Thursday 31 March 2022

कविता. ४३९८. उजालों कि समझ अक्सर।

                              उजालों कि समझ अक्सर।

उजालों कि समझ अक्सर अरमान सुनाती है दास्तानों कि सुबह संग एहसासों कि तलाश सुहानी देती है नजारों को अदाओं कि सौगात अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर खयाल सुनाती है नजारों कि तलाश संग अरमानों कि सुबह सुहानी देती है जज्बातों को अंदाजों कि राह अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर पहचान सुनाती है उम्मीदों कि सोच संग अंदाजों कि सरगम कोशिश देती है इशारों को अरमानों कि रोशनी अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर परख सुनाती है इरादों कि सौगात संग आवाजों कि धून मुस्कान देती है राहों को अल्फाजों कि आस अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर नजारा सुनाती है अदाओं कि लहर संग किनारों कि पुकार बदलाव देती है कदमों को दास्तानों कि सोच अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर अल्फाज सुनाती है राहों कि सरगम संग कोशिश कि रोशनी आस देती है तरानों को अंदाजों कि लम्हा अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर बदलाव सुनाती है तरानों कि रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान कोशिश देती है बदलावों को किनारों कि सौगात अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर पहचान सुनाती है जज्बातों कि लहर संग आवाजों कि धून किनारा देती है तरानों को अफसानों कि राह अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर परख सुनाती है खयालों कि उम्मीद संग कदमों कि आहट अफसाना देती है दिशाओं को इरादों कि तलाश अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर सौगात सुनाती है दिशाओं कि उमंग संग खयालों कि सुबह एहसास देती है तरानों को उम्मीदों कि सरगम अहमियत दिलाती है।


Wednesday 30 March 2022

कविता. ४३९७. हर सपने संग अफसानों कि।

                            हर सपने संग अफसानों कि।

हर सपने संग अफसानों कि सौगात कोशिश दिलाती है लहरों कि सोच अक्सर कदमों कि आहट से अरमान जगाती है तलाश संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि परख पहचान दिलाती है दास्तानों कि सुबह अक्सर किनारों कि राह से एहसास जगाती है लम्हों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि सोच इरादा दिलाती है नजारों कि आस अक्सर इशारों कि सौगात से बदलाव जगाती है उजालों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि आवाज धून दिलाती है तरानों कि सरगम अक्सर आशाओं कि सुबह से राह जगाती है कदमों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि सौगात बदलाव दिलाती है उम्मीदों कि लहर अक्सर अदाओं कि समझ से पहचान जगाती है दिशाओं संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि आस परख दिलाती है जज्बातों कि सोच अक्सर नजारों कि परख से अल्फाज जगाती है बदलावों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि सौगात कोशिश दिलाती है किनारों कि सुबह अक्सर बदलावों कि उमंग से खयाल जगाती है लहरों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि रोशनी खयाल दिलाती है लम्हों कि सौगात अक्सर नजारों कि तलाश से बदलाव जगाती है राहों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि कोशिश अरमान दिलाती है उम्मीद कि सोच अक्सर बदलावों कि सुबह से उमंग जगाती है कदमों संग पुकार सुनाती है।

हर सपने संग अफसानों कि राह बदलाव दिलाती है उजालों कि सुबह अक्सर किनारों कि पहचान से तलाश जगाती है नजारों संग पुकार सुनाती है।

Tuesday 29 March 2022

कविता. ४३९६. जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग।

                                   जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग दास्तानों कि पहचान सुनाते है लम्हों कि सौगात संग मुस्कान को पुकार दिलाती है कदमों कि आहट अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग कदमों के अरमान सुनाते है लहरों कि पुकार संग आशाओं को अल्फाज दिलाती है दिशाओं कि उमंग अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग दिशाओं कि उमंग सुनाते है आशाओं कि कोशिश संग नजारों को परख दिलाती है लम्हों कि सरगम अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग तरानों कि राह सुनाते है अंदाजों कि परख संग आवाजों को धून दिलाती है नजारों कि अहमियत अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग लहरों कि पुकार सुनाते है उम्मीदों कि सोच संग खयालों को सपना दिलाती है राहों कि तलाश अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग नजारों कि आस सुनाते है कदमों कि पहचान संग दास्तानों को पुकार दिलाती है किनारों कि सोच अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग आवाजों कि धून सुनाते है इशारों कि मुस्कान संग अंदाजों को राह दिलाती है कोशिश कि परख अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग राहों कि तलाश सुनाते है रोशनी कि सौगात संग दिशाओं को बदलाव दिलाती है तरानों कि पुकार अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग आशाओं के लम्हे सुनाते है आवाजों कि धून संग अल्फाजों को रोशनी दिलाती है खयालों कि उम्मीद अफसाना देती है।

जज्बात अक्सर उजालों कि सुबह के संग एहसासों कि आवाज सुनाते है तरानों कि राह संग बदलावों को पुकार दिलाती है नजारों कि सरगम अफसाना देती है।

Monday 28 March 2022

कविता. ४३९५. मुस्कान एहसासों कि।

                                              मुस्कान एहसासों कि।

मुस्कान एहसासों कि सुबह दिलाती है लम्हों को आशाओं कि तलाश अरमान सुनाती है कदमों कि आहट इशारा देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि तलाश दिलाती है लहरों को अफसानों कि कोशिश सरगम सुनाती है दिशाओं कि उमंग बदलाव देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि सोच दिलाती है राहों को अरमानों कि सौगात आवाज सुनाती है सपनों कि पुकार पहचान देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि रोशनी दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सुबह अल्फाज सुनाती है नजारों कि आस अरमान देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि जज्बात दिलाती है किनारों को अंदाजों कि राह पहचान सुनाती है कोशिश कि लहर अफसाना देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि पुकार दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है जज्बातों कि आस पहचान देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि कोशिश दिलाती है दास्तानों को आशाओं कि परख सरगम सुनाती है नजारों कि तलाश खयाल देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि सहारा दिलाती है दिशाओं को उजालों कि पुकार अल्फाज सुनाती है राहों कि सरगम उमंग देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि परख दिलाती है उम्मीदों को खयालों कि उमंग अरमान सुनाती है तरानों कि रोशनी सपना देकर चलती है।

