Monday 14 November 2022

कविता. ४६२५. उजालों कि पुकार अक्सर।

                                    उजालों कि पुकार अक्सर।

उजालों‌ कि पुकार अक्सर आशाओं कि तलाश दिलाती है एहसासों कि सोच से आवाजों कि परख पहचान सुनाती है कदमों कि राह बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि सुबह दिलाती है किनारों कि मुस्कान से अरमानों कि सौगात खयाल सुनाती है कोशिश कि तलाश बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर अदाओं कि पहचान दिलाती है कदमों कि आहट से अंदाजों कि आस दास्तान सुनाती है तरानों कि सुबह बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर दिशाओं कि समझ दिलाती है सपनों कि अल्फाज से कदमों कि आहट अहमियत सुनाती है नजारों कि सोच बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर जज्बातों कि आस दिलाती है लहरों कि सरगम से खयालों कि पहचान इशारा सुनाती है आवाजों कि समझ बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर राहों कि मुस्कान दिलाती है इशारों कि रोशनी से जज्बातों कि उमंग कोशिश सुनाती है तरानों कि परख बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर तरानों कि समझ दिलाती है लम्हों कि कोशिश से आशाओं कि सरगम तलाश सुनाती है अदाओं कि सौगात बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि आहट दिलाती है नजारों कि लकीर से अरमानों कि मुस्कान तराना सुनाती है आवाजों कि धून बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर इशारों कि परख दिलाती है दिशाओं कि सोच से एहसासों कि रोशनी जज्बात सुनाती है लहरों कि सरगम बदलाव देती है।

उजालों कि पुकार अक्सर आवाजों कि धून दिलाती है इरादों कि सौगात से अंदाजों कि आस सरगम सुनाती है दास्तानों कि मुस्कान बदलाव देती है।

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