Saturday 5 January 2019

कविता. २६१४. कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है।

                            कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते हल्के से कतरा जाती है इरादे को अफसानों कि कोशिश राह न दिखाती है पर उंगली पकड ले उम्मीदों कि तो बाते बन जाती है इशारों को समझ लेने पर एहसासों कि राह उमंग दिलाती है सपनों कि दुनिया को रंगों कि जरुरत तलाश देकर जाती है आशाओं को अल्फाजों कि जरुरत पुकार देती है दास्तान को कदमों कि उमंग नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते एहसासों को बदलाव देकर जाती है अदाओं को दिशाओं कि उमंग पहचान देती है किनारे को लहरों कि समझ के खयालों कि सौगात देती है आशाओं को तलाश कि रोशनी देती है दास्तान को कदमों कि उमंग तराने देती है जज्बात को दिशाओं को परख देती है आवाज को पुकार कि कहानी आस देती है उजाले को एहसासों कि सुबह नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते इशारों के तराने दिखाती जाती है पुकार को आवाजों कि धून खयाल देती है आस को उम्मीदों कि पहचान के किनारों से लहर इशारे देती है खयाल को आशाओं को अल्फाजों कि जरुरत उम्मीद देती है परख को अदाओं कि कहानी देती है जज्बात को अफसानों कि रोशनी देती है तलाश को अल्फाजों कि निशानी देती है किनारे को लहरों कि आस नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते राहों के अफसाने समझकर जाती है आवाज को दिशाओं कि उमंग तराने देती है अदाओं को अल्फाजों कि रोशनी के दिशाओं से आस पुकार देती है दास्तान को कदमों कि जरुरत तलाश देती है किनारे को आशाओं कि सुंदरता समझ देती है दिशाओं को आवाजों कि धून देती है किनारे को जज्बातों कि सौगात देती है दास्तान को कदमों कि आहट नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते कदमों के खयाल देकर जाती है अंदाजों को कहानियों कि उमंग तराने देती है किनारे को लहरों कि पहचान इशारे देती है आवाज को पुकार कि कहानी एहसास देती है दास्तान को दिशाओं कि उमंग तराने देती है हर मधूर एहसास को आशाएं देती है एहसासों को अदाओं कि कोशिश देती है किनारे को आशाओं कि सौगात देती है किनारे को लहरों कि आस नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते इशारों के तराने परखकर जाती है आशाओं को अल्फाजों कि रोशनी उजाले देती है दास्तान को आवाजों कि पुकार एहसास देती है जज्बात को खयालों कि उमंग तराने देती है अंदाजों को दास्तानों कि अदाएं दुनिया देती है कदमों को अफसानों कि समझ देती है किनारे को लहरों से उलझकर उम्मीद देती है एहसास को चुपके से कह देती है आवाज को पुकार कि सुबह नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते आशाओं के किनारे को तराने देकर जाती है अदाओं को दिशाओं कि उमंग राहे देती है खयालों को अल्फाजों कि रोशनी एहसास देती है किनारे को जज्बातों कि सौगात देती है दास्तान को कदमों कि उमंग तराने देती है अंदाजों को दिशाओं कि कोशिश देती है दिशाओं को आवाजों कि धून समझ देती है दास्तान को खयालों कि उमंग देती है किनारे को लहरों कि आस नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते खयालों के एहसासों को आस देकर जाती है आवाजों को आशाओं कि सौगात इशारे देती है दिशाओं को आशाओं कि सौगात तराने देती है किनारे को लहरों कि आस देती है अंदाजों को दास्तानों कि अदाएं दुनिया देती है अफसाने को जज्बातों कि रोशनी देती है परख को लहरों कि पहचान आस देती है उजाले को राहों कि जरुरत देती है आवाज को पुकार कि उमंग नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते जज्बातों के अफसाने कि उमंग देती है परख को अदाओं कि जरुरत देती है दास्तान को कदमों कि सौगात देती है एहसास को लहरों कि आस नजारे देती है किनारे को आशाओं कि सुंदरता देती है अंदाजों को दास्तानों कि परख देती है जज्बात को खयालों कि उमंग देती है कदमों को अल्फाजों कि उमंग देती है तलाश को अल्फाजों कि उमंग देती है अदाओं को राह कि सौगात नजारे देती है।
कुछ कहने कि कोशिश अक्सर अधूरी रह जाती है जब बात जबान पर आते आते किनारों कि समझ खयाल देती है दास्तान को दिशाओं कि उमंग देती है उम्मीद को अल्फाजों कि जरुरत देती है दिशाओं को कदमों कि रोशनी उजाले देती है आवाज को पुकार कि जरुरत इशारे देती है आवाज को पुकार कि जरुरत परख देती है जज्बात को खयालों कि सौगात देती है उम्मीद को अफसानों कि राह देती है एहसासों को दिशाओं कि उमंग नजारे देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६१. अरमानों को कदमों की।

                                अरमानों को कदमों की। अरमानों को कदमों की आहट सरगम देती है खयालों को अंदाजों की समझ सपना दिलाती है दास्तानों ...