Saturday, 3 May 2025

कविता. ५४९६. लम्हों को अरमानों की।

                          लम्हों को अरमानों की।

लम्हों को अरमानों की सोच एहसास दिलाती है इशारों की तलाश अक्सर अफसाना सुनाती है अंदाजों संग समझ दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की आस कोशिश दिलाती है उजालों की सुबह अक्सर आवाज सुनाती है तरानों संग अदा दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की उमंग सरगम दिलाती है कदमों की अहमियत अक्सर दास्तान सुनाती है किनारों संग रोशनी दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की तलाश सहारा दिलाती है अफसानों की सोच अक्सर उम्मीद सुनाती है आशाओं संग आस दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की राह इरादा दिलाती है लहरों की कहानी अक्सर अल्फाज सुनाती है एहसासों संग जज्बात दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की रोशनी सौगात दिलाती है खयालों की सरगम अक्सर मुस्कान सुनाती है दिशाओं संग आवाज दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की परख तराना दिलाती है उजालों की सौगात अक्सर पहचान सुनाती है अफसानों संग कोशिश दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की खयाल मुस्कान दिलाती है राहों की रोशनी अक्सर इरादा सुनाती है अल्फाजों संग लहर दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की समझ किनारा दिलाती है बदलावों की पुकार अक्सर आस सुनाती है नजारों संग सुबह दिलाती है।

लम्हों को अरमानों की आहट पहचान दिलाती है लहरों की कहानी अक्सर इरादा सुनाती है खयालों संग पहचान दिलाती है।


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