Monday 12 April 2021

कविता. ४०४८. किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी।

                                                  किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी पुकार देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश कोशिश देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ पहचान देती है नजारों को एहसासों कि सौगात सहारा देती है जज्बातों को इरादों कि पुकार इशारा देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह अफसाना देती है तरानों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी परख देती है कदमों को इशारों कि सुबह सपना देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश कोशिश देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ आस देती है इशारों को खयालों कि समझ आस देती है उजालों को उम्मीदों कि परख आवाज देती है नजारों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी धाराएं देती है लहरों को अफसानों कि परख बदलाव देती है राहों को मुस्कान कि दिशाएं सरगम देती है आशाओं को अंदाजों कि रोशनी अल्फाज देती है कदमों को आशाओं कि कहानी कोशिश देती है नजारों को एहसासों कि समझ अदाएं देती है तरानों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी मुस्कान देती है दास्तानों को खयालों कि समझ सरगम देती है जज्बातों को इरादों कि सोच अल्फाज देती है दिशाओं को उजालों कि सौगात इशारा देती है आवाजों को एहसासों कि सौगात तलाश देती है बदलावों को उमंग कि कहानी सुबह देती है आशाओं को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी आस देती है मुस्कान को एहसासों कि सौगात इशारा देती है अंदाजों को सपनों कि समझ पहचान देती है कदमों को अरमानों कि सरगम पुकार देती है बदलावों को जज्बातों कि पुकार अरमान देती है लहरों को अफसानों कि सौगात इशारा देती है कोशिश को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी सरगम देती है कदमों को इरादों कि सोच आवाज देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं पुकार देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ अहमियत देती है लहरों को अफसानों कि परख कोशिश देती है खयालों को उम्मीदों कि पहचान सरगम देती है राहों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी बदलाव देती है नजारों को एहसासों कि सौगात तलाश देती है जज्बातों को इरादों कि सोच पहचान देती है अरमानों को उम्मीदों कि परख सरगम देती है तरानों को सपनों कि समझ अल्फाज देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं पुकार देती है अंदाजों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी समझ देती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह पुकार देती है दास्तानों को खयालों कि समझ परख देती है नजारों को जज्बातों कि लहर अफसाना देती है उम्मीदों को आवाजों कि धून तलाश देती है कदमों को अरमानों कि सुबह एहसास देती है सपनों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी राह देती है खयालों को अंदाजों कि समझ अरमान देती है दिशाओं को दास्तानों कि अदाएं पहचान देती है दास्तानों को एहसासों कि लहर कोशिश देती है इशारों को तरानों कि राह खयाल देती है नजारों को उम्मीदों कि सौगात तलाश देती है जज्बातों को सहारा देती है।

किनारों से जुडकर रोशनी अलगसी सौगात देती है कदमों को परख कि सरगम पुकार देती है नजारों को एहसासों कि समझ परख देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं अरमान देती है कोशिश को उजालों कि सोच पहचान देती है जज्बातों को तरानों कि तलाश राह देती है लहरों को सहारा देती है।




No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

                              कोशिश की कहानी अक्सर। कोशिश की कहानी अक्सर अरमानों की पुकार सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी सौगात दिला...