Tuesday 31 January 2023

कविता. ४७०३. उम्मीद से दिशाओं कि।

                                       उम्मीद से दिशाओं कि।

उम्मीद से दिशाओं कि कहानी पहचान देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि समझ सपना दिलाती है लम्हों को खयालों कि सोच इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि कोशिश अरमान देकर जाती है नजारों को किनारों कि सोच रोशनी दिलाती है लहरों को अंदाजों कि आस इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि समझ सरगम देकर जाती है तरानों को अफसानों कि कहानी सुबह दिलाती है नजारों को दास्तानों कि राह इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि सोच किनारा देकर जाती है अदाओं को कदमों कि आहट पहचान दिलाती है अदाओं को किनारों कि मुस्कान इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि आस सुबह देकर जाती है तरानों को अरमानों कि परख सपना दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सौगात इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि पुकार उजाला देकर जाती है राहों को अफसानों कि समझ खयाल दिलाती है सपनों को अरमानों कि तलाश इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि आवाज आस देकर जाती है किनारों को अल्फाजों कि सोच अफसाना दिलाती है इरादों को आशाओं कि सुबह इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि उमंग पहचान देकर जाती है आवाजों को राहों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लहरों को अंदाजों कि आस इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि अदा परख देकर जाती है अंदाजों को बदलावों कि सरगम आस दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि तलाश इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि रोशनी बदलाव देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि आहट सहारा दिलाती है तरानों को अरमानों कि सौगात इशारा देती है।

Monday 30 January 2023

कविता. ४७०२. आशाओं कि पुकार संग।

                                 आशाओं कि पुकार संग।

आशाओं कि पुकार संग एहसासों कि महफ़िल चलती है उम्मीद कि दिशाओं संग मुस्कान सुनाई पडती है कोशिश को कदमों कि पहचान इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग खयालों कि समझ मिलती है एहसास कि कोशिश संग रोशनी दिखाई पडती है लम्हों को दास्तानों कि परख इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग जज्बातों कि सोच मिलती है बदलाव कि समझ संग सरगम सुनाई पडती है किनारों को अल्फाजों कि तलाश इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अंदाजों कि परख मिलती है नजारों कि सोच संग तलाश दिखाई पडती है इरादों को अदाओं कि सौगात इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग दिशाओं कि सुबह मिलती है लम्हों कि आहट संग अदा दिखाई पडती है जज्बातों को अंदाजों कि पहचान इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग दास्तानों कि राह मिलती है लहरों कि सौगात संग कोशिश दिखाई पडती है उजालों को तरानों कि आस इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अरमानों कि आस मिलती है राहों कि मुस्कान संग आहट सुनाई पडती है दिशाओं को बदलावों कि रोशनी इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अल्फाजों कि लहर मिलती है दिशाओं कि कहानी संग सौगात दिखाई पडती है लम्हों को दास्तानों कि सोच इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग खयालों कि समझ मिलती है नजारों कि पहचान संग उमंग दिखाई पडती है इरादों को अदाओं कि कोशिश इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अंदाजों कि परख मिलती है तरानों कि पहचान संग आस दिखाई पडती है कदमों को जज्बातों कि परख इरादा देती है।


Sunday 29 January 2023

कविता. ४७०१. इशारों कि सौगात अक्सर।

                                  इशारों कि सौगात अक्सर।

इशारों कि सौगात अक्सर उजालों कि मुस्कान दिलाती है उम्मीदों को कदमों कि सोच एहसास देती है किनारों पर आवाजों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर जज्बातों कि सोच दिलाती है लम्हों को खयालों कि समझ सरगम देती है अफसानों पर अरमानों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर तरानों कि सुबह दिलाती है नजारों को दिशाओं कि कहानी बदलाव देती है कदमों पर एहसासों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर राहों कि कोशिश दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि परख रोशनी देती है किनारों पर अंदाजों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर सपनों कि लहर दिलाती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह तलाश देती है अल्फाजों पर जज्बातों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर अदाओं कि परख दिलाती है लम्हों को लहरों कि सरगम सोच देती है आशाओं पर अरमानों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर इरादों कि सुबह दिलाती है किनारों कि अंदाजों कि आस अल्फाज देती है कदमों पर उजालों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर आशाओं कि लहर दिलाती है नजारों को दिशाओं कि कहानी कोशिश देती है राहों पर अफसानों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर अंदाजों कि आस दिलाती है इरादों को नजारों कि पहचान परख देती है नजारों पर खयालों कि धून दिलाती है।

इशारों कि सौगात अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है सपनों को अरमानों कि सुबह दास्तान देती है उम्मीदों पर आशाओं कि धून दिलाती है।

Saturday 28 January 2023

कविता. ४७००. जज्बात को सपनों कि।

                                        जज्बात को सपनों कि।

जज्बात को सपनों कि आस अल्फाज सुनाती है तरानों कि पहचान से लहरों कि सरगम सहारा देती है किनारों को राहों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि पुकार अरमान सुनाती है लम्हों कि आहट से आशाओं कि अहमियत परख देती है अंदाजों को बदलावों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि कोशिश खयाल सुनाती है राहों कि मुस्कान से दास्तानों कि सौगात तलाश देती है कदमों को अदाओं कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि सुबह पहचान सुनाती है दिशाओं कि समझ से अफसानों कि रोशनी पुकार देती है उम्मीदों को एहसासों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि आवाज सरगम सुनाती है लहरों कि सुबह से दिशाओं कि कहानी एहसास देती है नजारों को इशारों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि रोशनी किनारा सुनाती है कदमों कि लहर से अफसानों कि समझ सौगात देती है दास्तानों को अदाओं कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि परख अल्फाज सुनाती है तरानों कि पुकार से किनारों कि मुस्कान अरमान देती है आशाओं को नजारों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि तलाश अरमान सुनाती है लम्हों कि परख से उजालों कि पुकार अफसाना देती है लहरों को एहसासों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि आस अल्फाज सुनाती है अफसानों कि समझ से राहों कि आहट पहचान देती है खयालों को अरमानों कि धारा देकर जाती है।

जज्बात को सपनों कि लहर एहसास सुनाती है अंदाजों कि आस से किनारों कि मुस्कान आवाज देती है आवाजों को तरानों कि धारा देकर जाती है।

