Friday 12 August 2022

कविता. ४५३१. दिशाओं को अरमानों कि।

                                      दिशाओं को अरमानों कि।

दिशाओं को अरमानों कि धाराएं कोशिश दिलाती है दास्तानों कि सुबह किनारा सुनाती है लम्हों को अफसानों कि सौगात अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि राह किनारा दिलाती है अदाओं कि समझ खयाल सुनाती है नजारों को अंदाजों कि मुस्कान अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि तलाश खयाल दिलाती है लहरों कि पुकार अल्फाज सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि लहर रोशनी दिलाती है एहसासों कि कहानी आवाज सुनाती है कदमों को आवाजों कि धून अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि सौगात आस दिलाती है तरानों कि परख पहचान सुनाती है राहों को अल्फाजों कि सरगम अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि कोशिश आवाज दिलाती है लम्हों कि रोशनी मुस्कान सुनाती है तरानों को किनारों कि कोशिश अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि उमंग सुबह दिलाती है दिशाओं कि जज्बात पुकार सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि रोशनी अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि आस एहसास दिलाती है लहरों कि समझ पहचान सुनाती है कदमों को आवाजों कि महफ़िल अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि तलाश कोशिश दिलाती है सपनों कि सरगम लहर सुनाती है लम्हों को अल्फाजों कि पहचान अहमियत देती है।

दिशाओं को अरमानों कि सुबह नजारा दिलाती है बदलावों कि पहचान सपना सुनाती है नजारों को किनारों कि पुकार अहमियत देती है।



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