Sunday 22 August 2021

कविता. ४१७७. वादों कि डोर हर पल।

                                                         वादों कि डोर हर पल।
वादों कि डोर हर पल जीवन मे उलझती जाती है हर लम्हा कोई नयी रोशनी संग उम्मीद कि धारा लाती है खयालों को समझ कर किनारों कि सरगम आस दिलाती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह जगाती है तरानों को बदलाव कि सौगात इशारा देती है आवाजों को अंदाजों कि पहचान नजारा देती है लहरों को अफसानों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल नजारों मे मिलकर मुस्काती है हर लहर कोई नयी समझ संग दास्तान कि आहट लाती है आशाओं को परख कर कदमों कि कहानी उमंग दिलाती है जज्बातों को इरादों कि सोच जगाती है नजारों को एहसासों कि सरगम पुकार देती है अदाओं को नजारों कि तलाश सपना देती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल दास्तानों मे उलझकर समझाती है हर आस कोई नयी राह संग सुबह कि रोशनी लाती है इशारों को आजमा कर कोशिश कि सुबह दास्तान दिलाती है आशाओं को अंदाजों कि समझ जगाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून एहसास देती है उजालों को अदाओं कि सौगात बदलाव देती है कदमों को इशारों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल जज्बातों मे मिलकर जाती है हर रोशनी कोई नयी कहानी संग उमंग कि पहचान लाती है कदमों को समझ कर बदलावों कि धाराएं पुकार दिलाती है दास्तानों को नजारों कि तलाश जगाती है राहों को उम्मीदों कि सौगात अफसाना देती है अल्फाजों को इरादों कि पहचान लहर देती है आशाओं को अंदाजों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल आवाजों मे परखकर आती है हर किनारा कोई नयी सौगात संग उम्मीद कि परख लाती है लहरों को समझ कर अरमानों कि रोशनी इशारा दिलाती है आवाजों को उजालों कि सोच जगाती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं पहचान देती है अंदाजों को सपनों कि कोशिश सरगम देती है कोशिश को आशाओं कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल अंदाजों मे उलझकर समझाती है हर दास्तान कोई नयी सरगम संग राहों कि मुस्कान लाती है किनारों को आजमा कर आवाजों कि धून एहसास दिलाती है दास्तानों को जज्बातों कि पुकार जगाती है अदाओं को नजारों कि अहमियत सपना देती है जज्बातों को इरादों कि प्यास देती है अल्फाजों को खयालों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल आशाओं मे मिलकर मुस्काती है हर नजारा कोई नयी समझ संग एहसासों कि सौगात लाती है उमंग को परख कर कदमों कि कहानी अफसाना दिलाती है आशाओं को इरादों कि समझ जगाती है आवाजों को अल्फाजों कि सरगम अरमान देती है एहसासों को रोशनी कि सौगात देती है अंदाजों को बदलावों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल आवाजों मे उलझकर आती है हर लहर कोई नयी पुकार संग कदमों कि आहट लाती है इशारों को समझ कर बदलावों कि धाराएं पहचान दिलाती है तरानों को सपनों कि कहानी जगाती है आशाओं को अंदाजों कि कोशिश बदलाव देती है लहरों को अफसानों कि परख देती है आवाजों को उजालों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल अदाओं मे परखकर लाती है हर कोशिश कोई नयी सौगात संग किनारों कि तलाश लाती है तरानों को आजमा कर दास्तानों कि अदाएं पुकार दिलाती है जज्बातों को इरादों कि सोच जगाती है दिशाओं को अरमानों कि सोच समझ देती है नजारों को बदलावों कि धाराएं देती है उम्मीदों को आवाजों कि सुबह देती है।
वादों कि डोर हर पल दिशाओं मे मिलकर मुस्काती है हर कदम कोई नयी परख संग दास्तान कि आहट लाती है कदमों को परख कर इशारों कि पहचान सहारा दिलाती है बदलावों को इशारों कि रोशनी जगाती है आशाओं को अंदाजों कि सरगम सौगात देती है उजालों को इशारों कि सोच देती है लहरों को अफसानों कि सुबह देती है।


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