Sunday 28 August 2022

कविता. ४५४७. कदमों कि आहट से।

                                       कदमों कि आहट से।

कदमों कि आहट से कहानी इशारों कि दिशाएं देती है तरानों को अदाओं कि लहर सहारे देती है नजारों कि पहचान अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से कोशिश जज्बातों कि सोच देती है उम्मीदों को किनारों कि पुकार सरगम देती है तरानों कि सौगात अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से दास्तान राहों कि पहचान देती है सपनों को दिशाओं कि अहमियत आवाज देती है इरादों कि सोच अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से लहर लम्हों कि समझ देती है नजारों को खयालों कि सरगम बदलाव देती है अंदाजों कि सुबह अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से सोच अदाओं कि परख देती है आशाओं को बदलावों कि सौगात तलाश देती है एहसासों कि रोशनी अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से पुकार उम्मीदों कि पहचान देती है तरानों को अदाओं कि सरगम मुस्कान देती है नजारों कि अहमियत अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से आस आवाजों कि कोशिश देती है अरमानों को दास्तानों कि परख रोशनी देती है खयालों कि समझ अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से राह दास्तानों कि आशा देती है अंदाजों को राहों कि पहचान कोशिश देती है अल्फाजों कि पुकार अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से मुस्कान नजारों कि सोच देती है लहरों को इशारों कि सौगात अरमान देती है आशाओं कि पहचान अक्सर उजाले देती है।

कदमों कि आहट से सरगम कोशिश कि समझ देती है उम्मीदों को इरादों कि सोच मुस्कान देती है बदलावों कि सरगम अक्सर उजाले देती है।


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