Monday 6 December 2021

कविता. ४२८३. आशाओं को उमंग संग।

                                                       आशाओं को उमंग संग।

आशाओं को उमंग संग इशारों कि पहचान आस देती है कदमों से दास्तानों कि आहट अफसाना देती है लहरों को अरमानों कि सुबह आवाज दिलाती है लम्हों मे अदाओं कि कहानी तलाश देती है जज्बातों से मुस्कान कि दिशाएं सरगम दिलाती है आवाजों से कदमों कि सौगात इशारा देती है खयालों को इरादों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग किनारों कि कहानी कोशिश देती है दिशाओं से आवाजों कि धून एहसास देती है लम्हों को एहसासों कि समझ अदाएं दिलाती है उजालों मे इशारों कि परख बदलाव देती है किनारों से अदाओं कि तलाश सपना दिलाती है लहरों से अफसानों कि पुकार रोशनी देती है कदमों को इशारों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग नजारों कि राह एहसास देती है तरानों से अरमानों कि सुबह आस देती है दिशाओं को अफसानों कि परख किनारा दिलाती है जज्बातों मे अंदाजों कि समझ अल्फाज देती है कोशिश से खयालों कि समझ पहचान दिलाती है लम्हों से बदलावों कि कोशिश राह देती है नजारों को एहसासों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग जज्बातों कि पुकार रोशनी देती है राहों से नजारों कि तलाश सपना देती है अदाओं को उजालों कि परख समझ दिलाती है उम्मीदों मे अफसानों कि सौगात आवाज देती है किनारों से अंदाजों कि आस अहमियत दिलाती है नजारों से आवाजों कि धून एहसास देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग दास्तानों कि सुबह अरमान देती है अंदाजों से लम्हों कि सोच मुस्कान देती है दिशाओं को बदलावों कि धाराएं कोशिश दिलाती है आवाजों मे अदाओं कि तलाश सुबह देती है नजारों से आवाजों कि धून तराना दिलाती है उजालों से दास्तानों कि सरगम परख देती है लहरों को अफसानों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग तरानों कि सौगात खयाल देती है किनारों से अंदाजों कि समझ अदाएं देती है नजारों को एहसासों कि समझ अदाएं दिलाती है कदमों मे अफसानों कि परख किनारा देती है बदलावों से अदाओं कि कहानी मुस्कान दिलाती है सपनों से आवाजों कि तलाश सपना देती है राहों को उम्मीदों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग किनारों कि सुबह एहसास देती है उम्मीदों से लम्हों कि सौगात इशारा देती है कोशिश को उजालों कि सुबह अरमान दिलाती है इशारों मे अदाओं कि कहानी पहचान देती है दास्तानों से आवाजों कि तलाश सपना दिलाती है लहरों से अफसानों कि समझ कोशिश देती है कदमों को इरादों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग कोशिश कि आस पुकार देती है कदमों से आवाजों कि सोच सहारा देती है लहरों को अफसानों कि सौगात इशारा दिलाती है तरानों मे खयालों कि सुबह एहसास देती है दिशाओं से जज्बातों कि सरगम परख दिलाती है लम्हों से अरमानों कि दास्तान नजारा देती है आवाजों को अल्फाजों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग नजारों कि तलाश सपना देती है दिशाओं से अंदाजों कि समझ अदाएं देती है किनारों को जज्बातों कि सरगम मुस्कान दिलाती है दास्तानों मे अदाओं कि राह अरमान देती है तरानों से आवाजों कि सरगम पुकार दिलाती है नजारों से खयालों कि सौगात बदलाव देती है अरमानों को एहसासों कि सोच देती है।

आशाओं को उमंग संग आवाजों कि धून अफसाना देती है दास्तानों से बदलावों कि सुबह आस देती है नजारों को एहसासों कि समझ तलाश दिलाती है लम्हों मे अफसानों कि परख कोशिश देती है जज्बातों से मुस्कान कि दिशाएं सरगम दिलाती है आवाजों से कदमों कि आहट अल्फाज देती है अंदाजों को सपनों कि सोच देती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...