मुस्कान एहसासों कि सौगात दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि सोच पहचान सुनाती है किनारों कि सुबह कोशिश देकर चलती है।

Sunday 27 March 2022

कविता. ४३९४. रोशनी संग आशाओं कि सरगम।

                                           रोशनी संग आशाओं कि सरगम।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम अरमान जगाती है तरानों को अंदाजों कि लहर दास्तान सुनाती है उजालों से मिलकर इशारा दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम कोशिश जगाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून एहसास सुनाती है राहों से जुड़कर अफसाना दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम मुस्कान जगाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अरमान सुनाती है दिशाओं से समझकर नजारा दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम तलाश जगाती है खयालों को नजारों कि सुबह कोशिश सुनाती है जज्बातों से मिलकर पुकार दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम सुबह जगाती है कदमों को अरमानों कि धाराएं अंदाज सुनाती है नजारों से जुड़कर पहचान दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम परख जगाती है किनारों को दिशाओं कि उमंग बदलाव सुनाती है अदाओं से समझकर आस दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम किनारा जगाती है खयालों को सपनों कि आहट कोशिश सुनाती है उम्मीदों से मिलकर आवाज दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम तराना जगाती है अंदाजों को इरादों कि तलाश एहसास सुनाती है उमंग से जुड़कर कोशिश दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम उम्मीद जगाती है राहों को अरमानों कि सुबह बदलाव सुनाती है लम्हों से समझकर सहारा दिलाता है।

रोशनी संग आशाओं कि सरगम मुस्कान जगाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है तरानों से मिलकर सौगात दिलाता है।

Saturday 26 March 2022

कविता. ४३९३. किसी कोशिश संग आशाओं कि।

                                                     किसी कोशिश संग आशाओं कि।

किसी कोशिश संग आशाओं कि लहर पहचान दिलाती है सपनों कि पुकार अल्फाज के एहसास देती है राह कि समझ सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि मुस्कान अरमान दिलाती है नजारों कि सुबह अंदाजों के परख देती है किनारों कि पुकार सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि दास्तान पुकार दिलाती है अरमानों कि सोच इशारों के तराने देती है कदमों कि आहट सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि पहचान मुस्कान दिलाती है अंदाजों कि मुस्कान आवाजों के इशारे देती है लम्हों कि रोशनी सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि सोच इरादा दिलाती है दिशाओं कि उमंग अरमानों के अफसाने देती है इरादों कि सौगात सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि आस दास्तान दिलाती है जज्बातों कि लहर अल्फाजों के रोशनी देती है नजारों कि सुबह सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि रोशनी खयाल दिलाती है अदाओं कि समझ दास्तानों के एहसास देती है किनारों कि पहचान सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि सरगम इरादा दिलाती है आवाजों कि सौगात अरमानों के सुबह देती है अदाओं कि लहर सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि तलाश दास्तान दिलाती है कदमों कि आहट बदलावों के सौगात देती है जज्बातों कि पुकार सपना सुनाती रहती है।

किसी कोशिश संग आशाओं कि राह दिशाएं दिलाती है इशारों कि पहचान अरमानों के लहर देती है एहसासों कि सोच सपना सुनाती रहती है।

Friday 25 March 2022

कविता. ४३९२ एक जज्बात जब किसी परिंदेसा।

                                एक जज्बात जब किसी परिंदेसा।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा तराने संग उडने लगता है लहरों कि आहट संग इशारों का तराना एहसासों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा एहसास संग जुडने लगता है आशाओं कि मुस्कान संग दिशाओं का अफसाना नजारों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा आस संग निकलने लगता है राहों कि तलाश संग अरमानों का सपना इशारों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा आवाज संग मिलने लगता है कदमों कि आवाज संग नजारों का बदलाव किनारों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा नजारे संग समझने लगता है लम्हों कि पहचान संग आशाओं का इरादा खयालों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा अरमान संग उडने लगता है अंदाजों कि कोशिश संग एहसासों का अल्फाज अदाओं को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा रोशनी संग मिलने लगता है आवाजों कि राह संग दास्तानों का किनारा एहसासों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा आवाज संग जुडने लगता है लम्हों कि पुकार संग अदाओं का तराना बदलावों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा आस संग समझने लगता है तरानों कि आवाज संग नजारों का उजाला लम्हों को छू कर चलता है।

एक जज्बात जब किसी परिंदेसा राह संग समझने लगता है लम्हों कि सौगात संग अंदाजों का सपना इशारों को छू कर चलता है।

Thursday 24 March 2022

कविता. ४३९१. हर सुबह के एहसास संग।

                                                     हर सुबह के एहसास संग।

हर सुबह के एहसास संग आशाओं कि मुस्कान सहारा देती है नजारों से जज्बातों कि लहर कोशिश दिलाती है तरानों को अंदाजों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग अरमानों कि परख पहचान देती है किनारों से लम्हों कि मुस्कान इशारा दिलाती है कदमों को दास्तानों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग अंदाजों कि सरगम तलाश देती है खयालों से दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है लम्हों को बदलावों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग कदमों कि आहट सपना देती है जज्बातों से अफसानों कि सौगात आस दिलाती है दास्तानों को नजारों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग खयालों कि उम्मीद आस देती है तरानों से जज्बातों कि लहर रोशनी दिलाती है अदाओं को लम्हों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग नजारों कि पुकार कोशिश देती है कदमों से आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है किनारों को आशाओं कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग जज्बातों कि लहर रोशनी देती है अदाओं से अल्फाजों कि सोच इरादा दिलाती है आवाजों को लम्हों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग आवाजों कि धून कोशिश देती है अंदाजों से खयालों कि उम्मीद तलाश दिलाती है दास्तानों को नजारों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग दिशाओं कि उमंग किनारा देती है लहरों से दास्तानों कि सरगम इशारा दिलाती है तरानों को उम्मीदों कि राह सुनाती है।

