Sunday 6 June 2021

कविता. ४१०३. नजारों संग कोई उम्मीद।

                                                    नजारों संग कोई उम्मीद।

नजारों संग कोई उम्मीद सहारे देती है दास्तानों को खयालों कि पहचान इशारे देती है आशाओं को उजालों कि समझ अदाएं देती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान तराना देती है किनारों को जज्बातों कि सौगात तलाश देती है अदाओं को अंदाजों कि रोशनी सहारे देती है राहों को अरमानों कि सुबह परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद रोशनी देती है कदमों को इशारों कि पुकार कोशिश देती है तरानों को बदलावों कि सुबह एहसास देती है जज्बातों को इरादों कि सोच समझ देती है कदमों को अफसानों कि सरगम पुकार देती है लहरों को अल्फाजों कि पहचान सरगम देती है दास्तानों को एहसासों कि उमंग परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद किनारा देती है लहरों को अफसानों कि समझ सरगम देती है सपनों को आशाओं कि कहानी कोशिश देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं बदलाव देती है इशारों को खयालों कि आस पहचान देती है आवाजों को अल्फाजों कि सौगात तलाश देती है दिशाओं को कदमों कि आहट परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद सौगात देती है दिशाओं को अंदाजों कि आस पुकार देती है किनारों को जज्बातों कि सरगम पुकार देती है रोशनी को लहरों कि अहमियत नजारा देती है दास्तानों को एहसासों कि लहर आस देती है खयालों को राहों कि मुस्कान तराना देती है अफसानों को जज्बातों कि सोच परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद कोशिश देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं सुबह देती है कदमों को अदाओं कि तलाश सपना देती है अल्फाजों को खयालों कि समझ एहसास देती है आशाओं को इशारों कि सरगम पहचान देती है दिशाओं को दास्तानों कि सौगात इशारा देती है राहों को मुस्कान कि दिशाएं परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद तलाश देती है किनारों को इरादों कि समझ आस देती है अंदाजों को बदलावों कि पहचान इरादा देती है कदमों को अरमानों कि लहर किनारा देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह आवाज देती है जज्बातों को तरानों कि राह अरमान देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद पुकार देती है दास्तानों को खयालों कि सोच एहसास देती है कदमों को इशारों कि सरगम तलाश देती है दिशाओं को उजालों कि सौगात कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि समझ अदाएं देती है अंदाजों को बदलावों कि धाराएं सौगात देती है रोशनी को लहरों कि पुकार परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद अदाएं देती है रोशनी को लहरों कि आहट अफसाना देती है दिशाओं को दास्तानों कि सोच अरमान देती है किनारों को इरादों कि पहचान सहारा देती है अंदाजों को बदलावों कि सरगम आस देती है आशाओं को लहरों कि सोच बदलाव देती है किनारों को आवाजों कि धून परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद जज्बात देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ बदलाव देती है राहों को मुस्कान कि दिशाएं सुबह देती है दास्तानों को एहसासों कि पुकार कोशिश देती है आशाओं को किनारों कि तलाश सपना देती है अरमानों को दिशाओं कि धाराएं लहर देती है कदमों को इरादों कि सुबह परख देती है।

नजारों संग कोई उम्मीद इशारा देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच पहचान देती है किनारों को आशाओं कि कहानी रोशनी देती है अदाओं को उजालों कि सौगात एहसास देती है लहरों को अफसानों कि समझ उजाला देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ सपना देती है राहों को इशारों कि सोच परख देती है।



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