Monday 8 February 2021

कविता. ३९८५. सपनों को अगर।

                                                        सपनों को अगर।

सपनों को अगर उम्मीद दे तो आशाएं नयी धाराओं से जुडती है पहचान कोई नया तराना लेकर आसमान को छू लेती है कोशिश को उजालों कि सुबह अरमान दिखाती है उम्मीदों को एहसासों कि सौगात इशारा देती है अंदाजों को तरानों कि कोशिश अहमियत देती है दास्तानों को किनारों को इरादों कि सोच देती है।

सपनो को अगर उमंग दे तो अदाएं नयी रोशनी से मिलती है पुकार कोई नया सपना देकर एहसासों को छू लेती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा दिखाती है कोशिश को उजालों कि सुबह अरमान देती है जज्बातों को आवाजों कि तलाश सहारा देती है नजारों को एहसासों को दिशाओं कि सोच देती है।

सपनों को अगर तलाश दे तो दिशाएं नयी पुकार से निकलती है परख कोई नया अल्फाज दिखाकर राहों को छू लेती है जज्बातों को इरादों कि सोच समझ दिखाती है तरानों को बदलावों कि धाराएं पहचान देती है कदमों को इशारों कि सुबह अरमान देती है दास्तानों को खयालों को अरमानों कि सोच देती है।

सपनों को अगर पुकार दे तो आस नयी राह से मिलती है आवाज कोई नया अफसाना सुनाकर लहरों को छू लेती है खयालों को जज्बातों कि सरगम पहचान दिखाती है कोशिश को इरादों कि सरगम समझ देती है नजारों को एहसासों कि सौगात इशारा देती है जज्बातों को इशारों को खयालों कि सोच देती है।

सपनों को अगर परख दे तो तलाश नयी कोशिश से जुडती है आस कोई नया तराना समझकर किनारों को छू लेती है आवाजों को एहसासों कि सौगात इशारा दिखाती है इरादों को एहसासों कि सौगात लहर देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम परख देती है अफसानों को जज्बातों को तरानों कि सोच देती है।

सपनों को अगर तराना दे तो खयाल नयी लहर से निकलती है अंदाज कोई नया एहसास देकर कोशिश को छू लेती है कदमों को इशारों कि पहचान सरगम दिखाती है रोशनी को जज्बातों कि पुकार नजारा देती है बदलावों को जज्बातों कि सुबह आस देती है आवाजों को उजालों को नजारों कि सोच देती है।

सपनों को अगर सरगम दे तो नजर नयी रोशनी से जुडती है एहसास कोई नया इशारा सुनाकर जज्बात को छू लेती है कोशिश को तरानों कि समझ दास्तान दिखाती है नजारों को राहों कि मुस्कान सौगात देती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा देती है दिशाओं को अरमानों को एहसासों कि सोच देती है।

सपनों को अगर पुकार दे तो आवाज नयी पहचान से मिलती है लहर कोई नया इरादा दिखाकर कोशिश को छू लेती है लहरों को अफसानों कि परख बदलाव दिखाती है किनारों को इरादों कि सोच किनारा देती है अदाओं को नजारों कि तलाश सहारा देती है आवाजों को अल्फाजों को रोशनी कि सोच देती है।

सपनों को अगर तलाश दे तो अदा नयी सरगम से जुडती है आस कोई नया उजाला देकर अफसाने को छू लेती है इशारों को अरमानों कि सुबह रोशनी देती है उम्मीदों को आशाओं कि कहानी पुकार देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं पुकार देती है कदमों संग अफसानों को जज्बातों को आशाओं कि सोच देती है।

सपनों को अगर दास्तान दे तो आशाएं नयी रोशनी से निकलती है राह कोई नया सहारा समझकर अदाएं को छू लेती है आवाजों को अल्फाजों कि तलाश जज्बात देती है कदमों को अरमानों कि सुबह नजारा देती है आशाओं को अंदाजों कि आस परख देती है किनारों को लहरों को कोशिश कि सोच देती है।

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