हर सुबह के एहसास संग दास्तानों कि सोच इरादा देती है लम्हों से अरमानों कि परख पहचान दिलाती है लहरों को अफसानों कि राह सुनाती है।

Wednesday 23 March 2022

कविता. ४३९०. कदमों को दास्तानों कि।

                              ‌‌‌       ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌                    कदमों को दास्तानों कि।

कदमों को दास्तानों कि सुबह एहसास सुनाती है आशाओं को अदाओं कि समझ पहचान दिलाती है आवाजों से धून कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि सोच कोशिश सुनाती है अंदाजों को खयालों कि उम्मीद अल्फाज दिलाती है नजारों से अफसानों कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि परख आस सुनाती है दिशाओं को उजालों कि सोच बदलाव दिलाती है जज्बातों से तरानों कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि कोशिश सौगात सुनाती है किनारों को लम्हों कि रोशनी खयाल दिलाती है बदलावों से जज्बातों कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि पुकार अल्फाज सुनाती है आवाजों को बदलावों कि उमंग अरमान दिलाती है सपनों से अदाओं कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि पहचान मुस्कान सुनाती है तरानों को अंदाजों कि राह आस दिलाती है आशाओं से दिशाओं कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि सोच एहसास सुनाती है नजारों को अदाओं कि समझ किनारा दिलाती है आवाजों से इशारों कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि सौगात राह सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि सरगम नजारा दिलाती है बदलावों से आशाओं कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि परख सोच सुनाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है इशारों से अंदाजों कि लहर सुनाती है।

कदमों को दास्तानों कि रोशनी खयाल सुनाती है अंदाजों को किनारों कि सुबह एहसास दिलाती है इरादों से उम्मीदों कि लहर सुनाती है।

Tuesday 22 March 2022

कविता. ४३८९. कोशिश संग अरमानों कि।

                                         कोशिश संग अरमानों कि।

कोशिश संग अरमानों कि पुकार सहारा देती है नजारों संग आशाओं कि सरगम तराना दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि सौगात इशारा देती है जज्बातों संग किनारों कि सुबह दास्तान सुनाती है राहों को एहसासों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि सुबह तराना देती है कदमों संग दिशाओं कि उमंग अल्फाज दिलाती है सपनों को नजारों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि धाराएं अंदाज देती है किनारों संग जज्बातों कि पुकार पहचान दिलाती है लहरों को अफसानों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि परख पहचान देती है दास्तानों संग अल्फाजों कि सरगम परख दिलाती है लम्हों को दिशाओं कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि समझ पुकार देती है तरानों संग आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है अदाओं को लम्हों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि आस अफसाना देती है उजालों संग अदाओं कि समझ बदलाव दिलाती है नजारों को आवाजों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि पुकार जज्बात देती है आशाओं संग अंदाजों कि राह किनारा दिलाती है सपनों को इरादों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि तलाश पहचान देती है दास्तानों संग अल्फाजों कि मुस्कान आस दिलाती है राहों को किनारों कि सोच सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों कि सरगम रोशनी देती है नजारों संग आशाओं कि पहचान आवाज दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच सुनाती है।

Monday 21 March 2022

कविता. ४३८८. किसी पल मे अक्सर जीवन कि।

                                                 किसी पल मे अक्सर जीवन कि।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि बात नजर आती है एहसासों को अरमानों कि राह पहचान सुनाती है सपनों को जज्बातों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि सौगात तलाश लाती है कदमों को उजालों कि सोच इरादा सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि सुबह कोशिश सुनाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश सोच सुनाती है नजारों को अदाओं कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि सोच लम्हा सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग कोशिश सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि धाराएं अफसाना सुनाती है तरानों को अंदाजों कि राह खयाल सुनाती है उम्मीदों को आशाओं कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि आस सरगम आती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान बदलाव सुनाती है राहों को अंदाजों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि राह सपना लाती है जज्बातों को खयालों कि उम्मीद एहसास सुनाती है कदमों को दास्तानों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि उमंग सपना सुनाती है नजारों को दिशाओं कि कोशिश आस सुनाती है अरमानों को खयालों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि कोशिश रोशनी आती है अंदाजों को आशाओं कि मुस्कान अरमान सुनाती है राहों को एहसासों कि लहर दिलाती है।

किसी पल मे अक्सर जीवन कि दास्तान अल्फाज लाती है इशारों को राहों कि तलाश खयाल सुनाती है किनारों को बदलावों कि लहर दिलाती है।

Sunday 20 March 2022

कविता. ४३८७. राह को सपनों कि सरगम।

                                                   राह को सपनों कि सरगम।

राह को सपनों कि सरगम मुस्कान दिलाती है कदमों कि आहट अक्सर अफसानों कि सौगात देकर जाती है लम्हों को किनारों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम कोशिश दिलाती है नजारों कि सोच अक्सर कदमों कि रोशनी देकर जाती है लहरों को दिशाओं कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम आवाज दिलाती है जज्बातों कि पुकार अक्सर तरानों कि परख देकर जाती है खयालों को कदमों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम आस दिलाती है किनारों कि पहचान अक्सर अल्फाजों कि सोच देकर जाती है अदाओं को लम्हों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम कदम दिलाती है खयालों कि उम्मीद अक्सर लहरों कि पुकार देकर जाती है अंदाजों को आशाओं कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम तलाश दिलाती है लहरों कि परख अक्सर आवाजों कि सौगात देकर जाती है जज्बातों को तरानों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम अरमान दिलाती है अल्फाजों कि आस अक्सर एहसासों कि रोशनी देकर जाती है आशाओं को अदाओं कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम तराना दिलाती है नजारों कि तलाश अक्सर अंदाजों कि मुस्कान देकर जाती है दास्तानों को बदलावों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम सोच दिलाती है दिशाओं कि उमंग अक्सर अफसानों कि सोच देकर जाती है दिशाओं को नजारों कि सुबह दिलाती है।