Friday 27 January 2023

कविता. ४६९९. एहसास कोई उमंग कि।

                                      एहसास कोई उमंग कि।

एहसास कोई उमंग कि कहानी बन पाता है आशाओं कि सरगम संग सपनों कि पहचान दिलाता है लम्हों को खयालों कि समझ देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि निशानी बन पाता है लम्हों कि राह संग आशाओं कि तलाश दिलाता है लहरों को इशारों कि सोच देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि सोच बन पाता है जज्बातों कि मुस्कान संग तरानों कि सुबह दिलाता है कदमों को अफसानों कि लहर देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि सौगात बन पाता है इशारों कि सरगम संग आवाजों कि धून दिलाता है किनारों को अल्फाजों कि सोच देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि परख बन पाता है लहरों कि कोशिश संग अंदाजों कि पुकार दिलाता है अंदाजों को बदलावों कि रोशनी देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि सरगम बन पाता है अरमानों कि सुबह संग तरानों कि सोच दिलाता है इशारों को दास्तानों कि पहचान देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि मुस्कान बन पाता है अदाओं कि परख संग बदलावों कि कोशिश दिलाता है आवाजों को किनारों कि आहट देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि रोशनी बन पाता है अल्फाजों कि राह संग आशाओं कि खयाल दिलाता है तरानों को उजालों कि पुकार देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि कोशिश बन पाता है तरानों कि सुबह संग दास्तानों कि परख दिलाता है नजारों को दिशाओं कि सौगात देकर आगे जाता है।

एहसास कोई उमंग कि तलाश बन पाता है इशारों कि समझ संग बदलावों कि सौगात दिलाता है लहरों को अरमानों कि सोच देकर आगे जाता है।

Thursday 26 January 2023

कविता. ४६९८. किनारों को सपनों कि।

                                  किनारों को सपनों कि।

किनारों को सपनों कि लहर कोशिश दिलाती है जज्बातों को कदमों कि आहट पहचान सुनाती है अदाओं को तरानों कि सुबह दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि आस अफसाना दिलाती है लम्हों को इशारों कि सौगात कोशिश सुनाती है इरादों को आशाओं कि सरगम दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि राह खयाल दिलाती है लहरों को नजारों कि सोच अरमान सुनाती है एहसासों को उम्मीदों कि समझ दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि सौगात आवाज दिलाती है जज्बातों को कदमों कि आहट आस सुनाती है लहरों को नजारों कि सोच दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि कोशिश अल्फाज दिलाती है दिशाओं को उजालों कि पुकार राह सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सुबह दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि सोच बदलाव दिलाती है इशारों को लम्हों कि रोशनी अरमान सुनाती है अफसानों को कदमों कि सोच दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि रोशनी मुस्कान दिलाती है आशाओं को खयालों कि लहर आवाज सुनाती है लम्हों को अल्फाजों कि सौगात दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि समझ सहारा दिलाती है लम्हों को इरादों कि कोशिश बदलाव सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि तलाश दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि आस पुकार दिलाती है कदमों को अदाओं कि पुकार कोशिश सुनाती है आवाजों को खयालों कि समझ दास्तान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि परख इशारा दिलाती है उजालों को आशाओं कि सरगम पहचान सुनाती है अंदाजों को इशारों कि राह दास्तान दिलाती है।


Wednesday 25 January 2023

कविता. ४६९७. दिशाओं कि कहानी अक्सर।

                              दिशाओं कि कहानी अक्सर।

दिशाओं कि कहानी अक्सर इशारों कि सौगात अफसाना सुनाती है लम्हों को उजालों कि सुबह अरमान जगाती है कदमों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर बदलावों कि सोच कोशिश सुनाती है तरानों पर एहसासों कि रोशनी बदलाव जगाती है इरादों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर अंदाजों कि आस सुबह सुनाती है आवाजों पर आशाओं कि समझ पहचान जगाती है अरमानों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर सपनों कि राह सरगम सुनाती है उम्मीदों पर अदाओं कि परख कोशिश जगाती है अंदाजों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर नजारों कि समझ सपना सुनाती है लहरों पर उजालों कि समझ पुकार जगाती है किनारों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर दास्तानों कि रोशनी कोशिश सुनाती है नजारों पर अदाओं कि कोशिश सरगम जगाती है जज्बातों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर आशाओं कि तलाश पहचान सुनाती है इशारों पर एहसासों कि सोच सुबह जगाती है तरानों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर अदाओं कि पुकार अरमान सुनाती है एहसासों पर उजालों कि रोशनी बदलाव जगाती है उम्मीदों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर जज्बातों कि सोच अल्फाज सुनाती है लम्हों पर आवाजों कि धून अहमियत जगाती है अफसानों कि आहट दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी अक्सर खयालों कि समझ आवाज सुनाती है तरानों पर अल्फाजों कि मुस्कान तलाश जगाती है किनारों कि आहट दिलाती है।

Tuesday 24 January 2023

कविता. ४६९६. अदाओं कि पुकार जुडकर।

                                अदाओं कि पुकार जुडकर।

अदाओं कि पुकार जुडकर इशारा देती है कदमों को नजारों कि सरगम सहारा देती है जज्बातों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर सुबह देती है किनारों को सपनों कि आस एहसास देती है बदलावों कि राह अक्सर उजालों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर आवाज देती है दास्तानों को तरानों कि राह कोशिश देती है नजारों कि पहचान अक्सर आवाजों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच खयाल देती है आशाओं कि सरगम अक्सर उम्मीदों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर कोशिश देती है लम्हों को खयालों कि मुस्कान अरमान देती है किनारों कि सोच अक्सर इशारों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर अंदाज देती है एहसासों को दिशाओं कि कहानी पहचान देती है कदमों कि आहट अक्सर सपनों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर आस देती है जज्बातों को आशाओं कि तलाश उमंग देती है अफसानों कि समझ अक्सर तरानों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर रोशनी देती है नजारों को राहों कि मुस्कान कोशिश देती है एहसासों कि सौगात अक्सर इरादों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर सपना देती है अल्फाजों को तरानों कि सुबह आवाज देती है नजारों कि आहट अक्सर खयालों कि लहर देती है।

