Sunday 3 July 2022

कविता. ४४९१. सपनों संग जुड़ने से।

                                  सपनों संग जुड़ने से।

सपनों संग जुड़ने से आशाओं कि मुस्कान सहारा दिलाती है दिशाओं को उजालों कि समझ मिलती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से अंदाजों कि राह अरमान दिलाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात मिलती है तरानों को उम्मीदों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से आवाजों कि पहचान सरगम दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि राह मिलती है उजालों को इशारों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से जज्बातों कि लहर आस दिलाती है तरानों को उम्मीदों कि पुकार मिलती है बदलावों को खयालों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से अदाओं कि पुकार अल्फाज दिलाती है इरादों को जज्बातों कि राह मिलती है अंदाजों को दास्तानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से खयालों कि उम्मीद सुबह दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश मिलती है आवाजों को लम्हों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से दिशाओं कि उमंग अरमान दिलाती है राहों को किनारों कि सोच मिलती है कदमों को अफसानों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से नजारों कि तलाश खयाल दिलाती है लहरों को अफसानों कि सुबह मिलती है इशारों को अंदाजों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से दास्तानों कि रोशनी किनारा दिलाती है आवाजों को लम्हों कि सौगात मिलती है लहरों को अल्फाजों कि कोशिश देती है।

सपनों संग जुड़ने से उम्मीदों कि मुस्कान तराना दिलाती है कदमों को बदलावों कि सोच मिलती है एहसासों को अदाओं कि कोशिश देती है।

 

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