कदमों को अदाओं कि सौगात इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल नजारा सुहाना देती है अंदाजों को अदाओं कि सौगात बदलाव सुनाती है लहरों को अफसानों कि सोच इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल इशारा सुहाना देती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान राह सुनाती है लम्हों को बदलावों कि उमंग इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल जज्बात सुहाना देती है अल्फाजों को कदमों कि आहट लहर सुनाती है राहों को किनारों कि सोच इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल एहसास सुहाना देती है दिशाओं को सपनों कि पुकार पहचान सुनाती है खयालों को राहों कि रोशनी इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल लम्हा सुहाना देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात कोशिश सुनाती है अंदाजों को कदमों कि आहट इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल बदलाव सुहाना देती है दिशाओं को अदाओं कि मुस्कान सहारा सुनाती है तरानों को इशारों कि सोच इरादा दिलाती है।

उजालों से आवाजों कि महफ़िल सहारा सुहाना देती है लम्हों को अफसानों कि सोच अल्फाज सुनाती है लहरों को दिशाओं कि उमंग इरादा दिलाती है।

 

Monday 11 July 2022

कविता. ४४९९. आशाओं संग एहसासों कि।

                                आशाओं संग एहसासों कि।

आशाओं संग एहसासों कि सोच सहारा देती है तरानों को जज्बातों कि पुकार इशारा देती है नजारों को अफसानों कि आहट अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि तलाश कहानी देती है राहों को अरमानों कि धाराएं कोशिश देती है अंदाजों को इरादों कि आस अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि सरगम सुबह देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि कोशिश आवाज देती है कदमों को नजारों कि आवाज उम्मीद देती है अदाओं को खयालों कि सौगात अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि रोशनी सपना देती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान किनारा देती है तरानों को अंदाजों कि सोच अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि समझ अंदाज देती है आवाजों को लम्हों कि रोशनी अरमान देती है नजारों को अदाओं कि सौगात अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि बदलाव राह देती है नजारों को अंदाजों कि तलाश पहचान देती है किनारों को अरमानों कि लहर अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि सौगात आस देती है खयालों को उम्मीदों कि सुबह परख देती है कदमों को दास्तानों कि तलाश अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि लहर अंदाज देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान देती है खयालों को उजालों कि समझ अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि कोशिश राह देती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान सरगम देती है किनारों को बदलावों कि उमंग अल्फाज सुनाती है।


 


Sunday 10 July 2022

कविता. ४४९८. किनारों को अरमानों कि।

                            किनारों को अरमानों कि।   ‌‌

किनारों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है लहरों को कदमों कि आहट अफसाना देती है नजारों से मिलकर आशाओं कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि सुबह आवाज दिलाती है राहों को एहसासों कि कहानी तलाश देती है तरानों से मिलकर कदमों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि सौगात आस दिलाती है दिशाओं को उजालों कि परख कोशिश देती है जज्बातों से मिलकर अंदाजों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि राह नजारा दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि सोच इरादा देती है अल्फाजों से मिलकर आवाजों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि आस उमंग दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह एहसास देती है उम्मीदों से मिलकर लहरों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि समझ सोच दिलाती है उजालों को अदाओं कि कोशिश सरगम देती है दास्तानों से मिलकर लम्हों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि बदलाव सुबह दिलाती है नजारों को खयालों कि उम्मीद आवाज देती है अफसानों से मिलकर बदलावों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि तलाश कोशिश दिलाती है अदाओं को सपनों कि पुकार पहचान देती है दिशाओं से मिलकर राहों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि उम्मीद तराना दिलाती है आशाओं को जज्बातों कि सोच कोशिश देती है आवाजों से मिलकर तरानों कि मुस्कान इशारा देती है।

किनारों को अरमानों कि लहर दास्तान दिलाती है अंदाजों को कदमों कि सरगम दास्तान देती है खयालों से मिलकर अदाओं कि मुस्कान इशारा देती है।

 