अदाओं कि पुकार जुडकर कोशिश देती है आशाओं को उम्मीदों कि समझ सपना देती है दास्तानों कि परख अक्सर लम्हों कि लहर देती है।

Monday 23 January 2023

कविता. ४६९५. उम्मीद को अदाओं कि।

                                 उम्मीद को अदाओं कि।

उम्मीद को अदाओं कि सौगात अक्सर एहसास दिलाती है कदमों कि आहट से अरमानों कि कोशिश सरगम सुनाती है आशाओं कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि परख अक्सर अल्फाज दिलाती है लम्हों कि पुकार से दास्तानों कि पहचान दास्तान सुनाती है अरमानों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि मुस्कान अक्सर उजाला दिलाती है नजारों कि सोच से दिशाओं कि समझ कोशिश सुनाती है तरानों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि सुबह अक्सर तलाश दिलाती है लहरों कि सरगम से खयालों कि सोच अहमियत सुनाती है बदलावों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि कोशिश अक्सर अंदाज दिलाती है आशाओं कि सोच से आवाजों कि धून पुकार सुनाती है कदमों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि दास्तान अक्सर किनारा दिलाती है अरमानों कि पुकार से कदमों कि आहट पहचान सुनाती है लम्हों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि पहचान अक्सर बदलाव दिलाती है लहरों कि सुबह से अफसानों कि आस सपना सुनाती है खयालों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि पुकार अक्सर उमंग दिलाती है अंदाजों कि सरगम से आवाजों कि धून बदलाव सुनाती है एहसासों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि समझ अक्सर जज्बात दिलाती है आशाओं कि समझ से बदलावों कि सोच आवाज सुनाती है किनारों कि राह दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि रोशनी अक्सर पहचान दिलाती है दास्तानों कि सोच से इशारों कि सरगम सपना सुनाती है जज्बातों कि राह दिलाती है।

Sunday 22 January 2023

कविता. ४६९४. अंदाजों कि मुस्कान अक्सर।

                               अंदाजों कि मुस्कान अक्सर।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर सहारा देती है सपनों कि आहट से अरमानों कि पुकार धाराएं देकर जाती है नजारों कि सोच संग खयाल जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर उमंग देती है लहरों कि सरगम से कदमों कि आहट बदलाव देकर जाती है जज्बातों कि आस संग एहसास जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर तलाश देती है दिशाओं कि पुकार से आवाजों कि धून पहचान देकर जाती है किनारों कि सुबह संग कोशिश जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर सौगात देती है दास्तानों कि परख से इशारों कि समझ सरगम देकर जाती है आशाओं कि सोच किनारा जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर परख देती है कदमों कि आहट से जज्बातों कि सोच परख देकर जाती है इरादों कि सुबह अफसाना जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर इशारा देती है आवाजों कि धून से दास्तानों कि तलाश धारा देकर जाती है दिशाओं कि समझ पहचान जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर बदलाव देती है तरानों कि सुबह से खयालों कि आस अल्फाज देकर जाती है नजारों कि आवाज सरगम जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर सोच देती है कोशिश कि लहर से अफसानों कि रोशनी तलाश देकर जाती है खयालों कि राह बदलाव जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर इरादा देती है कदमों कि आस से एहसासों कि आस सहारा देकर जाती है अरमानों कि पुकार अहमियत जगाती है।

अंदाजों कि मुस्कान अक्सर रोशनी देती है इशारों कि सौगात से दास्तानों कि अदा कोशिश देकर जाती है नजारों कि आस उजाला जगाती है।

Saturday 21 January 2023

कविता. ४६९३. आशाओं कि सरगम से।

                                        आशाओं कि सरगम से।

आशाओं कि सरगम से खयालों संग जुड़कर रोशनी इरादा दिलाती है लम्हों को कदमों कि सोच पहचान देकर जाती है जज्बातों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से अंदाजों संग जुड़कर कोशिश सहारा दिलाती है नजारों को राहों कि परख अरमान देकर जाती है दिशाओं कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से दास्तानों संग जुड़कर आस किनारा दिलाती है लहरों को इशारों कि सौगात बदलाव देकर जाती है आवाजों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से नजारों संग जुड़कर राह परख दिलाती है अरमानों को एहसासों कि सुबह अल्फाज देकर जाती है अंदाजों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से अल्फाजों संग जुड़कर सोच तलाश दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि लहर पुकार देकर जाती है तरानों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से राहों संग जुड़कर सुबह दास्तान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि पहचान अहमियत देकर जाती है इशारों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से अरमानों संग जुड़कर उमंग रोशनी दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ सपना देकर जाती है बदलावों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से जज्बातों संग जुड़कर आस तलाश दिलाती है इरादों को नजारों कि सोच अरमान देकर जाती है दास्तानों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से अदाओं संग जुड़कर राह एहसास दिलाती है दास्तानों को लम्हों कि पुकार सहारा देकर जाती है खयालों कि मुस्कान देती है।

आशाओं कि सरगम से सपनों संग जुड़कर आवाज सौगात दिलाती है अंदाजों को बदलावों कि कोशिश परख देकर जाती है अल्फाजों कि मुस्कान देती है।

Friday 20 January 2023

कविता. ४६९२. तरानों कि कहानी।

                                    तरानों कि कहानी।

तरानों कि कहानी सांसों कि सरगम देती है कदमों कि आहट अक्सर अरमानों कि सोच सुनाती है लम्हों को नजारों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी आस कि सुबह देती है किनारों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों कि लहर सुनाती है दास्तानों को एहसासों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी दिशाओं कि तलाश देती है खयालों कि समझ अक्सर जज्बातों कि सौगात सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी राहों कि आवाज देती है लम्हों कि पुकार अक्सर उजालों कि अहमियत सुनाती है आशाओं को अदाओं कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी नजारों कि सोच देती है लहरों कि सरगम अक्सर आवाजों कि धून सुनाती है अफसानों को अल्फाजों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी दास्तानों कि राह देती है इशारों कि सुबह अक्सर अरमानों कि पुकार सुनाती है दिशाओं को कदमों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी कदमों कि सौगात देती है अंदाजों कि आस अक्सर दास्तानों कि परख सुनाती है बदलावों को उजालों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी किनारों कि मुस्कान देती है अदाओं कि परख अक्सर नजारों कि सुबह सुनाती है लहरों को इशारों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी दास्तानों कि कोशिश देती है आशाओं कि सुबह अक्सर आवाजों कि सोच सुनाती है आवाजों को बदलावों कि पहचान दिलाती है।

