Thursday, 28 July 2022

कविता. ४५१६. तरानों को अंदाजों कि।

                                  तरानों को अंदाजों कि।

तरानों को अंदाजों कि राह अरमान दिलाती है उम्मीदों का इशारा देती है उम्मीद से जुड़कर आशाओं कि पहचान मुस्कान कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि लहर अल्फाज दिलाती है अदाओं का सहारा देती है उमंग से मिलकर दास्तानों कि लहर कोशिश कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि उम्मीद सुबह दिलाती है दिशाओं का किनारा देती है राहों से जुड़कर कदमों कि आस आवाजों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि सोच इरादा दिलाती है जज्बातों का एहसास देती है उजालों से मिलकर अदाओं कि समझ दास्तानों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि सौगात आस दिलाती है उजालों का बदलाव देती है जज्बातों से जुड़कर आशाओं कि रोशनी नजारों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि पुकार अल्फाज दिलाती है नजारों का अफसाना देती है किनारों से मिलकर आवाजों कि धून खयालों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि लहर सरगम दिलाती है लम्हों का सुबह देती है बदलावों से जुड़कर इशारों कि सौगात उजालों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि मुस्कान आवाज दिलाती है लहरों का रोशनी देती है कदमों से मिलकर जज्बातों कि पहचान राहों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि पहचान तलाश दिलाती है अंदाजों का नजारा देती है तरानों से जुड़कर आशाओं कि आस लहरों कि धारा देती है।

तरानों को अंदाजों कि समझ सौगात दिलाती है दिशाओं का राह देती है किनारों से मिलकर सपनों कि परख अल्फाजों कि धारा देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...