Saturday 9 July 2022

कविता. ४४९७. सरगम देती है।

                                      सरगम देती है।

लम्हों संग कोई मुस्कान सुनाई पडती है आशाओं को अदाओं कि पहचान दिखाई पडती है कदमों को दास्तानों कि सुबह जुड़कर एहसासों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई कहानी सुनाई पडती है अंदाजों को इरादों कि तलाश दिखाई पडती है किनारों को आशाओं कि पुकार जुड़कर कोशिशों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई सौगात सुनाई पडती है उम्मीदों को कदमों कि आहट दिखाई पडती है नजारों को अदाओं कि सौगात जुड़कर खयालों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई सुबह सुनाई पडती है अदाओं को दिशाओं कि उमंग दिखाई पडती है जज्बातों को आवाजों कि धून जुड़कर दास्तानों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई तलाश सुनाई पडती है उजालों को अल्फाजों कि सोच दिखाई पडती है बदलावों को इशारों कि परख जुड़कर लहरों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई रोशनी सुनाई पडती है बदलावों को खयालों कि समझ दिखाई पडती है अल्फाजों को तरानों कि रोशनी जुड़कर अंदाजों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई पहचान सुनाई पडती है नजारों को अदाओं कि कोशिश अरमान पडती है आशाओं को जज्बातों कि मुस्कान जुड़कर राहों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई पुकार सुनाई पडती है आवाजों को कदमों कि आहट दिखाई पडती है उम्मीदों को उजालों कि समझ जुड़कर बदलावों कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई कोशिश सुनाई पडती है अदाओं को सपनों कि राह दिखाई पडती है किनारों को अंदाजों कि आस जुड़कर आशाओं कि सरगम देती है।

लम्हों संग कोई अल्फाज सुनाती पडती है खयालों को तरानों कि लहर दिखाई पडती है एहसासों को इशारों कि सौगात जुड़कर कदमों कि सरगम देती है।


Friday 8 July 2022

कविता. ४४९६. उजालों को अल्फाजों कि।

                             उजालों को अल्फाजों कि।

उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा देती है आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है किनारों को अंदाजों कि राह एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि मुस्कान आस देती है उम्मीदों कि लहर तलाश दिलाती है नजारों को इशारों कि सरगम एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि सौगात सुबह देती है उमंग कि उड़ान तराना दिलाती है अरमानों को लम्हों कि अहमियत एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि कोशिश अरमान देती है कदमों कि राह बदलाव दिलाती है आवाजों को तरानों कि परख एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि पुकार सहारा देती है इशारों कि समझ आवाज दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि सोच एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि सरगम दास्तान देती है लहरों कि परख पहचान दिलाती है अंदाजों को इरादों कि सौगात एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि आस सहारा देती है नजारों कि तलाश खयाल दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि राह कोशिश देती है तरानों कि पुकार आस दिलाती है उम्मीदों को आवाजों कि पहचान एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि आस किनारा देती है सपनों कि सौगात कोशिश दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ एहसास सुनाती है।

उजालों को अल्फाजों कि रोशनी खयाल देती है आशाओं कि परख अफसाना दिलाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश एहसास सुनाती है।

 

Thursday 7 July 2022

कविता. ४४९५. दिशाओं कि उमंग अक्सर।

                                 दिशाओं कि उमंग अक्सर।

दिशाओं कि उमंग अक्सर आशाओं कि मुस्कान से कोशिश दिलाती है आवाजों कि धून संग एहसासों कि तलाश संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर अंदाजों कि लहर‌ से अल्फाज दिलाती है अफसानों कि सुबह को जज्बातों कि पहचान संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर तरानों कि परख से बदलाव दिलाती है एहसासों कि रोशनी को खयालों कि उम्मीद संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर आवाजों कि धून से कोशिश दिलाती है नजारों कि तलाश को अल्फाजों कि सौगात संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर दास्तानों कि सुबह से नजारा दिलाती है अदाओं कि समझ को अफसानों कि सरगम संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर अल्फाजों कि पहचान से लहर दिलाती है खयालों कि उम्मीद को कदमों कि सरगम संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर एहसासों कि तलाश से परख दिलाती है आवाजों कि पुकार को बदलावों कि अहमियत संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर राहों कि सौगात से किनारा दिलाती है आशाओं कि परख को अंदाजों कि कोशिश संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर सपनों कि सरगम से खयाल दिलाती है कोशिश कि अहमियत को एहसासों कि धाराओं संग अरमान सुनाती है।

दिशाओं कि उमंग अक्सर नजारों कि सुबह से अफसाना दिलाती है राहों कि लहर को दास्तानों कि आवाज संग अरमान सुनाती है।

