Monday, 30 January 2023

कविता. ४७०२. आशाओं कि पुकार संग।

                                 आशाओं कि पुकार संग।

आशाओं कि पुकार संग एहसासों कि महफ़िल चलती है उम्मीद कि दिशाओं संग मुस्कान सुनाई पडती है कोशिश को कदमों कि पहचान इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग खयालों कि समझ मिलती है एहसास कि कोशिश संग रोशनी दिखाई पडती है लम्हों को दास्तानों कि परख इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग जज्बातों कि सोच मिलती है बदलाव कि समझ संग सरगम सुनाई पडती है किनारों को अल्फाजों कि तलाश इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अंदाजों कि परख मिलती है नजारों कि सोच संग तलाश दिखाई पडती है इरादों को अदाओं कि सौगात इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग दिशाओं कि सुबह मिलती है लम्हों कि आहट संग अदा दिखाई पडती है जज्बातों को अंदाजों कि पहचान इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग दास्तानों कि राह मिलती है लहरों कि सौगात संग कोशिश दिखाई पडती है उजालों को तरानों कि आस इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अरमानों कि आस मिलती है राहों कि मुस्कान संग आहट सुनाई पडती है दिशाओं को बदलावों कि रोशनी इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अल्फाजों कि लहर मिलती है दिशाओं कि कहानी संग सौगात दिखाई पडती है लम्हों को दास्तानों कि सोच इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग खयालों कि समझ मिलती है नजारों कि पहचान संग उमंग दिखाई पडती है इरादों को अदाओं कि कोशिश इरादा देती है।

आशाओं कि पुकार संग अंदाजों कि परख मिलती है तरानों कि पहचान संग आस दिखाई पडती है कदमों को जज्बातों कि परख इरादा देती है।


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