राह को सपनों कि सरगम पहचान दिलाती है रोशनी कि पुकार अक्सर आशाओं कि समझ देकर जाती है कदमों को आवाजों कि सुबह दिलाती है।

Saturday 19 March 2022

कविता. ४३८६. सपना अक्सर लम्हों संग।

                                                           सपना अक्सर लम्हों संग।

सपना अक्सर लम्हों संग आशाओं कि लहर दिलाता है किनारों कि पुकार के संग आवाजों कि धून से जुड़कर नजारा दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग दिशाओं कि सौगात दिलाता है उजालों कि परख के संग अंदाजों कि राह से मिलकर पुकार दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग जज्बातों कि आस दिलाता है तरानों कि राह के संग अफसानों कि सौगात से परखकर पहचान दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग नजारों कि सुबह दिलाता है दास्तानों कि कोशिश के संग दिशाओं कि उमंग से जुड़कर किनारा दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग अदाओं कि समझ दिलाता है लहरों कि पहचान के संग आशाओं कि मुस्कान से मिलकर इशारा दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग लहरों कि पुकार दिलाता है आशाओं कि राह के संग किनारों कि सुबह से परखकर खयाल दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग आवाजों कि धून दिलाता है उजालों कि सौगात के संग कदमों कि आहट से मिलकर सोच दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग कदमों कि आहट दिलाता है आवाजों कि धून के संग कोशिश कि सोच से जुड़कर जज्बात दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग राहों कि तलाश दिलाता है इशारों कि पहचान के संग आवाजों कि धून से परखकर सौगात दिलाता है।

सपना अक्सर लम्हों संग दिशाओं कि उमंग दिलाता है लहरों कि पुकार के संग खयालों कि उम्मीद से मिलकर इशारा दिलाता है।


Friday 18 March 2022

कविता. ४३८५. हर सुबह एक सपने संग।

                                                      हर सुबह एक सपने संग।

हर सुबह एक सपने संग एहसासों कि उमंग देती है राहों को अरमानों कि पहचान इशारा देती है तरानों को लम्हों कि सौगात सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग अरमानों कि धाराएं देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अल्फाज देती है नजारों को आवाजों कि धून सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग अफसानों कि सौगात देती है कदमों को लम्हों कि रोशनी खयाल देती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग अल्फाजों कि सोच देती है किनारों को लहरों कि पुकार अफसाना देती है जज्बातों को अंदाजों कि उम्मीद सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग आशाओं कि कोशिश देती है खयालों को नजारों कि तलाश अरमान देती है इशारों को तरानों कि राह सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग अंदाजों कि उम्मीद देती है लहरों को अफसानों कि सौगात तलाश देती है अदाओं को लम्हों कि सोच सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग नजारों कि आस देती है दिशाओं को उजालों कि परख अहमियत देती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग दास्तानों कि मुस्कान देती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज देती है दिशाओं को उजालों कि परख सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग राहों कि तलाश देती है कदमों को आशाओं कि परख पुकार देती है नजारों को एहसासों कि सोच सहारा देती है।

हर सुबह एक सपने संग जज्बातों कि सोच देती है जज्बातों को अदाओं कि समझ सौगात देती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान सहारा देती है।


Thursday 17 March 2022

कविता. ४३८४. रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर।

                                            रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर तलाश सुनाती है नजारों से अफसानों कि सौगात किनारा दिलाती है राहों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर पुकार सुनाती है लम्हों से किनारों कि सुबह एहसास दिलाती है आवाजों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर पहचान सुनाती है दास्तानों से खयालों कि उम्मीद कोशिश दिलाती है लहरों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर जज्बात सुनाती है राहों से दिशाओं कि पहचान तराना दिलाती है सपनों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर इशारा सुनाती है जज्बातों से अंदाजों कि सोच सहारा दिलाती है कदमों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर समझ सुनाती है कदमों से अल्फाजों कि आस सौगात दिलाती है बदलावों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर लम्हा सुनाती है अदाओं से एहसासों कि तलाश खयाल दिलाती है जज्बातों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर लहर सुनाती है अंदाजों से तरानों कि राह उजाला दिलाती है सपनों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर कोशिश सुनाती है किनारों कि सुबह पहचान दिलाती है कदमों कि सरगम देती है।

रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान अक्सर अल्फाज सुनाती है आवाजों कि धून अहमियत दिलाती है अरमानों कि सरगम देती है।