Wednesday 6 July 2022

कविता ४४९४. नजारों से जुड़कर।

                                 नजारों से जुड़कर।

नजारों से जुड़कर कदमों कि आहट एहसास देती है किनारों को अंदाजों कि लहर पहचान सुनाती है खयालों को उम्मीदों कि सौगात अरमान जगाती है।

नजारों से जुड़कर किनारों कि सुबह अल्फाज देती है नजारों को अदाओं कि समझ पुकार सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान जगाती है।

नजारों से जुड़कर इशारों कि सोच इरादा देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात कोशिश सुनाती है राहों को एहसासों कि तलाश अरमान जगाती है।

नजारों से जुड़कर नजारों कि सौगात जज्बात देती है कदमों को आवाजों कि धून मुस्कान सुनाती है दिशाओं को इरादों कि सरगम अरमान जगाती है।

नजारों से जुड़कर दास्तानों कि कोशिश बदलाव देती है दिशाओं को उजालों कि परख सोच सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ अरमान जगाती है।

नजारों को जुड़कर लम्हों कि रोशनी इशारा देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद पहचान सुनाती है तरानों को कदमों कि कोशिश अरमान जगाती है।

नजारों को जुड़कर बदलावों कि उमंग सुबह देती है खयालों को तरानों कि परख सरगम सुनाती है इशारों को अफसानों कि धाराएं अरमान जगाती है।

नजारों को जुड़कर अदाओं कि परख बदलाव देती है उजालों को अल्फाजों कि उमंग आवाज सुनाती है अंदाजों को इरादों कि मुस्कान अरमान जगाती है।

नजारों को जुड़कर जज्बातों कि लहर मुस्कान देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है खयालों को तरानों कि पहचान अरमान जगाती है।

नजारों को जुड़कर लम्हों कि सौगात आस देती है तरानों को दिशाओं कि सुबह अहमियत सुनाती है जज्बातों को अदाओं कि रोशनी अरमान जगाती है।

 

Tuesday 5 July 2022

कविता. ४४९३. इशारों को अरमानों कि धाराएं।

                       इशारों को अरमानों कि धाराएं।

इशारों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून कोशिश जगाती है जज्बातों से मिलकर मुस्कान कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश खयाल जगाती है राहों से मिलकर आवाज कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं लहर दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा जगाती है किनारों से मिलकर अंदाज कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं अल्फाज दिलाती है उम्मीदों को लम्हों कि सौगात तराना जगाती है दास्तानों से मिलकर कोशिश कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं तलाश दिलाती है अदाओं को सपनों कि पुकार पहचान जगाती है दिशाओं से मिलकर एहसास कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं मुस्कान दिलाती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान रोशनी जगाती है कदमों से मिलकर अल्फाज कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं सपना दिलाती है आशाओं को अदाओं कि समझ सरगम जगाती है किनारों से मिलकर खयाल कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं कोशिश दिलाती है राहों को एहसासों कि तलाश खयाल जगाती है आवाजों से मिलकर बदलाव कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं किनारा दिलाती है कदमों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी जगाती है लम्हों से मिलकर पहचान कि आस देती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है किनारों को आशाओं कि परख सौगात जगाती है नजारों से मिलकर पुकार कि आस देती है।

 

Monday 4 July 2022

कविता. ४४९२. किनारों को दास्तानों कि राह।

                           किनारों को दास्तानों कि राह।

किनारों को दास्तानों कि राह इशारा देती है अंदाजों को जज्बातों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है आशाओं को एहसासों कि पहचान पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह आस देती है जज्बातों को आशाओं कि परख अल्फाज दिलाती है कोशिश को अंदाजों कि उम्मीद पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह कोशिश देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच सरगम दिलाती है नजारों को आवाजों कि धून पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह अरमान देती है अदाओं को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों कि मुस्कान पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह अदा देती है दिशाओं को उजालों कि आस खयाल दिलाती है सपनों को इशारों कि सोच पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह आवाज देती है इशारों को इरादों कि तलाश आस दिलाती है कदमों को अल्फाजों कि सुबह पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह रोशनी देती है उम्मीदों को अदाओं कि समझ सरगम दिलाती है बदलावों को उमंग कि उड़ान पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह अंदाज देती है उजालों को लम्हों कि रोशनी सपना दिलाती है कदमों को दिशाओं कि परख पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह बदलाव देती है लहरों को अल्फाजों कि सुबह आस दिलाती है अदाओं को सपनों कि सरगम पुकार देती है।

