Sunday 28 February 2021

कविता. ४००५. सुबह को कदमों कि आहट।

                                                     सुबह को कदमों कि आहट।

सुबह को कदमों कि आहट अफसाना देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम सौगात देती है तरानों को दिशाओं कि धाराएं पहचान देती है नजारों को एहसासों कि समझ जज्बात देती है बदलावों को इशारों कि सोच अरमान देती है रोशनी से जुडकर आस पुकार देती है इशारों को खयालों कि समझ बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट अदाएं देती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा देती है उजालों को इरादों कि सोच अहमियत देती है अंदाजों को तरानों कि राह आस देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम आस देती है कदमों से जुडकर आवाज देती है लहरों को अफसानों कि पहचान बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट समझ देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह आस देती है अंदाजों को तरानों कि सौगात अरमान देती है लहरों को अफसानों कि राह सरगम देती है कदमों को इरादों कि पुकार सहारे देती है जज्बातों से जुडकर अल्फाज देती है अंदाजों को सपनों कि तलाश बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट सपना देती है नजारों को एहसासों कि सौगात तलाश देती है दिशाओं को दास्तानों कि लहर कोशिश देती है बदलावों को इशारों कि सोच नजारा देती है खयालों को अरमानों कि सुबह आस देती है अंदाजों से जुडकर रोशनी देती है आशाओं को अदाओं कि परख बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट एहसास देती है तरानों को सपनों कि आस पुकार देती है किनारों को इरादों कि सोच अहमियत देती है लहरों को उजालों कि सुबह परख देती है कोशिश को एहसासों कि समझ अदाएं देती है नजारों से जुडकर आस देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट अरमान देती है किनारों को इरादों कि सोच सरगम देती है लहरों को उजालों कि सरगम कोशिश देती है दास्तानों को खयालों कि समझ अदाएं देती है किनारों को जज्बातों कि परख बदलाव देती है राह से जुडकर सौगात देती है अदाओं को उजालों कि परख बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट अफसाना देती है लहरों को अफसानों कि परख बदलाव देती है कदमों को इशारों कि पहचान सौगात देती है किनारों को जज्बातों कि पुकार रोशनी देती है नजारों को एहसासों कि समझ अदाएं देती है कोशिश से जुडकर सरगम देती है अंदाजों को तरानों कि तलाश बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दास्तानों को खयालों कि समझ सरगम देती है लहरों को अफसानों कि परख कोशिश देती है लहरों को अल्फाजों कि सरगम पुकार देती है नजारों को उम्मीदों कि समझ आवाज देती है कदमों से जुडकर रोशनी देती है खयालों को इरादों कि सोच बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट अदाएं देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश सपना देती है किनारों को इरादों कि सोच अल्फाज देती है खयालों को नजारों कि पहचान इशारा देती है जज्बातों को तरानों कि राह उजाला देती है आशाओं से जुडकर आस देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट नजारा देती है किनारों को उजालों कि सुबह अरमान देती है दिशाओं को दास्तानों कि अदाएं पुकार देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ मुस्कान देती है अंदाजों को सपनों कि आस सरगम देती है जज्बातों से जुडकर एहसास देती है लहरों को अदाओं कि तलाश बदलाव देती है।

सुबह को कदमों कि आहट आस देती है अंदाजों को तरानों कि तलाश सपना देती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम पुकार देती है इशारों को आवाजों कि धून एहसास देती है अंदाजों से जुडकर आस देती है किनारों को जज्बातों कि सौगात बदलाव देती है।


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