Monday, 15 August 2022

कविता. ४५३४. दिशाओं संग उजालों कि।

                                       दिशाओं संग उजालों कि।

दिशाओं संग उजालों कि समझ सरगम जगाती है जज्बातों से अल्फाजों कि सोच इरादा दिलाती है कदमों को आस अक्सर खयालों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि कोशिश रोशनी जगाती है किनारों से आशाओं कि मुस्कान सहारा दिलाती है लहरों को सुबह अक्सर लम्हों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि आवाज तलाश जगाती है कदमों से इशारों कि सुबह एहसास दिलाती है दास्तानों को परख अक्सर इरादों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि सुबह मुस्कान जगाती है अदाओं से अंदाजों कि राह बदलाव दिलाती है नजारों को पुकार अक्सर आशाओं कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि परख पहचान जगाती है लम्हों से सपनों कि सरगम सुबह दिलाती है राहों को समझ अक्सर आवाजों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि राह अरमान जगाती है कोशिश से खयालों कि उम्मीद आस दिलाती है दास्तानों को सोच अक्सर एहसासों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि सरगम पुकार जगाती है सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है कदमों को बदलाव अक्सर लम्हों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि आस कोशिश जगाती है किनारों कि सुबह अफसाना दिलाती है लहरों को रोशनी अक्सर अंदाजों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि पहचान मुस्कान जगाती है कदमों कि आस पहचान दिलाती है उम्मीदों को समझ अक्सर इशारों कि सौगात देती है।

दिशाओं संग उजालों कि दास्तान अल्फाज जगाती है आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है लहरों को सुबह अक्सर आशाओं कि सौगात देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...