Sunday 29 May 2022

कविता. ४४५६. सपनों संग कोई कहानी।

                                 सपनों संग कोई कहानी।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर दिल कहता जाता है राहों कि पहचान दिशाओं संग किनारा सुनाकर चलती है आस संग नयी कोशिश देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर इशारा कहता जाता है नजारों कि तलाश आशाओं संग दास्तान सुनाकर चलती है रोशनी संग नयी पुकार देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर एहसास कहता जाता है तरानों कि सौगात आवाजों संग तलाश सुनाकर चलती है जज्बात संग नयी सरगम देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर सहारा कहता जाता है उजालों कि परख अंदाजों संग कोशिश सुनाकर चलती है मुस्कान संग नयी पहचान देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर जज्बात कहता जाता है इशारों कि सोच इरादों संग अरमान सुनाकर चलती है बदलाव संग नयी रोशनी देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर उजाला कहता जाता है अदाओं कि समझ राहों संग खयाल सुनाकर चलती है उम्मीद संग नयी सोच देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर इशारा कहता जाता है जज्बातों कि लहर दिशाओं संग आस सुनाकर चलती है कोशिश संग नयी परख देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर खयाल कहता जाता है अदाओं कि सरगम इशारों संग एहसास सुनाकर चलती है आवाज संग नयी सौगात देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर राह कहता जाता है लम्हों कि पुकार आशाओं संग लहर सुनाकर चलती है पहचान संग नयी उमंग देकर जाता है।

सपनों संग कोई कहानी अक्सर पुकार कहता जाता है मुस्कान कि राह अंदाजों संग सरगम सुनाकर चलती है आस संग नयी अहमियत देकर जाता है।

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