Friday 26 August 2022

कविता. ४५४५. उम्मीदों कि लहर अक्सर।

                                             उम्मीदों कि लहर अक्सर।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अरमानों कि आवाज देती है सपनों को इशारों कि राह एहसास दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर आशाओं कि समझ देती है तरानों को अदाओं कि मुस्कान दास्तान दिलाती है जज्बातों को कदमों कि आहट बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अंदाजों कि आस देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ सपना दिलाती है खयालों को दास्तानों कि सौगात बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अदाओं कि परख देती है अदाओं को दिशाओं कि सोच खयाल दिलाती है लम्हों को इशारों कि पहचान बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर राहों कि पुकार देती है कदमों को उजालों कि सुबह आस दिलाती है बदलावों को लम्हों कि पुकार बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर अदाओं कि सौगात देती है तरानों को एहसासों कि रोशनी तलाश दिलाती है इरादों को नजारों कि सोच बदलाव सुनाती।

उम्मीदों कि लहर अक्सर तरानों कि धून देती है किनारों को सपनों कि सौगात कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों कि समझ बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर किनारों कि मुस्कान देती है जज्बातों को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि परख बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर कदमों कि आहट देती है अरमानों को दिशाओं कि समझ सुबह दिलाती है लहरों को इशारों कि रोशनी बदलाव सुनाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर उजालों कि सोच देती है नजारों को खयालों कि पहचान अंदाज दिलाती है इरादों को आशाओं कि सरगम बदलाव सुनाती है।

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