Wednesday 16 March 2022

कविता. ४३८३. अंदाजों कि पहचान अक्सर।

                                                       अंदाजों कि पहचान अक्सर।

अंदाजों कि पहचान अक्सर एहसास सुनाती है सपनों कि आहट संग आशाओं कि कोशिश अरमान जगाती है पुकार से मन कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर कोशिश सुनाती है नजारों कि सुबह संग आवाजों कि धून एहसास जगाती है रोशनी से परख कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर जज्बात सुनाती है राहों कि तलाश संग दिशाओं कि उमंग पुकार जगाती है लहर से सरगम कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर नजारा सुनाती है इशारों कि उम्मीद संग अल्फाजों कि सोच इरादा जगाती है कदमों से खयाल कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर मुस्कान सुनाती है दिशाओं कि सौगात संग अदाओं कि समझ सोच जगाती है लम्हों से किनारों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर तराना सुनाती है अदाओं कि समझ संग खयालों कि परख कोशिश जगाती है आवाजों से इशारों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर परख सुनाती है आशाओं कि रोशनी संग अरमानों कि सौगात खयाल जगाती है किनारों से लम्हों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर अरमान सुनाती है लहरों कि कोशिश संग राहों कि तलाश बदलाव जगाती है दास्तानों से कदमों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर अल्फाज सुनाती है आवाजों कि धून संग लहरों कि पुकार सरगम जगाती है कोशिश से दिशाओं कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर सुबह सुनाती है दास्तानों कि कोशिश संग अरमानों कि लहर बदलाव जगाती है इशारों से समझ कि आस दिलाती है।

Tuesday 15 March 2022

कविता. ४३८२. जज्बातों कि लहर संग।

                                                         जज्बातों कि लहर संग।

जज्बातों कि लहर संग एहसासों कि आहट पहचान सुनाती है राहों को अरमानों कि रोशनी खयाल दिलाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है सपनों को नजारों कि सुबह कोशिश सुनाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग आशाओं कि परख पुकार सुनाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज दिलाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग अंदाजों कि तलाश एहसास दिलाती है लम्हों को कदमों कि सरगम सोच सुनाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग खयालों कि समझ सपना सुनाती है आवाजों को बदलावों कि सोच दास्तान दिलाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग नजारों कि उम्मीद तलाश दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि आस पहचान सुनाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग तरानों कि पुकार अल्फाज दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि कोशिश सरगम दिलाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग दास्तानों कि सुबह सरगम दिलाती है आशाओं को अदाओं कि समझ सौगात सुनाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग लम्हों कि सौगात सहारा दिलाती है अंदाजों को किनारों कि सुबह नजारा दिलाकर आगे बढती है।

जज्बातों कि लहर संग किनारों कि उमंग अरमान दिलाती है सपनों को अल्फाजों कि सोच एहसास सुनाकर आगे बढती है।


Monday 14 March 2022

कविता. ४३८१. सपनों संग अरमान कि।

                                                          सपनों संग अरमान कि।

सपनों संग अरमान कि तलाश खयाल दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि सुबह कोशिश दिलाती है नजारों कि सौगात आस देती है।

सपनों संग अरमान कि सोच अफसाना दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात पुकार जताती है अंदाजों कि उम्मीद आस देती है।

सपनों संग अरमान कि उमंग रोशनी दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट एहसास सुनाती है उजालों कि उमंग आस देती है।

सपनों संग अरमान कि सुबह सहारा दिलाती है दिशाओं को किनारों कि उम्मीद आवाज सुनाती है जज्बातों कि पुकार आस देती है।

सपनों संग अरमान कि कोशिश अंदाज दिलाती है राहों को तरानों कि रोशनी अल्फाज दिलाती है लम्हों कि सौगात आस देती है।

सपनों संग अरमान कि राह लम्हा दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सोच बदलाव जताती है राहों कि सरगम आस देती है।

सपनों संग अरमान कि परख पहचान दिलाती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान रोशनी जताती है दास्तानों कि समझ आस देती है।

सपनों संग अरमान कि उम्मीद उजाला दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश कोशिश जताती है राहों कि सुबह आस देती है।

सपनों संग अरमान कि राह मुस्कान दिलाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज जताती है किनारों कि पहचान आस देती है।

सपनों संग अरमान कि पुकार अल्फाज दिलाती है कदमों को अदाओं कि सौगात इशारा जताती है अदाओं कि मुस्कान आस देती है।

 

Sunday 13 March 2022

कविता. ४३८०. आवाज से कोशिश अक्सर।

                                                       आवाज से कोशिश अक्सर।

आवाज से कोशिश अक्सर एहसास सुनाती है जज्बातों को अंदाजों कि उम्मीद तलाश दिलाती है राहों को अक्सर किनारों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर अरमान सुनाती है तरानों को उजालों कि परख पहचान दिलाती है कदमों को अक्सर खयालों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर खयाल सुनाती है नजारों को अल्फाजों कि आस अफसाना दिलाती है जज्बातों को अक्सर दास्तानों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर आस सुनाती है रोशनी को लहरों कि उम्मीद एहसास दिलाती है अंदाजों को अक्सर बदलावों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर जज्बात सुनाती है खयालों को लम्हों कि आहट अल्फाज दिलाती है कदमों को अक्सर लहरों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर किनारा सुनाती है अल्फाजों को एहसासों कि तलाश अरमान दिलाती है सपनों को अक्सर नजारों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर दास्तान सुनाती है राहों को नजारों कि सुबह अहमियत दिलाती है लहरों को अक्सर एहसासों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर सरगम सुनाती है लहरों को अंदाजों कि उम्मीद बदलाव दिलाती है सपनों को अक्सर इशारों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर पहचान सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अरमान दिलाती है आशाओं को अक्सर अंदाजों कि सोच मिलती है।

आवाज से कोशिश अक्सर तलाश सुनाती है अदाओं को सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है दिशाओं को अक्सर एहसासों कि सोच मिलती है।

