Friday 18 November 2022

कविता. ४६२९ अंदाजों को बदलावों कि।

                                           अंदाजों को बदलावों कि।

अंदाजों को बदलावों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लहरों से अल्फाजों कि अरमान जज्बात सुनाती है कदमों कि राह आशाओं से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सोच खयाल दिलाती है नजारों से सपनों कि कोशिश आस सुनाती है खयालों कि समझ अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सुबह दास्तान दिलाती है अदाओं से इरादों कि सौगात एहसास सुनाती है किनारों कि कोशिश अरमानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि कोशिश आस दिलाती है दिशाओं से तरानों कि पहचान पुकार सुनाती है इशारों कि आहट आवाजों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सौगात पहचान दिलाती है कदमों से आवाजों कि सरगम सुबह सुनाती है दिशाओं कि कहानी जज्बातों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि राह कोशिश दिलाती है लहरों से किनारों कि मुस्कान पहचान सुनाती है लम्हों कि आहट अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि परख रोशनी दिलाती है आशाओं से कदमों कि पुकार सोच सुनाती है अरमानों कि पुकार दास्तानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि पुकार अरमान दिलाती है दास्तानों से आशाओं कि सरगम एहसास सुनाती है लहरों कि सरगम खयालों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि सुबह एहसास दिलाती है अदाओं से इरादों कि कोशिश जज्बात सुनाती है नजारों कि सोच अफसानों से तलाश देकर जाती है।

अंदाजों को बदलावों कि आस इशारा दिलाती है नजारों से सपनों कि पहचान मुस्कान सुनाती है लम्हों कि पुकार अरमानों से तलाश देकर जाती है।

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