Monday 21 November 2022

कविता. ४६३२. एहसासों को उम्मीदों कि।

                                     एहसासों को उम्मीदों कि।

एहसासों को उम्मीदों कि समझ अरमान सुनाती है आशाओं कि कहानी अक्सर आवाजों कि धून पहचान देती है सपनों से अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि सोच अल्फाज सुनाती है नजारों कि सोच अक्सर दास्तानों कि परख अहमियत देती है उजालों से दिशाओं कि समझ सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि लहर कोशिश सुनाती है तरानों कि सुबह अक्सर अंदाजों कि रोशनी खयाल देती है कदमों से जज्बातों कि मुस्कान सरगम दिलाती है।

एहसासों कोशिश उम्मीदों कि सौगात तलाश सुनाती है लम्हों कि पुकार अक्सर इशारों कि आस अफसाना देती है किनारों से आशाओं कि राह सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि पुकार सपना सुनाती है आवाजों कि धून अक्सर बदलावों कि अदा उमंग देती है जज्बातों से लहरों कि खयाल सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि परख लम्हा सुनाती है अरमानों कि सुबह अक्सर उजालों कि समझ किनारा देती है अफसानों से दास्तानों कि अदा सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि राह बदलाव सुनाती है लहरों कि कोशिश अक्सर खयालों कि सोच रोशनी देती है इशारों से अंदाजों कि पुकार सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि उमंग सौगात सुनाती है नजारों कि पहचान अक्सर आवाजों कि तलाश सहारा देती है अदाओं से इरादों कि सुबह सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि आवाज खयाल सुनाती है अंदाजों कि आस अक्सर कदमों कि आहट अहमियत देती है दास्तानों से आशाओं कि तलाश सरगम दिलाती है।

एहसासों को उम्मीदों कि रोशनी दास्तान सुनाती है तरानों कि पुकार अक्सर उजालों कि राह अल्फाज देती है अरमानों से लहरों कि सौगात सरगम दिलाती है।


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