Saturday 12 March 2022

कविता. ४३७९. खयाल के एहसास से।

                                                      खयाल के एहसास से।

खयाल के एहसास से मिलकर पुकार इशारा देती है लहरों को अफसानों कि सौगात पहचान सुनाती है राह को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से जुड़कर कोशिश तराना देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह अल्फाज सुनाती है आशाओं को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से समझकर अदा सपना देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच अहमियत सुनाती है दास्तानों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से सुनकर सरगम आवाज देती है लम्हों को कोशिश कि राह एहसास सुनाती है तरानों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से मिलकर सौगात तलाश देती है नजारों को आवाजों कि धून कोशिश सुनाती है जज्बातों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से जुड़कर सुबह जज्बात देती है राहों को अरमानों कि सोच पहचान सुनाती है बदलावों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से समझकर उमंग आस देती है आवाजों को लम्हों कि परख बदलाव सुनाती है उजालों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से मिलकर राह अरमान देती है जज्बातों को अंदाजों कि उम्मीद सहारा सुनाती है दिशाओं को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से सुनकर उम्मीद आवाज देती है सपनों को नजारों कि आस पुकार सुनाती है अंदाजों को किनारा दिलाती है।

खयाल के एहसास से जुड़कर पहचान राह देती है उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा सुनाती है नजारों को किनारा दिलाती है।

Friday 11 March 2022

कविता. ४३७८. उस कोशिश संग अरमानों कि।

                                                  उस कोशिश संग अरमानों कि।
उस कोशिश संग अरमानों कि पहचान उम्मीदे देती है नजारों को आवाजों कि धून मुस्कान देकर चलती है कदमों कि आहट से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि सुबह एहसास देती है तरानों को अंदाजों कि तलाश सुनाकर चलती है आवाजों कि धून से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि सोच इरादा देती है लहरों को अफसानों कि सरगम दिलाकर चलती है आशाओं कि मुस्कान से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि परख धाराएं देती है लम्हों को किनारों कि सुबह एहसास देकर चलती है अंदाजों कि राह से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि सौगात सहारा देती है सपनों को दास्तानों कि सोच इरादा सुनाकर चलती है जज्बातों कि सोच से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि आहट दास्तान देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात बदलाव दिलाकर चलती है राहों कि तलाश से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि सरगम आस देती है किनारों को आशाओं कि परख पहचान देकर चलती है खयालों कि उम्मीद से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि राह बदलाव देती है अंदाजों को एहसासों कि तलाश आवाज सुनाकर चलती है अदाओं कि समझ से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि मुस्कान रोशनी देती है अल्फाजों को राहों कि सौगात आस दिलाकर चलती है उम्मीदों कि सुबह से पुकार मिलती है।
उस कोशिश संग अरमानों कि आस सौगात देती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद इशारा देकर चलती है उजालों कि परख से पुकार मिलती है।

Thursday 10 March 2022

कविता. ४३७७. उमंग से आशाओं कि परख।

                                                        उमंग से आशाओं कि परख।

उमंग से आशाओं कि परख पहचान दिलाती है सपनों को नजारों कि आस अफसाना दिलाकर जाती है इशारों को अंदाजों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख अरमान दिलाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश खयाल देकर जाती है अदाओं को लम्हों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख आवाज दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि उम्मीद अरमान जगाकर जाती है अल्फाजों को राहों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख कोशिश दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात रोशनी दिलाकर जाती है नजारों को एहसासों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख नजारा दिलाती है अदाओं को लम्हों कि पहचान पुकार देकर जाती है अरमानों को खयालों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख मुस्कान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि सुबह एहसास जगाकर जाती है राहों को किनारों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख सरगम दिलाती है आवाजों को कदमों कि आहट इशारा दिलाकर जाती है तरानों को उम्मीदों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख तराना दिलाती है राहों को किनारों कि सौगात सरगम जगाकर जाती है कोशिश को जज्बातों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख आस दिलाती है तरानों को उम्मीदों कि सुबह अल्फाज देकर जाती है अदाओं को लम्हों कि सोच सुनाती है।

उमंग से आशाओं कि परख जज्बात दिलाती है अंदाजों को राहों कि तलाश सहारा दिलाकर जाती है उम्मीदों को आवाजों कि सोच सुनाती है।

Wednesday 9 March 2022

कविता. ४३७६. मुस्कान से सरगम अक्सर।

                                                    मुस्कान से सरगम अक्सर।

मुस्कान से सरगम अक्सर कदमों कि आहट से अफसाना दिलाती है लहरों को आशाओं कि तलाश कोशिश दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर लम्हों कि रोशनी से एहसास दिलाती है सपनों को नजारों कि सुबह अहमियत दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर किनारों कि सुबह से पहचान दिलाती है अदाओं को खयालों कि उम्मीद बदलाव दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर दास्तानों कि सोच से अरमान दिलाती है कदमों को तरानों कि सौगात आवाज दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर दिशाओं कि उमंग से नजारा दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि लहर सपना दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर आशाओं कि मुस्कान से पुकार दिलाती है अरमानों को खयालों कि उमंग पहचान दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर नजारों कि तलाश से सौगात दिलाती है अंदाजों को एहसासों कि कोशिश आस दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर आवाजों कि धून से सुबह दिलाती है नजारों को अफसानों कि रोशनी खयाल दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर लहरों कि पहचान से सोच दिलाती है किनारों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज दिलाती है।

मुस्कान से सरगम अक्सर तरानों कि राह से बदलाव दिलाती है कदमों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है।


Tuesday 8 March 2022

कविता. ४३७५. उजालों संग एहसासों कि।

                                                       उजालों संग एहसासों कि।

उजालों संग एहसासों कि राह अल्फाज सुनाती है अरमानों को खयालों से सुबह कोशिश दिलाती है दास्तानों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि कोशिश आस सुनाती है किनारों को नजारों से सरगम बदलाव दिलाती है तरानों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि तलाश पुकार सुनाती है दिशाओं को उजालों से सोच इरादा दिलाती है कदमों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि रोशनी परख सुनाती है नजारों को आवाजों से धून पहचान दिलाती है लहरों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि लहर तराना सुनाती है जज्बातों को अंदाजों से परख नजारा दिलाती है सपनों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि बदलाव लम्हा सुनाती है तरानों को उम्मीदों से पुकार इशारा दिलाती है आशाओं कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि सुबह खयाल सुनाती है बदलावों को इशारों से समझ अफसाना दिलाती है लम्हों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि सोच इरादा सुनाती है कोशिश को जज्बातों से आस नजारा दिलाती है दिशाओं कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि सरगम उमंग सुनाती है लम्हों को कदमों से पुकार जज्बात दिलाती है किनारों कि सौगात देती है।

