Sunday 13 November 2022

कविता. ४६२४. उमंग के सपनों कि।

                                             उमंग के सपनों कि।

उमंग के सपनों कि आहट पहचान दिलाती है लम्हों कि रोशनी से उजालों कि सुबह अफसाना देती है आशाओं को बदलावों कि सौगात एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि लहर कोशिश दिलाती है नजारों कि सोच से अंदाजों कि रोशनी अरमान देती है कदमों को जज्बातों कि मुस्कान एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि राह खयाल दिलाती है लहरों कि सरगम से इशारों कि सौगात नजारा देती है दास्तानों को आवाजों कि धून एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सुबह तलाश दिलाती है आशाओं कि राह से उम्मीदों कि पहचान पुकार देती है इशारों को लम्हों कि आहट एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि आस अल्फाज दिलाती है अंदाजों कि बदलाव से इरादों कि राह पहचान देती है किनारों को सपनों कि लहर एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि परख अरमान दिलाती है राहों कि रोशनी से जज्बातों कि सरगम इशारा देती है नजारों को दिशाओं कि सुबह एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि समझ परख दिलाती है अरमानों कि सौगात से दास्तानों कि पहचान उम्मीद देती है अंदाजों को खयालों कि रोशनी एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सौगात सरगम दिलाती है एहसासों कि सोच से तरानों कि सुबह इरादा देती है कदमों को उजालों कि परख एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि सोच तलाश दिलाती है उजालों कि आस से जज्बातों कि मुस्कान आस देती है तरानों को अल्फाजों कि राह एहसास देती है।

उमंग के सपनों कि कोशिश नजारा दिलाती है लहरों कि सरगम से अंदाजों कि परख रोशनी देती है आशाओं को बदलावों कि सोच एहसास देती है।

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