Monday, 11 July 2022

कविता. ४४९९. आशाओं संग एहसासों कि।

                                आशाओं संग एहसासों कि।

आशाओं संग एहसासों कि सोच सहारा देती है तरानों को जज्बातों कि पुकार इशारा देती है नजारों को अफसानों कि आहट अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि तलाश कहानी देती है राहों को अरमानों कि धाराएं कोशिश देती है अंदाजों को इरादों कि आस अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि सरगम सुबह देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि कोशिश आवाज देती है कदमों को नजारों कि आवाज उम्मीद देती है अदाओं को खयालों कि सौगात अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि रोशनी सपना देती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान किनारा देती है तरानों को अंदाजों कि सोच अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि समझ अंदाज देती है आवाजों को लम्हों कि रोशनी अरमान देती है नजारों को अदाओं कि सौगात अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि बदलाव राह देती है नजारों को अंदाजों कि तलाश पहचान देती है किनारों को अरमानों कि लहर अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि सौगात आस देती है खयालों को उम्मीदों कि सुबह परख देती है कदमों को दास्तानों कि तलाश अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि लहर अंदाज देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अरमान देती है खयालों को उजालों कि समझ अल्फाज सुनाती है।

आशाओं संग एहसासों कि कोशिश राह देती है जज्बातों को अंदाजों कि मुस्कान सरगम देती है किनारों को बदलावों कि उमंग अल्फाज सुनाती है।


 


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