उजालों संग एहसासों कि परख पहचान सुनाती है दास्तानों को बदलावों से आस नजारा दिलाती है उम्मीदों कि सौगात देती है।

Monday 7 March 2022

कविता. ४३७४. राह अक्सर।

                                                             राह अक्सर।

राह अक्सर कदमों कि आहट सुनाती जाती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान दिलाती है अदाओं से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर अरमानों कि पुकार सुनाती जाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज दिलाती है लहरों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर अफसानों कि सौगात सुनाती जाती है नजारों को रोशनी कि आस अल्फाज दिलाती है किनारों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर जज्बातों कि उम्मीद सुनाती जाती है किनारों को आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाती है लम्हों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर आवाजों कि धून सुनाती जाती है अदाओं को तरानों कि पुकार अहमियत दिलाती है दास्तानों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर नजारों कि सुबह सुनाती जाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच सरगम दिलाती है दिशाओं से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर अंदाजों कि उमंग सुनाती जाती है दास्तानों को बदलावों कि सुबह रोशनी दिलाती है आशाओं से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर उम्मीदों कि सौगात सुनाती जाती है आशाओं को लम्हों कि पहचान नजारा दिलाती है सपनों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर किनारों कि अहमियत सुनाती जाती है जज्बातों को तरानों कि परख बदलाव दिलाती है अल्फाजों से एहसास सुनाती है।

राह अक्सर तरानों कि रोशनी सुनाती जाती है अदाओं को खयालों कि उम्मीद तलाश दिलाती है नजारों से एहसास सुनाती है।


Sunday 6 March 2022

कविता. ४३७३. मुस्कान अक्सर किनारों संग।

                                                     मुस्कान अक्सर किनारों संग।

मुस्कान अक्सर किनारों संग एहसास सुनाती है अदाओं को जज्बातों कि सोच इरादा दिलाती है सपनों कि सरगम कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग अरमान सुनाती है राहों को एहसासों कि तलाश खयाल दिलाती है आशाओं कि परख कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग खयाल सुनाती है दास्तानों को तरानों कि रोशनी आस दिलाती है कदमों कि आहट कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग आवाज सुनाती है नजारों को दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है अल्फाजों कि सोच कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग पुकार सुनाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज दिलाती है दास्तानों कि सुबह कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग आस सुनाती है जज्बातों को आशाओं कि परख पहचान दिलाती है लहरों कि पुकार कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग सुबह सुनाती है कदमों को आवाजों कि धून अल्फाज दिलाती है राहों कि अहमियत कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग दास्तान सुनाती है राहों को बदलावों कि उमंग खयाल दिलाती है आशाओं कि सरगम कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग तलाश सुनाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है तरानों कि परख कोशिश दिलाती है।

मुस्कान अक्सर किनारों संग लहर सुनाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश रोशनी दिलाती है आवाजों कि धून कोशिश दिलाती है।

Saturday 5 March 2022

कविता. ४३७२. जब लहर अक्सर।

                                                           जब लहर अक्सर।              

जब लहर अक्सर अरमानों कि पुकार संग पहचान जगाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग एहसास सुनाती है जज्बातों कि आहट मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर अफसानों कि सौगात संग परख जगाती है अदाओं को सपनों कि कोशिश अहमियत सुनाती है तरानों कि रोशनी मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर दास्तानों कि सुबह संग अरमान जगाती है आशाओं को नजारों कि पुकार पहचान सुनाती है आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर अंदाजों कि उम्मीद संग अल्फाज जगाती है दिशाओं को उजालों कि परख राह सुनाती है अदाओं कि समझ मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर आशाओं कि राह संग खयाल जगाती है जज्बातों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज सुनाती है लम्हों कि अल्फाज मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर नजारों कि सोच संग आस जगाती है कदमों को खयालों कि बदलाव सपना सुनाती है आशाओं कि सरगम मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर अल्फाजों कि सरगम संग कोशिश जगाती है बदलावों को राहों कि तलाश उमंग सुनाती है इशारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर दिशाओं कि दास्तान संग नजारा जगाती है कदमों को आवाजों कि धून इरादा सुनाती है किनारों कि पुकार मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर अदाओं कि समझ संग सुबह जगाती है अंदाजों को रोशनी कि सौगात आस सुनाती है उजालों कि राह मुस्कान दिलाती है।

जब लहर अक्सर अल्फाजों कि सोच संग अफसाना जगाती है लम्हों को किनारों कि सुबह एहसास सुनाती है आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है।


Friday 4 March 2022

कविता. ४३७१. एक सपना सा दिख जाता है।

                                                      एक सपना सा दिख जाता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो राहों को अरमानों कि आशाएं दिलाता है लहरों संग उम्मीदों कि तलाश का एहसास जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो मुस्कान को लम्हों कि रोशनी दिलाता है कदमों संग आशाओं कि परख का पहचान जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो खयालों को नजारों कि सुबह दिलाता है किनारों संग अंदाजों कि सोच का अफसाना जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो जज्बातों को अंदाजों कि पुकार दिलाता है लम्हों संग आवाजों कि धून कि अहमियत जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो रोशनी को लहरों कि कोशिश दिलाता है जज्बातों संग दिशाओं कि उमंग का तराना जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो आस को आवाजों कि धून दिलाता है इशारों संग खयालों कि उम्मीद का नजारा जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो दिशाओं को तरानों कि राह दिलाता है दास्तानों संग अल्फाजों कि आस का अरमान जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो आवाजों को कदमों कि आहट दिलाता है उजालों संग अदाओं कि सौगात को सरगम जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो अंदाजों को एहसासों कि तलाश दिलाता है नजारों संग इरादों कि तलाश को पुकार जताता है।

