Wednesday, 16 March 2022

कविता. ४३८३. अंदाजों कि पहचान अक्सर।

                                                       अंदाजों कि पहचान अक्सर।

अंदाजों कि पहचान अक्सर एहसास सुनाती है सपनों कि आहट संग आशाओं कि कोशिश अरमान जगाती है पुकार से मन कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर कोशिश सुनाती है नजारों कि सुबह संग आवाजों कि धून एहसास जगाती है रोशनी से परख कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर जज्बात सुनाती है राहों कि तलाश संग दिशाओं कि उमंग पुकार जगाती है लहर से सरगम कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर नजारा सुनाती है इशारों कि उम्मीद संग अल्फाजों कि सोच इरादा जगाती है कदमों से खयाल कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर मुस्कान सुनाती है दिशाओं कि सौगात संग अदाओं कि समझ सोच जगाती है लम्हों से किनारों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर तराना सुनाती है अदाओं कि समझ संग खयालों कि परख कोशिश जगाती है आवाजों से इशारों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर परख सुनाती है आशाओं कि रोशनी संग अरमानों कि सौगात खयाल जगाती है किनारों से लम्हों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर अरमान सुनाती है लहरों कि कोशिश संग राहों कि तलाश बदलाव जगाती है दास्तानों से कदमों कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर अल्फाज सुनाती है आवाजों कि धून संग लहरों कि पुकार सरगम जगाती है कोशिश से दिशाओं कि आस दिलाती है।

अंदाजों कि पहचान अक्सर सुबह सुनाती है दास्तानों कि कोशिश संग अरमानों कि लहर बदलाव जगाती है इशारों से समझ कि आस दिलाती है।

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