Wednesday 31 July 2019

कविता. ३०२८. एक खयाल से एक आंधीसी उठती है।

                                                              एक खयाल से एक आंधीसी उठती है।
एक खयाल से एक आंधीसी उठती है कदमों को जज्बातों कि समझ उमंग देती है उम्मीदों को तरानों कि आवाज सरगम देती है दास्तानों को दिशाओं कि तलाश इशारे देती है किनारों को लहरों कि कहानी देती है अल्फाजों कि आहट पुकार देती है परख को कोशिश कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अरमानों कि सोच बदलाव देती है अदाओं को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है किनारों को अंदाजों कि तलाश तराने देती है सपनों को पहचान कि रोशनी उजाले देती है उम्मीदों को आशाओं कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अफसाने कि राह दास्ताने देती है किनारों को अंदाजों कि कोशिश अदाएं देती है अल्फाजों को दिशाओं कि परख उम्मीदे देती है कदमों को जज्बातों कि अदा तराने देती है दास्तानों को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है दास्तानों को अरमानों कि सोच पहचान देती है कदमों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है अल्फाजों को अरमानों कि परख उजाले देती है किनारों को लहरों कि समझ नजारे देती है दास्तानों को बदलावों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि समझ एहसास देती है अदाओं को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है अल्फाजों को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है दिशाओं को अंदाजों कि पुकार अहमियत देती है किनारों को लहरों कि तलाश नजारे देती है अदाओं को जज्बातों कि सोच पहचान देती है आशाओं को कोशिश कि परख उजाले देती है रोशनी को दिशाओं कि परख उम्मीदे देती है दास्तानों को अरमानों कि सोच बदलाव देती है अल्फाजों को राहों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है आशाओं को कोशिश कि पहचान अल्फाज देती है दास्तानों को जज्बातों कि सोच सुबह देती है कोशिश को अफसानों कि आवाज धून देती है किनारों को अंदाजों कि तलाश तराने देती है आशाओं को अरमानों कि सोच उजाले देती है कदमों को अंदाजों कि कोशिश अफसाने देती है दिशाओं को अदाओं कि परख किनारे देती है अल्फाजों को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ तराने देती है अदाओं को अंदाजों कि समझ बदलाव देती है अल्फाजों को अरमानों कि सोच पहचान देती है परख को कोशिश कि समझ उमंग देती है दास्तानों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है किनारों को लहरों कि सरगम धून देती है आशाओं को कोशिश कि परख उजाले देती है अदाओं को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है किनारों को अंदाजों कि कोशिश अफसाने देती है अल्फाजों को अरमानों कि सोच बदलाव देती है दिशाओं को कदमों कि तलाश इशारे देती है राहों को अफसानों कि समझ उमंग देती है अफसानों को दास्तानों कि समझ उमंग देती है किनारों को अंदाजों कि कोशिश अदाएं देती है अल्फाजों को लहरों कि राह उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है आशाओं को कदमों कि सोच बदलाव देती है किनारों कि सुबह उजाले देती है अदाओं को जज्बातों कि परख उम्मीदे देती है अल्फाजों को अरमानों कि तलाश इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ उम्मीद देती है तरानों को अरमानों कि सोच पहचान देती है दास्तानों को किनारों कि लहर सपने देती है हर आस को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है किनारों को अंदाजों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों कि कहानी उजाले देती है आशाओं को कोशिश कि समझ उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि सोच पहचान देती है अल्फाजों को अरमानों कि सोच बदलाव देती है दास्तानों को अंदाजों कि कोशिश अफसाने देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ उमंग देती है लहर को कदमों कि तलाश सहारे देती है।
हर खयाल से एक आंधीसी उठती है आशाओं को कोशिश कि तलाश इशारे देती है अदाओं कि परख उम्मीदे देती है दास्तानों को अंदाजों कि कोशिश अफसाने देती है तरानों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है आशाओं को एहसासों कि समझ उमंग देती है उजालों को नजारों कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को किनारों कि सुबह इशारे देती है एहसासों को कदमों कि तलाश सहारे देती है।

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