Sunday, 8 June 2025

कविता. ५५३२. सपनों की आवाज संग।

                             सपनों की आवाज संग।

सपनों की आवाज संग आशाओं की पहचान इशारा अलगसा देती है तरानों से किनारों की मुस्कान अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग अदाओं की उमंग अल्फाज अलगसा देती है जज्बातों से कदमों की आहट अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग लहरों की तलाश किनारा अलगसा देती है नजारों से लम्हों की सरगम अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग दिशाओं की महफिल अंदाज अलगसा देती है धाराओं से अरमानों की पुकार अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग खयालों की समझ एहसास अलगसा देती है राहों से आशाओं की परख अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग धाराओं की आस उजाला अलगसा देती है दास्तानों से बदलावों की रोशनी अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग उम्मीदों की सोच तराना अलगसा देती है लम्हों से नजारों की समझ अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग बदलावों की आहट सहारा अलगसा देती है अंदाजों से राहों की कोशिश अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग दास्तानों की सौगात इरादा अलगसा देती है दिशाओं से आशाओं की पुकार अफसाना सुनाती है।

सपनों की आवाज संग धाराओं की तलाश नजारा अलगसा देती है जज्बातों से लहरों की आस अफसाना सुनाती है।

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