किनारों को दास्तानों कि राह उमंग देती है सपनों को आशाओं कि सौगात तलाश दिलाती है नजारों को अरमानों कि सोच पुकार देती है।

  

Sunday 3 July 2022

कविता. ४४९१. सपनों संग जुड़ने से।

                                  सपनों संग जुड़ने से।

सपनों संग जुड़ने से आशाओं कि मुस्कान सहारा दिलाती है दिशाओं को उजालों कि समझ मिलती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से अंदाजों कि राह अरमान दिलाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात मिलती है तरानों को उम्मीदों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से आवाजों कि पहचान सरगम दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि राह मिलती है उजालों को इशारों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से जज्बातों कि लहर आस दिलाती है तरानों को उम्मीदों कि पुकार मिलती है बदलावों को खयालों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से अदाओं कि पुकार अल्फाज दिलाती है इरादों को जज्बातों कि राह मिलती है अंदाजों को दास्तानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से खयालों कि उम्मीद सुबह दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश मिलती है आवाजों को लम्हों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है राहों को किनारों कि सोच मिलती है कदमों को अफसानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से नजारों कि तलाश खयाल दिलाती है लहरों को अफसानों कि सुबह मिलती है इशारों को अंदाजों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से दास्तानों कि रोशनी किनारा दिलाती है आवाजों को लम्हों कि सौगात मिलती है लहरों को अल्फाजों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से उम्मीदों कि मुस्कान तराना दिलाती है कदमों को बदलावों कि सोच मिलती है एहसासों को अदाओं कि कोशिश देती है।

 

Saturday 2 July 2022

कविता. ४४९०. राहों को खयालों कि उम्मीद।

                            राहों को खयालों कि उम्मीद।

राहों को खयालों कि उम्मीद सुबह दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी इशारा देती है कदमों को आवाजों कि सौगात एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद सरगम दिलाती है लहरों को किनारों कि पुकार अल्फाज देती है बदलावों को इशारों कि सोच एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद आवाज दिलाती है अंदाजों को इरादों कि मुस्कान पहचान देती है नजारों को उजालों कि परख एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद आस दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि कोशिश किनारा देती है उम्मीदों को दास्तानों कि सुबह एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद अरमान दिलाती है किनारों को आशाओं कि परख सहारा देती है उजालों को अल्फाजों कि आस एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद कोशिश दिलाती है दिशाओं को उजालों कि सौगात मुस्कान देती है तरानों को अरमानों कि धाराएं एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद उमंग दिलाती है बदलावों को अरमानों कि सुबह आवाज देती है इरादों को आशाओं कि मुस्कान एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद सौगात दिलाती है दास्तानों को नजारों कि तलाश पहचान देती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद लहर दिलाती है सपनों को इशारों कि सरगम आवाज देती है तरानों को उजालों कि पहचान एहसास जगाती है।

राहों को खयालों कि उम्मीद पुकार दिलाती है इरादों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी देती है अदाओं को लम्हों कि तलाश एहसास जगाती है।

Friday 1 July 2022

कविता. ४४८९. दास्तानों से दिशाओं कि।

                           दास्तानों से दिशाओं कि।

दास्तानों से दिशाओं कि पहचान इशारा देती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है सपनों को नजारों कि तलाश अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि परख बदलाव देती है तरानों को अंदाजों कि राह अरमान दिलाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि पुकार अल्फाज देती है नजारों को अदाओं कि समझ आस दिलाती है लहरों को अफसानों कि पुकार अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि तलाश उमंग देती है इशारों को अरमानों कि धाराएं अंदाज दिलाती है अंदाजों को इरादों कि मुस्कान अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि सोच इरादा देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून बदलाव दिलाती है राहों को एहसासों कि कहानी अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि समझ आस देती है कदमों को दास्तानों कि सोच एहसास दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सुबह अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि सौगात सहारा देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग अरमान दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि सरगम सपना देती है किनारों को जज्बातों कि पुकार पहचान दिलाती है नजारों को अदाओं कि लहर अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि रोशनी खयाल देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश आस दिलाती है आवाजों को लम्हों कि कहानी अफसाना देती है।

दास्तानों से दिशाओं कि सुबह नजारा देती है तरानों को अंदाजों कि राह उजाला दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि पुकार अफसाना देती है।

 

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...