तरानों कि कहानी अरमानों कि पुकार देती है जज्बातों कि सोच अक्सर उजालों कि पहचान सुनाती है लहरों को उम्मीदों कि पहचान दिलाती है।

Thursday 19 January 2023

कविता. ४६९१. राहों से मिलकर कोई नन्ही सी।

                             राहों से मिलकर कोई नन्ही सी।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी सरगम एक उजाला देती है आसमान कि पुकार इशारा देती है सपनों को एहसासों कि रोशनी धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी तलाश एक नजारा देती है लम्हों कि पहचान कोशिश देती है कदमों को उजालों कि सुबह धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी सोच एक तराना देती है दास्तानों कि परख सहारा देती है नजारों को दिशाओं कि कहानी धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी सुबह एक खयाल देती है कदमों कि आहट अफसाना देती है जज्बातों को अरमानों कि सौगात धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी पुकार एक परख देती है उजालों कि आस एहसास देती है बदलावों को दिशाओं कि अहमियत धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी सौगात एक तलाश देती है उम्मीदों कि समझ मुस्कान देती है तरानों को खयालों कि उमंग धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी आस एक अल्फाज देती है किनारों कि आहट तलाश देती है आवाजों को बदलावों कि कोशिश धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी सरगम एक उमंग देती है अल्फाजों कि सोच अदा देती है नजारों को अंदाजों कि पुकार धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी आहट एक सपना देती है नजारों कि पहचान आवाज देती है कदमों को एहसासों कि रोशनी धारा देती है।

राहों से मिलकर कोई नन्ही सी पहचान एक किनारा  देती है अंदाजों कि परख रोशनी देती है खयालों को आशाओं कि तलाश धारा देती है।


Wednesday 18 January 2023

कविता. ४६९०. किनारों को अल्फाजों कि।

                                किनारों को अल्फाजों कि।

किनारों को अल्फाजों कि परख रोशनी दिलाती है लम्हों कि तलाश अफसाना सुनाती है जज्बातों से जुड़कर राहों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि आवाज आस दिलाती है नजारों कि पहचान अरमान सुनाती है उजालों से जुड़कर उम्मीदों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि कोशिश तराना दिलाती है लहरों कि सुबह दास्तान सुनाती है उम्मीदों से जुड़कर आशाओं कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि आहट खयाल दिलाती है कदमों कि सोच बदलाव सुनाती है लम्हों से जुड़कर तरानों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि सुबह दास्तान दिलाती है अरमानों कि पुकार पहचान सुनाती है अंदाजों से जुड़कर बदलावों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि राह कोशिश दिलाती है अंदाजों कि आस खयाल सुनाती है आवाजों से जुड़कर उजालों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि सौगात आस दिलाती है कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है आशाओं से जुड़कर खयालों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि समझ सरगम दिलाती है जज्बातों कि राह खयाल सुनाती है लहरों से जुड़कर आवाजों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि रोशनी परख दिलाती है लम्हों कि पुकार अरमान सुनाती है दिशाओं से जुड़कर दास्तानों कि मुस्कान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों कि आस बदलाव दिलाती है लहरों कि सरगम सुबह सुनाती है दास्तानों से जुड़कर एहसासों कि मुस्कान दिलाती है।

Tuesday 17 January 2023

कविता. ४६८९. सपनों कि सुबह से।

                                           सपनों कि सुबह से।

सपनों कि सुबह से मुस्कान को तलाश दिलाती है दास्तानों से आशाओं कि सरगम पुकार सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से आस को इशारा दिलाती है लहरों से अंदाजों कि परख पहचान सुनाती है इरादों को अदाओं कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से जज्बात को कोशिश दिलाती है लम्हों को अरमानों कि लहर अहमियत सुनाती है तरानों को अरमानों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से किनारा को उमंग दिलाती है दिशाओं को कदमों कि आस एहसास सुनाती है नजारों को आवाजों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से अंदाज को रोशनी दिलाती है तरानों को उम्मीदों कि आवाज कोशिश सुनाती है उजालों को लहरों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से आवाज को धून दिलाती है जज्बातों को दिशाओं कि कहानी बदलाव सुनाती है आशाओं को कदमों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से परख को अल्फाज दिलाती है राहों को किनारों कि सोच सरगम सुनाती है एहसासों को उम्मीदों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से सौगात को अरमान दिलाती है नजारों को दास्तानों कि परख पहचान सुनाती है उजालों को दिशाओं कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से कोशिश को आस दिलाती है लम्हों को अल्फाजों कि आवाज पुकार सुनाती है जज्बातों को किनारों कि समझ सुनाती है।

सपनों कि सुबह से अरमान को बदलाव दिलाती है अदाओं को तरानों कि सोच आवाज सुनाती है एहसासों को इशारों कि समझ सुनाती है।

Monday 16 January 2023

कविता. ४६८८. तरानों कि आहट।

                                        तरानों कि आहट।

तरानों कि आहट कदमों के इशारे देती है सपनों कि पहचान अक्सर अंदाजों कि कहानी देती है आशाओं को बदलावों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट दिशाओं के सहारे देती है लम्हों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि कोशिश देती है जज्बातों को किनारों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट दास्तानों के अफसाने देती है आशाओं कि राह अक्सर खयालों कि तलाश देती है इरादों को नजारों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट उजालों के किनारे देती है लहरों कि सरगम अक्सर आवाजों कि धून देती है अरमानों को दास्तानों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट उम्मीदों के नजारे देती है दास्तानों कि सुबह अक्सर दिशाओं कि कहानी देती है आवाजों को अदाओं कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट जज्बातों के इरादे देती है अंदाजों कि तलाश अक्सर दास्तानों कि पुकार देती है कदमों को खयालों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट खयालों के दास्ताने देती है कदमों कि आस अक्सर अरमानों कि सुबह देती है एहसासों को दिशाओं कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट आशाओं के उम्मीदे देती है खयालों कि समझ अक्सर बदलावों कि सौगात देती है अंदाजों को जज्बातों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट आवाजों के तराने देती है एहसासों कि रोशनी अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान देती है इशारों को अफसानों कि निशानी देती है।

