Wednesday, 2 July 2025

कविता. ५५५६. किनारों संग लहरों की।

                         किनारों संग लहरों की।

किनारों संग लहरों की कहानी पहचान दिलाती है जज्बातों को बदलावों की आस मुस्कान सुनाती है नजारों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की आहट तलाश दिलाती है दास्तानों को अरमानों की सोच अफसाना सुनाती है एहसासों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की अल्फाज कोशिश दिलाती है तरानों को इशारों की आवाज अहमियत सुनाती है कदमों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की उमंग खयाल दिलाती है राहों को उजालों की सुबह एहसास सुनाती है आवाजों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की सौगात इशारा दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया सरगम सुनाती है लम्हों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की धून अफसाना दिलाती है दिशाओं को कदमों की समझ तलाश सुनाती है अंदाजों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की रोशनी सपना दिलाती है अदाओं को इरादों की सोच अरमान सुनाती है जज्बातों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की उम्मीद सरगम दिलाती है आशाओं को तरानों की आहट बदलाव सुनाती है अरमानों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की कोशिश लहर दिलाती है सपनों को खयालों की राह अफसाना सुनाती है लम्हों की पुकार दिलाती है।

किनारों संग लहरों की दास्तान उम्मीद दिलाती है कदमों को नजारों की धून बदलाव सुनाती है अदाओं की पुकार दिलाती है।

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कविता. ५५५६. किनारों संग लहरों की।

                         किनारों संग लहरों की। किनारों संग लहरों की कहानी पहचान दिलाती है जज्बातों को बदलावों की आस मुस्कान सुनाती है नजारों...