Sunday 8 May 2022

कविता. ४४३५. अरमानों को लम्हों कि कहानी।

                      अरमानों को लम्हों कि कहानी।

अरमानों को लम्हों कि कहानी आशाएं दिलाती है लहरों संग अफसानों कि सौगात पुकार जगाती है कदमों को दास्तानों कि सोच अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है सपनों संग नजारों कि सुबह एहसास जगाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी जज्बात दिलाती है बदलावों संग आशाओं कि परख उजाला जगाती है राहों को एहसासों कि तलाश अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी तराना दिलाती है उम्मीदों संग आवाजों कि धून अल्फाज जगाती है किनारों को अंदाजों कि मुस्कान अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी रोशनी दिलाती है नजारों संग इरादों कि राह आस जगाती है अफसानों को दिशाओं कि समझ अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सरगम दिलाती है खयालों संग अंदाजों कि राह बदलाव जगाती है तरानों को किनारों कि पुकार अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी कोशिश दिलाती है सपनों संग अदाओं कि समझ पहचान जगाती है नजारों को आवाजों कि सौगात अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी पहचान दिलाती है लहरों संग आशाओं कि परख पुकार जगाती है राहों को कोशिश कि सरगम अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सौगात दिलाती है बदलावों संग कदमों कि रोशनी खयाल जगाती है उजालों को अल्फाजों कि आस अक्सर इशारे देती है।

अरमानों को लम्हों कि कहानी सपना दिलाती है तरानों संग किनारों कि आहट अफसाना जगाती है अदाओं को कदमों कि आहट अक्सर इशारे देती है।

 

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