तरानों कि आहट अरमानों के लहरे देती है किनारों कि सौगात अक्सर इरादों कि पहचान देती है बदलावों को अल्फाजों कि निशानी देती है।

Sunday 15 January 2023

कविता. ४६८७. उमंग को कदमों कि।

                                         उमंग को कदमों कि।

उमंग को कदमों कि सोच एहसास दिलाती है लहरों कि सरगम से खयालों कि तलाश सहारा देती है किनारों को सपनों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि आस अल्फाज दिलाती है लम्हों कि पुकार से आवाजों कि धून जज्बात देती है राहों को अंदाजों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि परख रोशनी दिलाती है तरानों कि सुबह से सपनों कि सौगात इशारा देती है अफसानों को अल्फाजों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि राह अरमान दिलाती है नजारों कि सोच से एहसासों कि समझ सपना देती है तरानों को उजालों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि आवाज तलाश दिलाती है बदलावों कि पुकार से आशाओं कि सरगम परख देती है अदाओं को दिशाओं कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि सरगम अहमियत दिलाती है खयालों कि समझ से अंदाजों कि रोशनी लहर देती है आशाओं को बदलावों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि मुस्कान अदा दिलाती है अंदाजों कि आस से इशारों कि समझ आवाज देती है किनारों को जज्बातों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि सुबह खयाल दिलाती है सपनों कि लहर से अफसानों कि रोशनी बदलाव देती है इशारों को लम्हों कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि दास्तान समझ दिलाती है अदाओं कि परख से तरानों कि पहचान इशारा देती है दिशाओं को आशाओं कि कोशिश सुनाती है।

उमंग को कदमों कि तलाश बदलाव दिलाती है लहरों कि सुबह से सपनों कि आस सरगम देती है किनारों को अल्फाजों कि कोशिश सुनाती है।

Saturday 14 January 2023

कविता. ४६८६. किनारों को सपनों कि।

                                किनारों को सपनों कि।

किनारों को सपनों कि पुकार सहारा दिलाती है खयालों कि कोशिश से अरमानों संग सोच सुनाती है लम्हों को दास्तानों कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि लहर अफसाना दिलाती है लहरों कि सरगम से अंदाजों संग इशारा सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि समझ अल्फाज दिलाती है नजारों कि सोच से एहसासों संग मुस्कान सुनाती है जज्बातों को कदमों कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि कोशिश आस दिलाती है दिशाओं कि समझ से खयालों संग अरमान सुनाती है उजालों को आशाओं कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि आवाज बदलाव दिलाती है लहरों कि सुबह से इरादों संग आस सुनाती है कदमों को अदाओं कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि सरगम दास्तान दिलाती है उम्मीदों कि लहर से अफसानों संग बदलाव सुनाती है तरानों को अरमानों कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि परख खयाल दिलाती है लम्हों कि पुकार से आवाजों संग पुकार सुनाती है नजारों को दिशाओं कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि सोच तलाश दिलाती है राहों कि कहानी से एहसासों संग मुस्कान सुनाती है इरादों को आशाओं कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि सुबह अदा दिलाती है बदलावों कि सौगात से नजारों संग जज्बात सुनाती है लम्हों को खयालों कि पहचान दिलाती है।

किनारों को सपनों कि पुकार कोशिश दिलाती है आशाओं कि समझ से इशारों संग आहट सुनाती है अंदाजों को दिशाओं कि पहचान दिलाती है।

Friday 13 January 2023

कविता. ४६८५. एहसासों कि रोशनी से।

                                     एहसासों कि रोशनी से।

एहसासों कि रोशनी से जज्बातों कि सोच कोशिश सुनाती है कदमों कि आहट अक्सर अरमानों कि मुस्कान दिलाती है अदाओं कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से आशाओं कि सरगम खयाल सुनाती है नजारों कि पहचान अक्सर अंदाजों कि आस दिलाती है किनारों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से अंदाजों कि सुबह अफसाना सुनाती है अल्फाजों कि परख अक्सर आशाओं कि समझ दिलाती है लहरों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से आवाजों कि धून पुकार सुनाती है दिशाओं कि कहानी अक्सर बदलावों कि कोशिश दिलाती है राहों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से दिशाओं कि कहानी सपना सुनाती है दास्तानों कि तलाश अक्सर आशाओं कि अहमियत दिलाती है लम्हों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से कदमों कि आहट सरगम सुनाती है किनारों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि बदलाव दिलाती है इशारों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से तरानों कि उमंग पहचान सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर अरमानों कि आहट दिलाती है उजालों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से अल्फाजों कि रोशनी सहारा सुनाती है उम्मीदों कि पहचान अक्सर आवाजों कि खयाल‌ दिलाती है दिशाओं कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से खयालों कि सोच कोशिश सुनाती है तरानों कि सुबह अक्सर अल्फाजों कि तलाश दिलाती है अंदाजों कि सौगात देती है।

एहसासों कि रोशनी से अंदाजों कि राह पुकार सुनाती है कदमों कि आहट अक्सर किनारों कि पहचान दिलाती है लम्हों कि सौगात देती है।

Thursday 12 January 2023

कविता. ४६८४. इशारों कि आहट से।

                                     इशारों कि आहट से।

इशारों कि आहट से कदमों कि पुकार सहारा देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात इरादा देती है आवाजों को राहों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से किनारों कि मुस्कान कोशिश देती है तरानों को अरमानों कि सुबह खयाल देती है कदमों को अदाओं कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से आशाओं कि सरगम बदलाव देती है नजारों को अंदाजों कि परख पहचान देती है दास्तानों को एहसासों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से अदाओं कि परख अफसाना देती है अल्फाजों को उजालों कि पुकार आस देती है अंदाजों को बदलावों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से आवाजों कि धून पुकार देती है लम्हों को खयालों कि मुस्कान किनारा देती है अरमानों को सपनों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से अंदाजों कि आस सरगम देती है उम्मीदों को जज्बातों कि सोच परख देती है नजारों को दिशाओं कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से तरानों कि सोच तलाश देती है किनारों को सपनों कि पहचान खयाल देती है उजालों को अफसानों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से खयालों कि समझ तराना‌ देती है उजालों को बदलावों कि सौगात अरमान देती है अंदाजों को खयालों कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से लहरों कि सरगम कोशिश देती है अदाओं को अल्फाजों कि मुस्कान तलाश देती है नजारों को दिशाओं कि धारा देती है।

