Tuesday, 26 July 2022

कविता. ४५१४. उजालों से इरादों कि।


                                        ‌‌ उजालों से इरादों कि।

उजालों से इरादों कि लहर कोशिश देती है जज्बातों को दिशाओं कि सौगात सहारा देती है धाराओं को अंदाजों कि रोशनी आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि मुस्कान रोशनी देती है कदमों को आवाजों कि धून एहसास देती है किनारों को अरमानों कि सुबह आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सौगात किनारा देती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग पुकार देती है उम्मीदों को बदलावों कि सोच आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि तलाश खयाल देती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान सहारा देती है लम्हों को आवाजों कि धून आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि कोशिश अरमान देती है अदाओं को कदमों कि आहट अफसाना देती है दिशाओं को एहसासों कि कहानी आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सोच दास्तान देती है किनारों को आशाओं कि तलाश खयाल देती है अंदाजों को अफसानों कि पहचान आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि परख आवाज देती है उम्मीदों को इशारों कि सोच अरमान देती है खयालों को तरानों कि अल्फाज आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि सुबह एहसास देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात कोशिश देती है लहरों को आशाओं कि परख आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि मुस्कान बदलाव देती है दिशाओं को जज्बातों कि लहर दास्तान देती है लम्हों को कदमों कि आहट आस जगाती है।

उजालों से इरादों कि पुकार अल्फाज देती है किनारों को आशाओं कि सौगात तराना देती है अंदाजों को खयालों कि उम्मीद आस जगाती है।

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