Sunday 13 January 2019

कविता. २६२९. किनारों को देखते देखते सुबह।

                                    किनारों को देखते देखते सुबह।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग दुनिया अक्सर उलझ जाती है कदमों को आशाओं कि नयी नाव अक्सर भाती है परख को अदाओं कि कोशिश इशारे देती जाती है अल्फाज को जज्बातों कि समझ इशारे कि सोच देती है दास्तान को दिशाओं कि सौगात देती है लहरों संग आशाओं कि सुंदरता अफसाने देती है एहसासों को आवाजों कि पुकार देती है धून को एहसासों कि कहानी एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग कहानी अक्सर आशाएं देती है आवाज को पुकार कि जरुरत नयी दास्तान देती है लहरों को तोहफों कि सौगात दिलाती है सपनों कि दुनिया को आवाजों कि पुकार देती है परख को अदाओं कि जरुरत इशारे देती है दास्तान को दिशाओं कि उम्मीद देती है नजारे को कदमों कि उमंग तराने देती है आस को उजालों कि रोशनी देती है दास्तान को लहरों कि आस एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग आशाएं अक्सर अदाएं देती है अंदाजों को खयालों कि सौगात नयी परख देती है किनारों को अफसानों कि उमंग देती है नजारे को एहसासों कि राह लहरों कि तलाश देती है परख को अदाओं कि कोशिश देती है लहरों के संग एहसासों कि सुबह देती है कहानी को खुशियों कि दिशाएं आस देती है किनारे को आशाओं कि सौगात देती है आवाज को पुकार कि राह एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग दास्तान अक्सर राहे देती है अफसानों को नजारों कि उमंग नयी खुशी देती है एहसास को अफसानों कि साथ देती है किनारे को आशाओं कि सुंदरता लहरों से जुडकर नजारे देती है सुबह को सांसों कि दुआएं देती है लहरों के संग बदलावों कि परख देती है एहसास को आशाओं कि सौगात देती है नजारे को कदमों कि आहट देती है दास्तान को खयाल कि सोच एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग आशाएं अक्सर अदाएं देती है आवाज को पुकार कि ताकत नयी राह देती है दास्तान को दिशाओं कि उमंग देती है अफसाने को खयालों कि उमंग लहरों के कदमों के संग देती है तराने को एहसासों कि सुबह देती है जज्बात को अफसानों कि आदत देती है एहसास को अल्फाजों कि रोशनी देती है लहरों को परख लेने कि सौगात देती है तराने को आवाज कि पुकार एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग इशारे अक्सर आशाएं देती है अंदाजों को कहानियों कि सांस नयी परख देती है अफसाने को दिशाओं कि उम्मीद देती है नजारों को एहसासों कि राह देती है दास्तान को लहरों के बदलाव खयाल देती है कदमों को अफसानों कि उमंग तराने देती है उजाले को एहसासों कि सुबह रंगों कि उमंग देती है नजारे को कदमों को बदलावों कि आस देती है दास्तान को दिशाओं कि उम्मीद एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग आशाओं कि राह अक्सर अदाएं देती है बदलावों को जज्बातों कि सौगात नयी परख देती है नजारे को अफसानों कि उमंग देती है खयालों कि दिशाएं नयी खुशी देती है लहरों कि पहचान बदलाव कि आंधी देती है लहरों पर चलने कि उम्मीद देती है नयी सुबह को बदलावों कि आस देती है नजारे को एहसासों कि सुबह उजाले देती है रोशनी को अफसानों कि उमंग एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग परख कि उमंग अक्सर आशाएं देती है दास्तानों को आवाजों कि धून नयी पहचान देती है एहसास को अल्फाजों कि रोशनी देती है लहर के हर एहसास को बदलावों कि कोशिश देती है आशाओं को नजारों कि सौगात देती है पहचान को दास्तानों कि दुनिया देती है अदाओं को बदलावों कि आस नजारे देती है दास्तान को दिशाओं को आवाजों कि धून एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग आशाओं कि सौगात अक्सर राहे देती है नजारों को एहसासों कि राह नयी रोशनी देती है उम्मीद को अल्फाजों कि जरुरत रोशनी देती है लहरों को पहचान कि आशाओं कि सुंदरता सौगात देती है किनारे को नजारों को बदलावों कि आस देती है खयालों को अल्फाजों कि उमंग नजारे देती है अफसाने को दास्तान को जज्बातों कि सौगात एहसास देती है।
किनारों को देखते देखते सुबह नही गुजर पाती है लहरों के संग कहानियों कि सांस अक्सर उजाले देती है दास्तानों को जज्बातों कि पहचान नयी परख देती है नजारों को आशाओं कि सुंदरता अफसाने देती है किनारे को बदलावों कि कोशिश परख देती है तराने को एहसासों कि राह देती है समझ को बदलावों कि लहरों को मुस्कान बनने कि उमंग देती है उम्मीद को अल्फाजों कि जरुरत अफसानों कि उम्मीद एहसास देती है।

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