इशारों कि आहट से आवाजों कि धून पहचान देती है कदमों को उजालों कि पुकार आस देती है एहसासों को बदलावों कि धारा देती है।

Wednesday 11 January 2023

कविता. ४६८३. कदमों कि सोच से।

                                        कदमों कि सोच से।

कदमों कि सोच से इशारों कि आहट एहसास सुनाती है तरानों को अरमानों कि पुकार आस दिलाती है लम्हों को खयालों कि मुस्कान नजारा देती है।

कदमों कि सोच से दिशाओं कि समझ आवाज सुनाती है लम्हों को खयालों कि कोशिश तलाश दिलाती है आशाओं को राहों कि पहचान नजारा देती है।

कदमों कि सोच से लहरों कि सरगम अदा सुनाती है दास्तानों को दिशाओं कि कहानी अफसाना दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि परख नजारा देती है।

कदमों कि सोच से अदाओं कि कोशिश तलाश सुनाती है आवाजों को राहों कि समझ सरगम दिलाती है खयालों को इशारों कि सौगात नजारा देती है।

कदमों कि सोच से दास्तानों कि परख पहचान सुनाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात अंदाज दिलाती है तरानों को उजालों कि समझ नजारा देती है।

कदमों कि सोच से एहसासों कि सुबह दास्तान सुनाती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच राह दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि कहानी नजारा देती है।

कदमों कि सोच से अरमानों कि पुकार किनारा सुनाती है आवाजों को राहों कि समझ कहानी दिलाती है लहरों को जज्बातों कि आस नजारा देती है।

कदमों कि सोच से किनारों कि मुस्कान अल्फाज सुनाती है उजालों को बदलावों कि सोच खयाल दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि कहानी नजारा देती है।

कदमों कि सोच से खयालों कि रोशनी लहर सुनाती है इशारों को दिशाओं कि कोशिश अरमान दिलाती है तरानों को उजालों कि बदलाव नजारा देती है।

कदमों कि सोच से आवाजों कि धून पहचान सुनाती है अरमानों को अदाओं कि परख अहमियत दिलाती है उम्मीदों को किनारों कि सुबह नजारा देती है।

Tuesday 10 January 2023

कविता. ४६८२. आवाज कि पुकार से।

                                आवाज कि पुकार से।

आवाज कि पुकार से सपनों कि लहर अल्फाज दिलाती है कदमों कि सोच संग नजारों कि सौगात खयाल सुनाती है बदलावों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से दिशाओं कि समझ अरमान दिलाती है उजालों कि पहचान संग राहों कि सोच बदलाव सुनाती है अंदाजों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से दास्तानों कि परख सुबह दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान संग तरानों कि पहचान इशारा सुनाती है अदाओं कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से आशाओं कि सरगम आस दिलाती है लम्हों कि रोशनी संग एहसासों कि समझ अल्फाज सुनाती है लहरों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से राहों कि सौगात अफसाना दिलाती है दास्तानों कि परख संग खयालों कि मुस्कान पहचान सुनाती है आशाओं कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से बदलावों कि सोच आस दिलाती है अंदाजों कि अदा संग दास्तानों कि राह अहमियत सुनाती है तरानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से लहरों कि समझ किनारा दिलाती है नजारों कि सोच संग अरमानों कि पुकार अल्फाज सुनाती है सपनों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से अंदाजों कि परख रोशनी दिलाती है लम्हों कि पहचान संग उजालों कि आस बदलाव सुनाती है अरमानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से तरानों कि सौगात आस दिलाती है बदलावों कि सौगात संग अल्फाजों कि तलाश खयाल सुनाती है दास्तानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि पुकार से नजारों कि सुबह तराना दिलाती है लहरों कि सरगम संग सपनों कि अफसाना इरादा सुनाती है उजालों कि कोशिश देती है।

Monday 9 January 2023

कविता. ४६८१. तरानों कि पहचान अक्सर।

                             तरानों कि पहचान अक्सर।

तरानों कि पहचान अक्सर आशाओं कि सरगम सुनाती है नजारों को जज्बातों कि सोच से एहसास दिलाती है लम्हों कि सौगात संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर आवाजों कि धून सुनाती है इशारों को दास्तानों कि परख से अफसाना दिलाती है जज्बातों कि सोच संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर अंदाजों कि पुकार सुनाती है लहरों को इशारों कि समझ से सपना दिलाती है अरमानों कि आहट संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर एहसासों कि पहचान सुनाती है उजालों को बदलावों कि सोच से कोशिश दिलाती है नजारों कि सोच संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर जज्बातों कि आहट सुनाती है अंदाजों को आशाओं कि सरगम से किनारा दिलाती है बदलावों कि सुबह संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर दिशाओं कि कहानी सुनाती है लम्हों को खयालों कि सौगात से अल्फाज दिलाती है उजालों कि कोशिश संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर राहों कि मुस्कान सुनाती है अरमानों को दिशाओं कि कहानी से तलाश दिलाती है दास्तानों कि परख संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर आवाजों कि धून सुनाती है आशाओं को बदलावों कि सौगात से कोशिश दिलाती है जज्बातों कि राह संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर अंदाजों कि पुकार सुनाती है लहरों को इशारों कि समझ से अहमियत दिलाती है किनारों कि मुस्कान संग आस सुनाती है।

तरानों कि पहचान अक्सर अदाओं कि सरगम सुनाती है उजालों को सपनों कि परख से इरादा दिलाती है लहरों कि सुबह संग आस सुनाती है।