एक सपना सा दिख जाता है जो अरमानों को दिशाओं कि उमंग दिलाता है किनारों संग दास्तानों कि सोच का अफसाना जताता है।

Thursday 3 March 2022

कविता. ४३७०. हवाओं से चुपचाप कोई।

                                                      हवाओं से चुपचाप कोई।

हवाओं से चुपचाप कोई पुकार सुनाई पडती है अक्सर अरमानों कि सुबह एहसास दिलाकर चलती है जज्बातों से सपनों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई सरगम सुनाई पडती है अक्सर आशाओं कि मुस्कान रोशनी दिलाकर चलती है अल्फाजों से दिशाओं कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई पहचान सुनाई पडती है अक्सर अंदाजों कि उम्मीद आवाज दिलाकर चलती है दास्तानों से खयालों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई सोच सुनाई पडती है अक्सर दास्तानों कि सौगात आस दिलाकर चलती है तरानों से नजारों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई सौगात सुनाई पडती है अक्सर तरानों कि कोशिश अंदाज दिलाकर चलती है राहों से जज्बातों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई दास्तान सुनाई पडती है अक्सर उजालों कि परख पहचान दिलाकर चलती है आवाजों से इशारों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई परख सुनाई पडती है अक्सर उम्मीदों कि रोशनी खयाल दिलाकर चलती है इरादों से अफसानों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई आस सुनाई पडती है अक्सर नजारों कि आस अफसाना दिलाकर चलती है लम्हों से बदलावों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई सुबह सुनाई पडती है अक्सर आवाजों कि धून मुस्कान दिलाकर चलती है दिशाओं से कदमों कि आहट मिलती है।

हवाओं से चुपचाप कोई कोशिश सुनाई पडती है अक्सर दिशाओं कि राह अल्फाज दिलाकर चलती है किनारों से जज्बातों कि आहट मिलती है।

Wednesday 2 March 2022

कविता. ४३६९. किनारों से अरमान कि।

                                                       किनारों से अरमान कि।

किनारों से अरमान कि सोच एहसास दिलाती है उम्मीदों को रोशनी कि पुकार अल्फाज देती है नजारों को आवाजों कि तलाश आस सुनाती है।

किनारों से अरमान कि सुबह सपना दिलाती है आशाओं को अदाओं कि सोच इरादा देती है कदमों को दास्तानों कि सरगम कोशिश सुनाती है।

किनारों से अरमान कि परख कोशिश दिलाती है लहरों को राहों कि तलाश अरमान देती है अंदाजों को एहसासों कि लहर जज्बात सुनाती है।

किनारों से अरमान कि पुकार अल्फाज दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि सौगात आस देती है दिशाओं को लम्हों कि पहचान मुस्कान सुनाती है।

किनारों से अरमान कि उमंग आस दिलाती है अल्फाजों को आवाजों कि धून बदलाव देती है एहसासों को राहों कि समझ रोशनी सुनाती है।

किनारों से अरमान कि सौगात खयाल दिलाती है दिशाओं को सपनों कि पुकार सोच देती है नजारों को एहसासों कि लहर अहमियत सुनाती है।

किनारों से अरमान कि पुकार जज्बात दिलाती है नजारों को एहसासों कि राह खयाल देती है इशारों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज सुनाती है।

किनारों से अरमान कि रोशनी आस दिलाती है सपनों को अफसानों कि परख पहचान देती है उजालों को अल्फाजों कि मुस्कान राह सुनाती है‌।

किनारों से अरमान कि समझ इशारा दिलाती है अदाओं को सपनों कि पुकार बदलाव देती है इशारों को दास्तानों कि सुबह समझ सुनाती है।

किनारों से अरमान कि पहचान सरगम दिलाती है नजारों को कदमों कि आहट अफसाना देती है सपनों को अदाओं कि पुकार बदलाव सुनाती है।




Tuesday 1 March 2022

कविता. ४३६८. एक खयाल संग।

                                                             एक खयाल संग।

एक खयाल संग आशाओं कि मुस्कान इशारा देती है किनारों को अंदाजों कि उम्मीद राह सुनाती है लम्हों को कदमों कि आस अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग अंदाजों कि उम्मीद एहसास देती है दास्तानों को बदलावों कि राह अल्फाज सुनाती है सपनों को नजारों कि सुबह अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग कदमों कि आहट नजारा देती है आशाओं को अदाओं कि समझ उजाला सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग आवाजों कि धून कोशिश देती है कदमों को दास्तानों कि सुबह जज्बात सुनाती है लम्हों को किनारों कि सोच अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग किनारों कि पुकार पहचान देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात कोशिश सुनाती है उजालों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग नजारों कि आस दास्तान देती है कोशिश को जज्बातों कि पुकार मुस्कान सुनाती है इशारों को अंदाजों कि उम्मीद अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग कोशिश कि सुबह सहारा देती है राहों को एहसासों कि तलाश पहचान सुनाती है अदाओं को लम्हों कि समझ अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग लहरों कि परख उम्मीद देती है नजारों को आवाजों कि सौगात आस सुनाती है अंदाजों को एहसासों कि मुस्कान अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग एहसासों कि तलाश आस देती है दिशाओं को उजालों कि परख नजारा सुनाती है लम्हों को किनारों कि सुबह अफसाना दिलाती है।

एक खयाल संग उम्मीदों कि सुबह कोशिश देती है तरानों को अंदाजों कि सोच अरमान सुनाती है राहों को आशाओं कि लहर अफसाना दिलाती है।

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...