Friday, 14 June 2024

कविता. ५२०३. लहरों को नजारों की।

                               लहरों को नजारों की।

लहरों को नजारों की सुबह पहचान दिलाती है लम्हों को किनारों की पुकार अहमियत दिलाती है अरमानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की कोशिश रोशनी दिलाती है राहों को अंदाजों की आस उमंग दिलाती है जज्बातों को अल्फाजों की मुस्कान सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की कहानी सौगात दिलाती है अदाओं को एहसासों की समझ उम्मीद दिलाती है उजालों को बदलावों की सोच सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की आस इरादा दिलाती है अल्फाजों को खयालों की कहानी सहारा दिलाती है कदमों को अदाओं की सौगात सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की राह एहसास दिलाती है बदलावों को दास्तानों की परख पहचान दिलाती है आशाओं को खयालों की कोशिश सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की आवाज पुकार दिलाती है अरमानों को सपनों की सुबह अफसाना दिलाती है लम्हों को इशारों की आस सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की उमंग आस दिलाती है उजालों को आशाओं की पुकार समझ दिलाती है राहों को उम्मीदों की सुबह सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की समझ दास्तान दिलाती है तरानों को दास्तानों की सोच अल्फाज दिलाती है अंदाजों को आवाजों की आस सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की सोच इशारा दिलाती है कदमों को एहसासों की आहट आवाज दिलाती है तरानों को अल्फाजों की रोशनी सरगम सुनाती है।

लहरों को नजारों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है खयालों को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है बदलावों को इरादों की कोशिश सरगम सुनाती है।





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कविता. ५४७१. लहरों की कहानी अक्सर।

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