Wednesday 21 April 2021

कविता. ४०५७. दास्तानों को मुस्कान संग।

                                                       दास्तानों को मुस्कान संग।

दास्तानों को मुस्कान संग जज्बातों कि सरगम पुकार देती है कदमों से जुडकर रोशनी अलगसी पहचान देती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह सपना देती है किनारों को नजारों से मिलकर आस देती है उजालों को खयालों कि सौगात तलाश देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं अहमियत से जुडकर रोशनी देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग नजारों कि परख बदलाव देती है किनारों से जुडकर आस अलगसी तलाश देती है लहरों को अफसानों कि सौगात इशारा देती है कोशिश को उम्मीदों से मिलाकर सुबह देती है तरानों को एहसासों कि समझ अदाएं देती है रोशनी को जज्बातों कि पुकार अहमियत से जुडकर लहर देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग राहों कि समझ अदाएं देती है कोशिश से जुडकर सरगम अलगसी धून देती है कदमों को इशारों कि पहचान बदलाव देती है खयालों को इरादों से मिलकर अरमान देती है जज्बातों को आशाओं कि कहानी एहसास देती है किनारों को अरमानों कि सुबह अहमियत से जुडकर आवाज देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग कदमों कि आहट अफसाना देती है सपनों से जुडकर आस अलगसी तलाश देती है किनारों को जज्बातों कि पुकार रोशनी देती है लहरों को अफसानों से मिलकर परख देती है इशारों को उम्मीदों कि परख अल्फाज देती है दिशाओं को अंदाजों कि समझ अहमियत से जुडकर तलाश देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग लहरों कि सोच सहारा देती है दिशाओं से जुडकर रोशनी अलगसी परख देती है इरादों को एहसासों कि सौगात अफसाना देती है सपनों को अंदाजों से मिलकर आवाज देती है आवाजों को अंदाजों कि समझ अदाएं देती है राहों को उम्मीदों कि सौगात अहमियत से जुडकर तराना देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग जज्बातों कि पुकार रोशनी देती है लहरों से जुडकर सुबह अलगसी सरगम देती है कदमों को इरादों कि सोच किनारा देती है उजालों को दिशाओं से मिलकर आस देती है आशाओं को लहरों कि बदलाव परख देती है दास्तानों को जज्बातों कि पहचान अहमियत से जुडकर राह देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग उम्मीदों कि सरगम परख देती है आशाओं से जुडकर आस अलगसी तलाश देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं पहचान देती है कोशिश को उम्मीदों से मिलकर परख देती है कदमों को अरमानों कि तलाश अरमान देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ अहमियत से जुडकर अदाएं देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग किनारों कि तलाश सपना देती है अंदाजों से जुडकर रोशनी अलगसी परख देती है कोशिश को उजालों कि सुबह अरमान देती है एहसासों को लम्हों से मिलकर बदलाव देती है नजारों को इरादों कि सोच पहचान देती है कदमों को अदाओं कि तलाश अहमियत से जुडकर सरगम देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग तरानों कि सुबह अरमान देती है अदाओं से जुडकर सरगम अलगसी धून देती है किनारों को आशाओं कि पहचान परख देती है आवाजों को अल्फाजों से मिलकर पुकार देती है उम्मीदों को आवाजों कि समझ अदाएं देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच अहमियत से जुडकर सौगात देती है।

दास्तानों को मुस्कान संग नजारों कि तराना किनारा देती है कदमों से जुडकर आस अलगसी तलाश देती है लहरों को अफसानों कि सुबह अरमान देती है अदाओं को नजारों से मिलकर परख देती है खयालों को इरादों कि सोच अल्फाज देती है जज्बातों को आवाजों कि धून अहमियत से जुडकर आस देती है।



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