Thursday 31 March 2022

कविता. ४३९८. उजालों कि समझ अक्सर।

                              उजालों कि समझ अक्सर।

उजालों कि समझ अक्सर अरमान सुनाती है दास्तानों कि सुबह संग एहसासों कि तलाश सुहानी देती है नजारों को अदाओं कि सौगात अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर खयाल सुनाती है नजारों कि तलाश संग अरमानों कि सुबह सुहानी देती है जज्बातों को अंदाजों कि राह अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर पहचान सुनाती है उम्मीदों कि सोच संग अंदाजों कि सरगम कोशिश देती है इशारों को अरमानों कि रोशनी अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर परख सुनाती है इरादों कि सौगात संग आवाजों कि धून मुस्कान देती है राहों को अल्फाजों कि आस अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर नजारा सुनाती है अदाओं कि लहर संग किनारों कि पुकार बदलाव देती है कदमों को दास्तानों कि सोच अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर अल्फाज सुनाती है राहों कि सरगम संग कोशिश कि रोशनी आस देती है तरानों को अंदाजों कि लम्हा अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर बदलाव सुनाती है तरानों कि रोशनी संग आशाओं कि मुस्कान कोशिश देती है बदलावों को किनारों कि सौगात अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर पहचान सुनाती है जज्बातों कि लहर संग आवाजों कि धून किनारा देती है तरानों को अफसानों कि राह अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर परख सुनाती है खयालों कि उम्मीद संग कदमों कि आहट अफसाना देती है दिशाओं को इरादों कि तलाश अहमियत दिलाती है।

उजालों कि समझ अक्सर सौगात सुनाती है दिशाओं कि उमंग संग खयालों कि सुबह एहसास देती है तरानों को उम्मीदों कि सरगम अहमियत दिलाती है।


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