Thursday, 20 June 2024

कविता. ५२०९. इशारों को लम्हों की।

                                इशारों को लम्हों की।

इशारों को लम्हों की कहानी अफसाना दिलाती है अल्फाजों को उम्मीद अक्सर कोशिश दिलाती है किनारों संग जज्बातों की तलाश सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की सोच अरमान दिलाती है लहरों को सौगात अक्सर एहसास दिलाती है उजालों संग मुस्कान की अहमियत सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की पुकार पहचान दिलाती है दास्तानों को राह अक्सर जज्बात दिलाती है दिशाओं संग आवाजों की सुबह सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की सौगात तलाश दिलाती उजालों को पहचान अक्सर अंदाज दिलाती है राहों संग अफसानों की आहट सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की परख खयाल दिलाती है कदमों को समझ अक्सर सरगम दिलाती है दास्तानों संग आशाओं की मुस्कान सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की आस नजारा दिलाती है अदाओं को कोशिश अक्सर सोच दिलाती है एहसासों संग खयालों की सरगम सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की रोशनी जज्बात दिलाती है किनारों को आस अक्सर बदलाव दिलाती है बदलावों संग राहों की कहानी सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उमंग आवाज दिलाती है अरमानों को कदम अक्सर दास्तान दिलाती है लहरों संग उम्मीदों की आस सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की समझ सरगम दिलाती है आवाजों को धून अक्सर अहमियत दिलाती है अरमानों संग आशाओं की कोशिश सहारा दिलाती है।

इशारों को लम्हों की परख बदलाव दिलाती है सपनों को पुकार अक्सर तराना दिलाती है नजारों संग अंदाजों की परख सहारा दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...