Monday 28 November 2022

कविता. ४६३९. उम्मीद कि लहर अक्सर।

                                   ‌  उम्मीद कि लहर अक्सर।

उम्मीद कि लहर अक्सर एहसासों कि सुबह दिलाती है लम्हों को खयालों से आशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है राहों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर आवाजों कि सरगम दिलाती है कदमों को अदाओं से इरादों कि अहमियत अफसाना सुनाती है अंदाजों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर आशाओं कि सौगात दिलाती है नजारों को दिशाओं से खयालों कि कोशिश अरमान सुनाती है तरानों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अंदाजों कि रोशनी दिलाती है जज्बातों को किनारों से अरमानों कि पुकार बदलाव सुनाती है उजालों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर दिशाओं कि आस दिलाती है अंदाजों को बदलावों से तरानों कि सोच कोशिश सुनाती है लम्हों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर जज्बातों कि मुस्कान दिलाती है किनारों को अल्फाजों से बदलावों कि राह आवाज सुनाती है खयालों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अदाओं कि सुबह दिलाती है अफसानों को कोशिश से एहसासों कि कोशिश आस सुनाती है तरानों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर अफसानों कि समझ दिलाती है नजारों को कदमों से आशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है जज्बातों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर बदलावों कि सोच दिलाती है इशारों को दास्तानों से नजारों कि सोच परख सुनाती है अल्फाजों कि धाराएं देकर जाती है।

उम्मीद कि लहर अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है अदाओं को किनारों से अफसानों कि समझ सपना सुनाती है कदमों कि धाराएं देकर जाती है।

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