Sunday 8 January 2023

कविता. ४६८०. उम्मीद को अदाओं कि।

                                    उम्मीद को अदाओं कि।

उम्मीद को अदाओं कि आहट पहचान सुनाती है सरगम संग सपनों कि कोशिश अरमान जगाती है इशारों कि सौगात से नजारों कि सुबह आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि राह कोशिश सुनाती है लम्हों संग खयालों कि समझ सपना जगाती है लहरों कि सुबह से एहसासों कि रोशनी आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि आवाज सरगम सुनाती है किनारों संग अंदाजों कि परख तलाश जगाती है बदलावों कि सोच से आवाजों कि धून आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि पहचान इशारा सुनाती है कोशिश संग अदाओं कि सौगात अल्फाज जगाती है तरानों कि सरगम से दिशाओं कि समझ आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि कोशिश एहसास सुनाती है उम्मीद संग किनारों कि मुस्कान अफसाना जगाती है नजारों कि राह से आशाओं कि सोच आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि रोशनी तलाश सुनाती है आवाज संग इशारों कि समझ सपना जगाती है किनारों कि मुस्कान से अंदाजों कि परख आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि सुबह दास्तान सुनाती है अंदाजों संग अरमानों कि पुकार बदलाव जगाती है जज्बातों कि राह से आवाजों कि धून आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि सरगम किनारा सुनाती है लम्हों संग आशाओं कि सुबह कोशिश जगाती है खयालों कि समझ से कदमों कि आहट आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि आहट पहचान सुनाती है लहरों संग किनारों कि मुस्कान आवाज जगाती है नजारों कि रोशनी से जज्बातों कि समझ आस दिलाती है।

उम्मीद को अदाओं कि परख एहसास सुनाती है नजारों संग आवाजों कि सौगात सपना जगाती है इशारों कि समझ से दास्तानों कि राह आस दिलाती है।

Saturday 7 January 2023

कविता. ४६७९. खयालों कि राह से।

                                        खयालों कि राह से।

खयालों कि राह से जुड़कर आस किनारा दिलाती है कदमों कि आहट पर आशाओं कि सरगम इशारा सुनाती है लम्हों को दास्तानों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर तलाश कोशिश दिलाती है नजारों कि सोच पर अरमानों कि आस एहसास सुनाती है इशारों को लम्हों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर मुस्कान अरमान दिलाती है लहरों कि सरगम पर आवाजों कि धून राह सुनाती है किनारों को सपनों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर आवाज सौगात दिलाती है तरानों कि सुबह पर अंदाजों कि परख दास्तान सुनाती है कदमों को अदाओं कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर रोशनी तलाश दिलाती है उजालों कि तलाश पर किनारों कि पुकार उमंग सुनाती है तरानों को अरमानों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर सरगम दास्तान दिलाती है जज्बातों कि समझ पर एहसासों कि रोशनी आस सुनाती है दिशाओं को कदमों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर रोशनी पहचान दिलाती है लहरों कि सरगम पर अल्फाजों कि सौगात तलाश सुनाती है लम्हों को दास्तानों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर सुबह इरादा दिलाती है कदमों कि आहट पर आशाओं कि सरगम कोशिश सुनाती है नजारों को अंदाजों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर एहसास बदलाव दिलाती है इशारों कि पुकार पर उजालों कि परख अदा सुनाती है दिशाओं को किनारों कि धारा दिलाती है।

खयालों कि राह से जुड़कर पहचान सपना दिलाती है आशाओं कि तलाश पर किनारों कि सोच उमंग सुनाती है लहरों को नजारों कि धारा दिलाती है।

Friday 6 January 2023

कविता. ४६७८. इशारों कि सौगात से।

                                         इशारों कि सौगात से।

इशारों कि सौगात से दास्तानों कि समझ एहसास सुनाती है उम्मीदों कि सोच अक्सर दिशाओं कि तलाश संग कहानी दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से अरमानों कि सुबह कोशिश सुनाती है लम्हों कि पुकार अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान संग खयाल दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से नजारों कि सोच तराना सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर एहसासों कि रोशनी संग अफसाना दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से जज्बातों कि रोशनी दास्तान सुनाती है अदाओं कि परख अक्सर उजालों कि सुबह संग कदम दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से अंदाजों कि आस सरगम सुनाती है आवाजों कि लहर अक्सर आशाओं कि पुकार संग सुबह दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से कदमों कि आहट सपना सुनाती है लम्हों कि पुकार अक्सर दिशाओं कि कहानी संग बदलाव दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से किनारों कि मुस्कान अरमान सुनाती है इरादों कि राह अक्सर नजारों कि सोच संग पहचान दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से अल्फाजों कि सुबह खयाल सुनाती है तरानों कि मुस्कान अक्सर आवाजों कि धून संग कोशिश दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से नजारों कि सोच अफसाना सुनाती है लहरों कि सुबह अक्सर दास्तानों कि परख संग पुकार दिलाकर आगे जाती है।

इशारों कि सौगात से खयालों कि राह कोशिश सुनाती है किनारों कि सोच अक्सर उम्मीदों कि पहचान संग तलाश दिलाकर आगे जाती है।

Thursday 5 January 2023

कविता. ४६७७. सपनों कि आवाज से।

                                      सपनों कि आवाज से।

सपनों कि आवाज से इरादों कि पहचान तराना देती है कदमों से जज्बातों कि पुकार कोशिश सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से राहों कि मुस्कान पुकार देती है किनारों से एहसासों कि आहट उमंग सुनाती है इरादों को अदाओं कि सौगात अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से कदमों कि आहट खयाल देती है आशाओं से दास्तानों कि आस सरगम सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सोच अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से किनारों कि सोच तलाश देती है दिशाओं से तरानों कि पुकार पहचान सुनाती है दिशाओं को उजालों कि सुबह अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से दास्तानों कि सौगात बदलाव देती है उम्मीदों से अरमानों कि सुबह आस सुनाती है नजारों को दास्तानों कि सोच अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से एहसासों कि रोशनी इरादा देती है कदमों से खयालों कि समझ पहचान सुनाती है अल्फाजों को राहों कि मुस्कान अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से तरानों कि पुकार आस देती है बदलावों से आशाओं कि कोशिश सोच सुनाती है अंदाजों को कदमों कि सरगम अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से लहरों कि सुबह कोशिश देती है उम्मीदों से तरानों कि सौगात तलाश सुनाती है इशारों को आशाओं कि सुबह अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से जज्बातों कि पुकार अरमान देती है कदमों से नजारों कि राह खयाल सुनाती है अदाओं को लहरों कि परख अफसाना दिलाती है।

सपनों कि आवाज से किनारों कि उमंग पहचान देती है एहसासों से दिशाओं कि रोशनी आस सुनाती है खयालों को अंदाजों कि अदा अफसाना दिलाती है।


