Saturday, 16 July 2022

कविता. ४५०४. सपनों संग आसमानों कि उड़ान।

                        सपनों संग आसमानों कि उड़ान।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान इशारा देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह आस सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान कोशिश देती है राहों को एहसासों कि तलाश खयाल सुनाती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान रोशनी देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान सुनाती है आवाजों को लम्हों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान नजारा देती है अदाओं को लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाती है जज्बातों को बदलावों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उमंग देती है नजारों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है दिशाओं को इरादों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान सुबह देती है जज्बातों को अंदाजों कि राह खयाल सुनाती है इशारों को अरमानों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान सौगात देती है किनारों को कोशिश कि परख पहचान सुनाती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उजाला देती है दास्तानों को बदलावों कि लहर कोशिश सुनाती है इरादों को उम्मीदों कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान उम्मीद देती है तरानों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है अदाओं को दिशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

सपनों संग आसमानों कि उड़ान जज्बात देती है राहों को अरमानों कि धाराएं अंदाज सुनाती है तरानों को किनारों कि मुस्कान देकर जाती है।

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