Thursday 21 July 2022

कविता. ४५०९. देकर चलती है।

                                           देकर चलती है।

कदमों कि आहट इशारों को सरगम देती है अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है दास्तानों संग आशाओं कि कोशिश अरमान देकर चलती है।

कदमों कि आहट आवाजों को लहर देती है किनारों कि सुबह एहसास दिलाती है अदाओं संग जज्बातों कि राह खयाल देकर चलती है।

कदमों कि आहट दास्तानों को समझ देती है तरानों कि परख पहचान दिलाती है लम्हों संग खयालों कि उम्मीद पुकार देकर चलती है।

कदमों कि आहट नजारों को सुबह देती है बदलावों कि उमंग अल्फाज दिलाती है उजालों संग अंदाजों कि लहर दास्तान देकर चलती है।

कदमों कि आहट आशाओं को राह देती है कोशिश कि सरगम सौगात दिलाती है आवाजों संग उम्मीदों कि सोच अहमियत देकर चलती है।

कदमों कि आहट दिशाओं को बदलाव देती है नजारों कि आस अहमियत दिलाती है इरादों संग खयालों कि उम्मीद पहचान देकर चलती है।

कदमों कि आहट अदाओं को पुकार देती है उजालों कि परख आवाज दिलाती है जज्बातों संग एहसासों कि तलाश अल्फाज देकर चलती है।

कदमों कि आहट तरानों को सौगात देती है लहरों कि पहचान मुस्कान दिलाती है अदाओं संग आशाओं कि परख बदलाव देकर चलती है।

कदमों कि आहट लहरों को अफसाना देती है उम्मीदों कि सोच कोशिश दिलाती है नजारों संग आवाजों कि धून एहसास देकर चलती है।

कदमों कि आहट दिशाओं को सहारा देती है दास्तानों कि राह अरमान दिलाती है जज्बातों संग लम्हों कि कहानी पुकार देकर चलती है।

 

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