Wednesday 4 January 2023

कविता. ४६७६. इशारों कि सरगम।

                                         इशारों कि सरगम।

इशारों कि सरगम तलाश सुनाती है लम्हों को खयालों कि समझ आवाज दिलाती है नजारों से उजालों कि पुकार आस देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम कोशिश सुनाती है लहरों को नजारों कि सोच सरगम दिलाती है दास्तानों से जज्बातों कि मुस्कान खयाल देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम सुबह सुनाती है तरानों को अरमानों कि सौगात रोशनी दिलाती है राहों से आशाओं कि कोशिश आहट देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम सपना सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि सुबह किनारा दिलाती है दिशाओं से आवाजों कि धून परख देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम किनारा सुनाती है राहों को अदाओं कि परख अफसाना दिलाती है लहरों से आशाओं कि समझ कोशिश देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम आवाज सुनाती है कदमों को उजालों कि सौगात कोशिश दिलाती है तरानों से उम्मीदों कि सोच अरमान देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम अंदाज सुनाती है किनारों को दिशाओं कि समझ कहानी दिलाती है लहरों से दास्तानों कि परख बदलाव देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम नजारा सुनाती है खयालों को अंदाजों कि आस पहचान दिलाती है जज्बातों से अल्फाजों कि मुस्कान सौगात देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम परख सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट उमंग दिलाती है सपनों से एहसासों कि रोशनी अहमियत देकर आगे बढती जाती है।

इशारों कि सरगम राह सुनाती है तरानों को इरादों कि सुबह कोशिश दिलाती है लहरों से दिशाओं कि कहानी पहचान देकर आगे बढती जाती है।


Tuesday 3 January 2023

कविता. ४६७५. खयालों कि मुस्कान से।

                                       खयालों कि मुस्कान से।

खयालों कि मुस्कान से बदलावों कि तलाश अंदाज सुनाती है तरानों को अरमानों कि सुबह जगाती है लम्हों कि आस सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से किनारों कि सुबह राह सुनाती है आवाजों को अदाओं कि परख जगाती है लहरों कि राह सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से जज्बातों कि समझ कोशिश सुनाती है कदमों को आवाजों कि धून जगाती है दास्तानों कि पुकार सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से दास्तानों कि परख आस सुनाती है दिशाओं को कदमों कि आहट जगाती है नजारों कि समझ सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से तरानों कि अफसाना पुकार सुनाती है लम्हों को किनारों कि अहमियत जगाती है इशारों कि रोशनी सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से आशाओं कि आवाज सोच सुनाती है नजारों को दिशाओं कि आस जगाती है किनारों कि सोच सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से अंदाजों कि उमंग तलाश सुनाती है लम्हों को बदलावों कि पहचान जगाती है उजालों कि सरगम सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से दिशाओं कि समझ इरादा सुनाती है नजारों को राहों कि कोशिश जगाती है तरानों कि आवाज सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से उम्मीदों कि पुकार कोशिश सुनाती है अल्फाजों को उजालों कि समझ जगाती है कदमों कि आहट सपना सुनाती है।

खयालों कि मुस्कान से इशारों कि रोशनी एहसास सुनाती है तरानों को अरमानों कि लहर जगाती है आवाजों कि धून सपना सुनाती है।

Monday 2 January 2023

कविता. ४६७४. लहरों को इशारों कि।

                                         लहरों को इशारों कि।

लहरों को इशारों कि सौगात किनारा दिलाती है खयालों कि समझ अक्सर पहचान दिलाती है कदमों कि आहट से अरमान जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात कोशिश दिलाती है अंदाजों कि आस अक्सर परख दिलाती है किनारों कि सोच से अल्फाज जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात रोशनी दिलाती है जज्बातों कि कोशिश अक्सर बदलाव दिलाती है नजारों कि सौगात से सुबह जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात तलाश दिलाती है अदाओं कि परख अक्सर अफसाना दिलाती है उजालों कि राह से सरगम जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात तराना दिलाती है दास्तानों कि सोच अक्सर कोशिश दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान से आवाज जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात आस दिलाती है आवाजों कि धून अक्सर पहचान दिलाती है किनारों कि अहमियत से उम्मीद जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात सपना दिलाती है लम्हों कि पुकार अक्सर दास्तान दिलाती है कदमों कि पहचान से उजाला जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात उमंग दिलाती है दिशाओं कि समझ अक्सर तलाश दिलाती है दास्तानों कि परख से आस जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात इरादा दिलाती है राहों कि मुस्कान अक्सर अफसाना दिलाती है किनारों कि पहचान से अंदाज जगाती है।

लहरों को इशारों कि सौगात पुकार दिलाती है नजारों कि रोशनी अक्सर उमंग दिलाती है बदलावों कि रोशनी से कोशिश जगाती है।

Sunday 1 January 2023

कविता. ४६७३. उजाले को आशाओं कि!

                                 उजाले को आशाओं कि।

उजाले को आशाओं कि सरगम दिशाएं देती है नजारों कि पहचान से आवाजों कि आस पुकार देती है लहरों कि सुबह एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि कोशिश सहारा देती है अरमानों कि सौगात से दास्तानों कि तलाश इशारा देती है जज्बातों कि सोच एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि आस पहचान देती है तरानों कि आहट से अफसानों कि समझ सपना देती है किनारों कि मुस्कान एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि राह खयाल देती है कदमों कि राह से उम्मीदों कि सरगम अदा देती है अल्फाजों कि आवाज एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि सोच आवाज देती है अंदाजों कि परख से बदलावों कि कोशिश उमंग देती है अफसानों कि रोशनी एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि उम्मीद मुस्कान देती है आवाजों कि धून से नजारों कि पहचान इरादा देती है खयालों कि समझ एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि सरगम इरादा देती है जज्बातों कि सोच से दिशाओं कि कहानी कोशिश देती है अदाओं कि सौगात एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि तलाश किनारा देती है नजारों कि सौगात से इशारों कि रोशनी आस देती है कदमों कि पहचान एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि राह अरमान देती है जज्बातों कि समझ से बदलावों कि सोच आवाज देती है अंदाजों कि आस एहसास दिलाती है।

उजाले को आशाओं कि परख रोशनी देती है इरादों कि सौगात से अल्फाजों कि कहानी अरमान देती है नजारों कि परख एहसास दिलाती है।

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...